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बांसवाड़ा: विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों का धरना जारी

अजमेर विद्युत वितरण निगम बांसवाड़ा वृत्त के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठनों का विरोध लगातार जारी है. संघर्ष समिति की ओर से दोनों प्रस्तावों को निरस्त करने की मांग की जा रही है. वहीं संघर्ष समिति से वार्ता के लिए प्रबंध निदेशक दिसंबर में बांसवाड़ा आ सकते हैं.

विद्युत वितरण निगम का निजीकरण, बांसवाड़ा में निजीकरण का विरोध, Ajmer Power Distribution Corporation, protest to privatization in Banswara
विद्युत कर्मचारियों का धरना जारी
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Published : Nov 16, 2020, 8:26 PM IST

बांसवाड़ा. अजमेर विद्युत वितरण निगम, बांसवाड़ा वृत्त के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटते नजर नहीं आ रहे. संगठनों ने दोनों नए प्रस्ताव को निरस्त नहीं करने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है. अब सबकी नजरें प्रबंध निदेशक के बांसवाड़ा आगमन पर टिकी है.

विद्युत कर्मचारियों का धरना जारी

बता दें कि निगम ने बांसवाड़ा वृत्त का फाल्ट रिनोवेशन टीम, एमबीसी का काम गत दिनों एक निजी कंपनी को दे दिया था. इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए. इन दोनों ही प्रस्ताव को लेकर कर्मचारी संगठन प्रबंधन के खिलाफ मैदान में आ गए. भारतीय मजदूर संघ, इंटक, विद्युत तकनीकी कर्मचारी परिषद और पावर एसोसिएशन आदि ने इसके विरोध में आंदोलन खड़ा कर दिया है.

इसके लिए संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए लगातार 25 दिन से सांकेतिक तौर पर धरना दिया जा रहा है. यहां तक की दीप पर्व दिवाली पर भी कर्मचारियों का धरना जारी रहा. आदोलन को देखते हुए अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक द्वारा समिति प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया गया.

ये पढ़ें: पायलट ने मरी हुई कांग्रेस को जिंदा किया था, उन्हें मक्खी की तरह बाहर निकाल कर फेंक दिया: गुलाबचंद कटारिया

समिति की मांग है कि वार्ता के लिए डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक को बांसवाड़ा बुलाया जाए. जब तक एफआरसी और एमबीसी के निर्णय को निरस्त नहीं किया जाता, कर्मचारी संगठन अपने आंदोलन को यथावत रखेंगे. बताया जाता है कि प्रबंध निदेशक दिसंबर के पहले सप्ताह में वार्ता के लिए बांसवाड़ा आ सकते हैं. उनके साथ वार्ता के बाद ही कर्मचारी संगठन अगला कोई कदम उठाएंगे. संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक जुगल किशोर जोशी ने बताया कि जब तक हमारी मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा. प्रबंध निदेशक 1 दिसंबर के बाद इस मामले में वार्ता के लिए कभी भी आ सकते हैं.

बांसवाड़ा. अजमेर विद्युत वितरण निगम, बांसवाड़ा वृत्त के निजीकरण के विरोध में कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को लेकर पीछे हटते नजर नहीं आ रहे. संगठनों ने दोनों नए प्रस्ताव को निरस्त नहीं करने तक धरना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है. अब सबकी नजरें प्रबंध निदेशक के बांसवाड़ा आगमन पर टिकी है.

विद्युत कर्मचारियों का धरना जारी

बता दें कि निगम ने बांसवाड़ा वृत्त का फाल्ट रिनोवेशन टीम, एमबीसी का काम गत दिनों एक निजी कंपनी को दे दिया था. इस संबंध में आदेश भी जारी हो गए. इन दोनों ही प्रस्ताव को लेकर कर्मचारी संगठन प्रबंधन के खिलाफ मैदान में आ गए. भारतीय मजदूर संघ, इंटक, विद्युत तकनीकी कर्मचारी परिषद और पावर एसोसिएशन आदि ने इसके विरोध में आंदोलन खड़ा कर दिया है.

इसके लिए संयुक्त संघर्ष समिति का गठन करते हुए लगातार 25 दिन से सांकेतिक तौर पर धरना दिया जा रहा है. यहां तक की दीप पर्व दिवाली पर भी कर्मचारियों का धरना जारी रहा. आदोलन को देखते हुए अधीक्षण अभियंता आरआर खटीक द्वारा समिति प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए बुलाया गया.

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समिति की मांग है कि वार्ता के लिए डिस्कॉम के प्रबंध निदेशक को बांसवाड़ा बुलाया जाए. जब तक एफआरसी और एमबीसी के निर्णय को निरस्त नहीं किया जाता, कर्मचारी संगठन अपने आंदोलन को यथावत रखेंगे. बताया जाता है कि प्रबंध निदेशक दिसंबर के पहले सप्ताह में वार्ता के लिए बांसवाड़ा आ सकते हैं. उनके साथ वार्ता के बाद ही कर्मचारी संगठन अगला कोई कदम उठाएंगे. संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक जुगल किशोर जोशी ने बताया कि जब तक हमारी मांगे मान नहीं ली जाती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा. प्रबंध निदेशक 1 दिसंबर के बाद इस मामले में वार्ता के लिए कभी भी आ सकते हैं.

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