बांसवाड़ा. स्थायीकरण सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ द्वारा प्रदेश स्तर पर आंदोलन किया जा रहा है. आंदोलन के क्रम में दूसरे दिन यानी मंगलवार को पैरा टीचर्स ने शैक्षणिक कार्यों का बहिष्कार करते हुए कलेक्ट्रेट के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिला पैरा टीचर्स भी शामिल थीं.
संगठन का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चुनाव के दौरान उन्हें स्थाई करने का आश्वासन दिया था. सरकार गठन के 6 माह बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. यहां तक कि प्रस्तावित बजट में भी उनके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया जो उनके साथ वादाखिलाफी है. संगठन के जिलाध्यक्ष मोहम्मद रफीक ने कहा कि 28 जुलाई तक मांगों को लेकर पैरा टीचर्स अपने कामकाज का बहिष्कार करते हुए धरना प्रदर्शन करेंगे.
इसके बाद भी सरकार को सकारात्मक कदम नहीं उठाती तो वे विधानसभा कूच को मजबूर होंगे. वहीं, पैरा टीचर्स के इस आंदोलन को मुस्लिम महासभा का भी समर्थन मिल गया है. प्रदेशभर में हर स्थान पर महासभा के प्रतिनिधियों ने पहुंच कर पैरा टीचर की मांगों का समर्थन किया. महासभा का कहना है कि पैरा टीचर्स की मांग वाजिब है. इसके लिए महासभा हरसंभव सहयोग देगी.
महासभा के प्रदेश प्रभारी कलीम मोहम्मद ने कहा कि कांग्रेस को चुनाव में समुदाय द्वारा काफी सपोर्ट किया गया, इसके बावजूद मदरसा शिक्षा के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक है. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल में मदरसा शिक्षा के लिए काफी काम किया था. उसके मुकाबले अशोक गहलोत सरकार कुछ भी नहीं कर पाई है. पैरा टीचर्स के इस आंदोलन को महासभा द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा.