बांसवाड़ा. राजस्थान रोडवेज की बदहाली को लेकर कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है. जिसको लेकर गुरुवार को रोडवेज परिसर में संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने धरना दिया और सरकार की नीतियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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इस दौरान कर्मचारियों ने राजस्थान सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया. कर्मचारियों का कहना है कि चुनाव से पहले रोडवेज कर्मचारियों के धरना प्रदर्शन के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास उनकी मांगों का समर्थन कर रहे थे. साथ ही सत्ता में आने के बाद उनकी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. लेकिन सरकार बनने के 10 माह बाद भी उनकी मांगें नहीं पूरी की गईं.
कर्मचारियों के अनुसार रोडवेज की हालत प्रतिदिन खराब होती जा रही है. अधिकांश बसें खराब हो रही हैं. वहीं कर्मचारियों की कमी से सेवाएं गड़बड़ा रही हैं. कर्मचारी संगठन ने नई बसें दिए जाने, कर्मचारियों की भर्ती करने, 2016 के बाद रिटायर्ड हुए कर्मचारियों को उनके परि लाभ दिए जाने के साथ सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतनमान बढ़ाए जाने की मांग की है.
राजस्थान रोडवेज संयुक्त समिति के समन्वयक हमीद खान ने बताया कि सरकार की उपेक्षा के कारण आज राजस्थान रोडवेज की हालत बदहाली की ओर है. बसें आए दिन रास्ते में खराब हो रही हैं. वहीं पुरानी बसों में ब्रेक फेल की शिकायत आम हो चुकी है. इससे यात्रियों की जान भी जोखिम में है.