कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). पंचायतों के पुनर्गठन में ग्राम पंचायत क्षेत्र में बदलाव के बाद ग्रामीणों की आपत्तियों की सुनवाई के लिए बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें पंचायत से जुड़ी आपत्तियों को लेकर उपखंड कार्यालय में शनिवार को जनसुनवाई हुई.
इसी कड़ी में कुशलगढ़ उपखंड कार्यालय में एडीएम राजेश वर्मा मौजूद रहे. एडीएम के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन की मनमर्जी से परेशान होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. कुशलगढ़ पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों के हजारों की संख्या में ग्रामीण एकत्रित होकर अपनी समस्याएं आधिकारियों के सामने रखी. वहीं प्रशासन के पास कुल मिलाकर 61 से अधिक आपत्तियां दर्ज करवाई गई.
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जनसुनवाई के दौरान उपखंड अधिकारी दीनानाथ बब्बल, तहसीलदार आर.के.मीणा, विधायक रमिला खड़िया, प्रधान चंपा देवी, पूर्व विधायक भीमा भाई डामोर, कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष जयंतीलाल कोवालिया, पीसीसी सदस्य हसंमुख सेठ, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष हवसिंह कटारा, रजनीकांत खाब्या, भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष काहनिंग रावत सहित जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.
जनसुनवाई में सारण पंचायत के रणजीतगढ़ गांव की महिलाएं भी पहुंची और रणजीतगढ़ को सारण में ही यथावत रखने की मांग की. वहीं बड़ी सरवा के मालवन गांव को नवगठित ग्राम पंचायत सरोना में शामिल करने पर ग्रामीणों ने विरोध दर्ज कराया. मुंदड़ी पंचायत से नवगठित खेरदा ग्राम पंचायत के बजाय माल को ग्राम पंचायत बनाने की मांग की.
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पोटलिया पंचायत के ग्रामीणों ने मोर गांव को चूड़ादा में शामिल नहीं करते हुए मोर को नवगठित निश्नावट पंचायत में रखने की मांग की. वहीं झीकली पंचायत के परनाला गांव को नवगठित ग्राम पंचायत टीम अदा छोटा में शामिल करने की ग्रामीणों ने मांग रखी. साथ ही खेड़ा धरती के जनप्रतिनिधियों ने छोटी सरवा को पंचायत समिति बनाने की मांग की. इसके अलावा अन्य गांवों के ग्रामीणों ने भी अपनी आपत्तियां दर्ज कराई.