बांसवाड़ा. यहां एक छात्रा से एक युवक ने छह महिने पहले दुष्कर्म किया था जिसके बाद दुष्कर्म से छात्रा को गर्भ ठहर गया. पीड़िता छात्रा के अनुसार 5 से 6 महिने पहले गांव के ही परमेश नामक युवक ने छात्रा के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. छात्रा जब सोमवार को जंगल में बकरियां चराने गई तो परमेश अपने साथी के साथ वहां पहुंचा और उसे जबरन बाइक पर बैठाकर छोटी श्रवण ले गया जहां कथित आरोपी की बहन और उसके अन्य मित्र उसे सैलाना ले गए. वहां डॉक्टर ने गर्भ का समय अधिक होना बताते हुए भारी भरकम फीस मांगी.
जिसकी व्यवस्था वह लोग नहीं कर पाए और उसे दानपुर एक निजी क्लिनिक में ले गए जहां उसे एक इंजेक्शन के बाद गोली खिलाई गई. बाद में वहां से वह लोग उससे कोटड़ा छोड़ गए. अंधेरा होने के कारण वह अपने गांव नहीं जा सकी और रात्रि कोटडा में ही गुजारने को मजबूर हो गई. दूसरे दिन उसकी तबीयत बिगड़ गई. पेट दर्द के साथ वह गिरकर बेहोश हो गई. अंततः उसे घर पहुंचाया गया. शनिवार शाम उसकी तबीयत और बिगड़ गई इस पर माता पिता अपने रिश्तेदारों के साथ उसे लेकर महात्मा गांधी चिकित्सालय आए. यहां डेढ़ से 2 घंटे तक उसका उपचार शुरू नहीं हो पाया क्योंकि पुलिस विभाग से कोई नहीं पहुंचा था जबकि परिजनों के अनुसार वह लोग आबापुरा थाना क्षेत्र के पाडला चौकी पर सूचना देकर चिकित्सालय आए थे. इधर इस संबंध में थाना प्रभारी नागेंद्र सिंह से बातचीत करने पर उन्होंने मामले के प्रति अनभिज्ञता जताई और कहा कि सूचना पर पहुंच जाएंगे वही चौकी प्रभारी पर्वत सिंह का कहना था कि वह बीमार है और बांसवाड़ा आए हुए हैं.
आप चौकी पर पवन से बात कर ले. कॉन्स्टेबल पवन से बातचीत करने पर बताया गया की वे खुद रात्रि गश्त पर हैं और हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह ही कुछ बता पाएंगे. इस प्रकार रिपोर्ट दर्ज करना तो दूर पुलिस इस मामले से पल्ला झाड़ते हुए नजर आए जबकि राज्य सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी कर महिला उत्पीड़न के मामलों को तुरंत प्रभाव से दर्ज करने का प्रावधान किया है. इस बात का पता चलते आरोपी देर रात पीड़िता को महात्मा गांधी चिकित्सालय लाया गया. लेकिन यहां पुलिस का रवैया और भी दुखद रहा. पुलिस चौकी पर सूचना के बाद भी पुलिस हॉस्पिटल नहीं पहुंची इस कारण करीब डेढ़ से 2 घंटे तक पीड़िता का इलाज शुरू नहीं हो पाया. वहीं मामले को लेकर अधिकारी अनभिज्ञता जताते रहे. पीड़िता की उम्र 15 से 16 वर्ष बताई जा रही है.