बांसवाड़ा. कोटा के जेके लोन हॉस्पिटल कोटा में 110 से अधिक नवजात बच्चों की मौत के बाद सरकार बचाव की मुद्रा में आ गई है. वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारियों को विभिन्न जिलों में चिकित्सा व्यवस्थाओं की टोह लेने भेजा गया है. सीनियर नोडल ऑफिसर डॉक्टर सुवालाल अचानक गुरुवार महात्मा गांधी चिकित्सालय पहुंचे और विभिन्न वार्डों का निरीक्षण किया. हालांकि निरीक्षण के बाद मानव संसाधन को देखते हुए उन्होंने व्यवस्थाओं पर संतोष जताया.
बतौर जिला प्रभारी डॉ. सुवालाल ने स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट डिलीवरी रूम ड्रग्स और डायग्नोसिस सहित विभिन्न वार्डों का अचानक निरीक्षण किया. वे हर वार्ड में पहुंचे और वहां की एक-एक व्यवस्था को बारीकी से देखा. वार्ड में बच्चों और डिलीवरी रूम में इलाज को की प्राथमिकता दी जा रही है, कहां किस प्रकार की व्यवस्था है, आदि को बारीकी से देखा गया.
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उन्होंने वार्ड प्रभारियों के साथ हॉस्पिटल प्रबंधन से भी इस बारे में जानकारी हासिल की. करीब 2 घंटे से अधिक समय तक अपने निरीक्षण के दौरान डॉ. सुवालाल ने हर व्यवस्था को सरकार के नए निर्देशों के अनुसार देखा. निरीक्षण के बाद उन्होंने मानव संसाधन को देखते हुए वर्तमान व्यवस्थाओं पर संतोष जाहिर किया.
उन्होंने बताया कि हमारा मुख्य उद्देश्य बच्चों और डिलीवरी रूम के साथ उपचार व्यवस्था में और तेजी लाना है. किस प्रकार के इलाज को प्राथमिकता दी जानी है. इसकी रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही एक प्रोटोकॉल तय करेंगे कि यहां किन-किन मरीजों का इलाज होना चाहिए और किस प्रकार के मरीजों को बिना समय गवाए रेफर करना है, इसकी पूरी रणनीति तैयार की जाएगी. वहीं मरीजों को कम से कम नुकसान हो, इस बारे में अभी प्लानिंग तैयार की जाएगी.
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उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की जिम्मेदारी तय की जाएगी, ताकि नुकसान कम से कम आंकड़े पर लाया जा सके. जिला प्रभारी डॉक्टर सुवालाल ने बताया कि निरीक्षण व्यवस्था को और भी कारगर बनाया जाएगा. पीएमओ डॉक्टर नंदलाल चरपोटा सहित चिकित्सा विभाग के अधिकारियों के साथ रहे.