बांसवाड़ा. कोरोना वायरस को लेकर कुशलगढ़ की हालत निरंतर बिगड़ती जा रही है. गुरुवार तड़के दो और रोगियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के साथ ही अब तक यहां पर 12 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है और अभी 61 संदिग्ध रोगियों की रिपोर्ट पेंडिंग है. ऐसे में पॉजिटिव रोगियों की संख्या और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है. इसे देखते हुए चिकित्सा विभाग ने सैंपलिंग पर अपना फोकस बढ़ा दिया है. फिलहाल कुशलगढ़ को पुलिस ने अपने कब्जे में ले रखा है और चारों तरफ से कस्बे की सीमाएं सील कर दी हैं.
सीएमएचओ डॉ. एचएल ताबीयार ने बताया कि, विभाग ने बुधवार तक 179 सैंपल जांच के लिए भेजे थे, जिनमें से गुरुवार सुबह को 2 की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब तक यहां 12 लोगों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. अब हमारा मुख्य फोकस सैंपलिंग को बढ़ाने पर है और टीमें लगातार सैंपल ले रही है. आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर की टीम लगातार सैंपल ले रही है.
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संक्रमित परिवार मुंबई से लौटा और बांटता रहा वायरस
चिकित्सा और पुलिस विभाग की पूछताछ में कस्बे में वायरस के फैलने का सच आखिर का सामने आ ही गया. पता चला है कि, कस्बे में सबसे पहले एक वृद्ध और उसके पुत्र का सैंपल पॉजिटिव आया था. संक्रमित व्यक्ति की पत्नी की 31 मार्च को जिला चिकित्सालय बांसवाड़ा में मौत हो गई थी. जिसे सस्पेक्टेड माना गया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई थी. ये पूरा परिवार 11 मार्च को मुंबई गया था और 16 मार्च को वहां से वापस लौटा. इसके अगले ही दिन 17 मार्च को जमात के सामूहिक भोज में शामिल होने के साथ 22 मार्च को वृद्धा की तबीयत बिगड़ गई. ये भी बात सामने आई है कि, 23 मार्च को लॉकडाउन लगने के बाद समाज के 9 घरों में सामूहिक नमाज अदा की गई थी. एक डॉक्टर के घर हुई नमाज में संक्रमित पिता पुत्र भी शामिल हुए थे.