बांसवाड़ा. पंचायत चुनाव के बीच सचिन पायलट विवाद के दौरान विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का जिन्न एक बार फिर जिंदा होता दिख रहा है. अब तक भाजपा ही यह आरोप लगा रही थी, लेकिन अब कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता और बागीदौरा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने भारतीय ट्राइबल पार्टी विधायकों पर 10-10 करोड़ रुपए लिए जाने का आरोप लगाकर मामले को हवा दे दी है.
मालवीय के वीडियो के बाद बैकफुट पर कांग्रेस
बता दें, मालवीय के एक जनसभा का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने गहलोत सरकार बचाने और राज्यसभा चुनाव में वोट देने के बदले 10-10 करोड़ रुपए दिए जाने का उल्लेख कर रहे हैं. उनके इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी, अशोक गहलोत सरकार पर हमलावर हो गई है. खुद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को टैग करते हुए जवाब मांगा है.
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बीटीपी के विधायकों ने लिए 10-10 करोड़ रुपएः मालवीय
दरअसल, 25 नवंबर को आनंदपुरी पंचायत समिति क्षेत्र के मुंदरी गांव में मालवीय ने एक सभा के दौरान कहा कि बीटीपी के दोनों ही एमएलए ने दो बार 5-5 करोड़ रुपए लिए. पूर्व मंत्री ने यह तक कहा कि दोनों ही मौकों पर बीटीपी विधायकों ने 10-10 करोड़ रुपए वसूले थे. उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से इस पर विचार करने का आह्वान करते हुए कहा कि मुझे राजनीति में इतना लंबा समय हो गया, लेकिन अब तक 10 करोड़ रुपए नहीं मिले. मुझे तो 10 करोड़ रुपए दे दें तो मैं चुपचाप घर चला जाऊं.
इस वीडियो के वायरल होने के बाद से वागड़ में ही नहीं पूरे प्रदेश की राजनीति में तूफान मच गया हैं. हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद मालवीय इस पर किसी प्रकार की टिप्पणी से बच रहे हैं और लोगों के फोन तक नहीं उठा रहे हैं. लेकिन. भारतीय ट्राइबल पार्टी कानूनी दांव पेच का रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है.
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मालवीय के आरोपी निराधार, मानहानि का केस करेंगेः बीटीपी विधायक
सांगवाड़ा के बीटीपी विधायक रामप्रसाद डिंडोर और चौरासी विधायक राजकुमार रोत ने मालवीय को सवालों के घेरे में लेते हुए कहा कि हमने सरकार को बचा लिया, जो मालवीय को खटक रहा है. हकीकत में कांग्रेस का वागड़ से राजनीतिक धरातल खिसक गया है, इसीलिए इस प्रकार के बेतुके बयान दे रहे हैं, लेकिन हम चुप नहीं बैठने वाले. डिंडोर ने कहा कि हम पर लगाए गए आरोप झूठे हैं और हम इनके खिलाफ मानहानि का केस करने की तैयारी कर रहे हैं.
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जुगाड़ की सरकार चला रहे सीएम गहलोतः सतीश पूनिया
इधर, इस मामले को लेकर राजनीतिक भूचाल आ गया है. खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मुख्यमंत्री को टैग करते हुए बाड़ेबंदी के दौरान हॉर्स ट्रेडिंग का मामला उठाया था. अब मालवीय के भाषण ने साबित कर दिया कि अशोक गहलोत जुगाड़ की सरकार चला रहे हैं. इस पर मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए.