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Special : 'स्पर्श' के माध्यम से बच्चों को जागरूक कर रहे हैं राजस्थान के IAS नवीन जैन

बच्चों को दुराचार की घटनाओं से बचाने और जागरूक करने के लिए आईएएस नवीन जैन एक अभियान चला रहे हैं. इस अभियान का नाम है 'स्पर्श'. इस अभियान के तहत अब तक जैन और उनकी टीम लाखों बच्चों तक पहुंच बना चुकी है. पढ़ें- विस्तृत खबर....

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Published : Feb 1, 2020, 2:05 PM IST

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बाल यौन अपराधों के प्रति बच्चों को जागरूक करने का प्रयास

बांसवाड़ा. समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान चाहे कितने ही ऊंचे पद पर क्यों ना बैठा हो, आखिरकार अपने मिशन को पूरा कर ही लेता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन का नाम ऐसे ही कुछ लोगों में शुमार किया जा सकता है, जो अपने कामकाज के अलावा समाज की भलाई में भी योगदान दे रहे हैं.

बच्चों को बाल दुराचार की घटनाओं से बचाने और जागरूक करने के लिए नवीन एक अभियान चला रहे हैं. इस अभियान का नाम है 'स्पर्श'. इस अभियान के तहत अब तक जैन और उनकी टीम लाखों बच्चों तक पहुंच बना चुकी है.

बाल यौन अपराधों के प्रति बच्चों को जागरूक करने का प्रयास

जैन अपने इसी अभियान के तहत बांसवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की और अपने अभियान के बारे में विस्तार से बताया.

यह भी पढ़ेंः Special: खंडहर में तब्दील हो रहा 82 लाख खर्च कर बनाया गया हॉस्टल, 7 साल में एक भी एडमिशन नहीं

नवीन जैन ने बताया, कि इस अभियान के तहत वह खुद और उनकी टीम के साथ प्रदेश के कई जिलों के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं. जैन और उनकी टीम प्रत्येक शनिवार और रविवार के दिन स्कूल्स में जाती है. इस दौरान उनकी टीम पहले टीचर्स को अभियान के बारे में बताती है, और उसके बाद बच्चों को समझाया जाता है.

जैन ने बताया, कि इस अभियान के पीछे उनका उद्देश्य यही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह जानकारी पहुंचा सकें, कि उन्हें दुराचार की घटनाओं से कैसे सतर्क रहना है या बचना है. इसके अलावा बच्चों को यह भी बताया जाता है कि किसी अप्रिय परिस्थिति के समय उन्हें उससे किस प्रकार निपटना है.

जैन ने बताया, कि उनकी टीम अब तक 21 जिलों में पहुंच चुकी है. लगभग 12,100 स्कूल्स में अभियान के तहत 4 लाख से अधिक बच्चों तक वे अपनी बात पहुंचा चुके हैं. स्कूल्स में अभियान के तहत 45 मिनट का एक सत्र होता है. इस सत्र में बच्चों से लेकर टीचर्स भी शामिल होते हैं.

गौरतलब है कि बाल यौन अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस तरह की ज्यादातर वारदातों में पारिवारिक पृष्टभूमि के ही लोग शामिल होते हैं. ऐसे में बच्चे समझ ही नहीं पाते कि उन्हें इस परिस्थिति से कैसे निपटना है. एक आईएएस द्वारा इस तरह मुहिम चलाना वाकई में सहायनीय कदम है.

बांसवाड़ा. समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान चाहे कितने ही ऊंचे पद पर क्यों ना बैठा हो, आखिरकार अपने मिशन को पूरा कर ही लेता है. भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन का नाम ऐसे ही कुछ लोगों में शुमार किया जा सकता है, जो अपने कामकाज के अलावा समाज की भलाई में भी योगदान दे रहे हैं.

बच्चों को बाल दुराचार की घटनाओं से बचाने और जागरूक करने के लिए नवीन एक अभियान चला रहे हैं. इस अभियान का नाम है 'स्पर्श'. इस अभियान के तहत अब तक जैन और उनकी टीम लाखों बच्चों तक पहुंच बना चुकी है.

बाल यौन अपराधों के प्रति बच्चों को जागरूक करने का प्रयास

जैन अपने इसी अभियान के तहत बांसवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत के साथ विशेष बातचीत की और अपने अभियान के बारे में विस्तार से बताया.

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नवीन जैन ने बताया, कि इस अभियान के तहत वह खुद और उनकी टीम के साथ प्रदेश के कई जिलों के सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में जा रहे हैं. जैन और उनकी टीम प्रत्येक शनिवार और रविवार के दिन स्कूल्स में जाती है. इस दौरान उनकी टीम पहले टीचर्स को अभियान के बारे में बताती है, और उसके बाद बच्चों को समझाया जाता है.

जैन ने बताया, कि इस अभियान के पीछे उनका उद्देश्य यही है कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों तक यह जानकारी पहुंचा सकें, कि उन्हें दुराचार की घटनाओं से कैसे सतर्क रहना है या बचना है. इसके अलावा बच्चों को यह भी बताया जाता है कि किसी अप्रिय परिस्थिति के समय उन्हें उससे किस प्रकार निपटना है.

जैन ने बताया, कि उनकी टीम अब तक 21 जिलों में पहुंच चुकी है. लगभग 12,100 स्कूल्स में अभियान के तहत 4 लाख से अधिक बच्चों तक वे अपनी बात पहुंचा चुके हैं. स्कूल्स में अभियान के तहत 45 मिनट का एक सत्र होता है. इस सत्र में बच्चों से लेकर टीचर्स भी शामिल होते हैं.

गौरतलब है कि बाल यौन अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. इस तरह की ज्यादातर वारदातों में पारिवारिक पृष्टभूमि के ही लोग शामिल होते हैं. ऐसे में बच्चे समझ ही नहीं पाते कि उन्हें इस परिस्थिति से कैसे निपटना है. एक आईएएस द्वारा इस तरह मुहिम चलाना वाकई में सहायनीय कदम है.

Intro:बांसवाड़ा। समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो इंसान चाहे कितने ही ऊंचे पद पर क्यों ना बैठा हो, आखिरकार अपने मिशन को पूरा कर ही लेता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी नवीन जैन का नाम ऐसे ही कुछ लोगों में शुमार किया जा सकता है जो प्रदेश का एक बड़ा विभाग संभालने के साथ-साथ व्यक्तिगत स्तर पर बच्चों को बाल दुराचार की घटनाओं से बचाने के लिए स्पर्श नाम से एक मिशन चलाए हुए हैं। जैन अपने वॉलिंटियर्स के जरिए करीब 400000 बच्चों तक पहुंच चुके हैं। ईटीवी भारत ने बतौर श्रम विभाग के सचिव जैन से बातचीत कर मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की।


Body:जैन व्यक्तिगत स्तर पर यह मिशन अपने हाथ में लिए हुए हैं। अगस्त में वॉलिंटियर गतिविधियों पर आधारित यह कार्यक्रम शुरू किया गया। इसके अंतर्गत वे खुद प्रदेश के हर इलाके में जाकर सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं कि बच्चों को किस प्रकार विभिन्न प्रकार की दुराचार की घटनाओं से बचा सकते हैं। शनिवार के दिन वे खुद सेशन लेकर अध्यापकों को प्रशिक्षित करते हैं। सुरक्षित बचपन को लेकर चलाए जा रहे इस अभिनय मिशन के अंतर्गत वॉलिंटियर्स के जरिए बच्चों को बताया जाता है कि वे इस प्रकार की विभिन्न परिस्थितियों में खुद को किस प्रकार बता सकते हैं। इस प्रकार की घटनाओं को किस प्रकार पहचाना जा सकता है। गुड और बैड टच क्या होता है। ऐसी परिस्थिति में उनके पास क्या विकल्प हो सकते हैं आदि जानकारियों पर आधारित 45 मिनट का सेशन लिया जाता है जिसमें उन्हें बकायदा पोस्टर्स के अलावा छोटी-छोटी मूवी के जरिए पेंट किया जाता है। अब तक यह मिशन 21 जिलों में पहुंच चुका है और करीब 12100 स्कूल में 15 से ज्यादा सेशन आयोजित की जा चुके हैं। इसके जरिए अब तक जैन करीब 400000 बच्चों तक पहुंच चुके हैं।


Conclusion:एक सवाल पर जैन ने बताया कि यह कैंपेन बिना किसी एक्स्ट्रा बजट के चलाया जा रहा है और पूरा लोगों की भावनाओं पर आधारित है। मिशन के तहत वॉलिंटियर्स तैयार किए जाते हैं जो कि अपने-अपने स्कूलों में प्रोजेक्टर आदि की मदद से बच्चों को गुड और बैड टच के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं। हालांकि उन्हें इस कार्यक्रम के दौरान डायरेक्ट इनडायरेक्ट प्रशासनिक मशीनरी का पूरा सहयोग रहता है। बातचीत के दौरान जैन ने बताया कि हमारा प्रयास है कि अगले सत्र तक हम प्रदेश के सभी 33 जिलों तक पहुंचे और वॉलिंटियर्स तैयार कर ले। क्योंकि शैक्षणिक सत्र अंतिम चरण में है ऐसे में हम जितने भी जिले कवर कर सकते हैं जल्द से जल्द उन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।

121..... नवीन जैन सीनियर आईएएस
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