बांसवाड़ा. महात्मा गांधी चिकित्सालय ICU से कोरोना वार्ड को अलग कर दिया गया है. ICU से कोरोना वार्ड के सटे होने के कारण दूसरे मरीजों पर भी संक्रमण का साया मंडरा रहा था. इसे देखते हुए कोरोना वार्ड को जिरियाट्रिक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है. मरीजों के लिए वेंटीलेटर के साथ वार्ड को सेंट्रलाइज ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम से जोड़ दिया गया. प्रारंभिक तौर पर इस वार्ड में दस बेड उपलब्ध कराए गए हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जरूरत पड़ने पर और भी बेड बढ़ाए जाएंगे.
जिले में पिछले दिनों एकदम से पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़ने पर जिला प्रशासन ने महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए अलग से वार्ड बनाए गए. खासकर ICU (गहन चिकित्सा इकाई) से सटे कोरोना वार्ड को लेकर मरीजों के साथ-साथ नर्सिंग कर्मचारियों में भी डर बैठा हुआ था, क्योंकि दोनों वार्डों का एक ही लेट बाथ था. दूसरी बीमारियों से ग्रसित गंभीर मरीज और कोरोना रोगी एक ही लेट बाथ का उपयोग कर रहे थे. जिससे आईसीयू के मरीज संक्रमण को लेकर आशंकित थे. कुछ मरीजों ने जब इसका विरोध किया तो अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और कोरोना वार्ड को अलग किया.
कोरोना वार्ड को आईसीयू के पीछे बने जिरियाट्रिक वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. इसमें गंभीर मरीजों को रखा जाता है. फिलहाल यहां 10 बेड है और 7 पर वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है. इसके अलावा हर बेड को सेंट्रलाइज ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट से कनेक्ट कर दिया गया है, जिससे ऑक्सीजन की सीधी सप्लाई हो रही है. प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल भाटी के अनुसार जेनेटिक वार्ड को कोरोना वार्ड में तब्दील कर दिया गया है. रोगियों के लिए वेंटिलेटर के साथ-साथ ऑक्सीजन की भी सीधी सप्लाई की जा रही है. डॉ. भाटी ने बताया कि उनके पास अतिरिक्त वेंटिलेटर उपलब्ध हैं. जरूरत पड़ने पर अन्य वार्डों में भी इनका इस्तेमाल किया जा सकता है.