बांसवाड़ा. डिस्कॉम द्वारा गत दिनों एक आदेश जारी कर एफआरसी के साथ एमबीसी को भी निजी हाथों में दे दिया. निजीकरण की सुगबुगाहट के बीच कर्मचारियों में आक्रोश फैलता गया. भारतीय मजदूर संघ, इंटक और राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन के साथ पावर एसोसिएशन अपने मतभेदों को भुलाते हुए एक मंच पर आ गए और डिस्कॉम के इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया.
कर्मचारी और अधिकारियों ने तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को अवकाश ले लिया और निगम परिसर में अधीक्षण अभियंता कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया. कर्मचारी नेता तेज सिंह शेखावत महेश भावसार, भगवती लाल डिंडोर आदि ने अपने संबोधन के दौरान डिस्कॉम प्रबंधन पर धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि एक और कर्मचारी संगठनों से वार्ता जारी रखी गई. वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों ने अपने निजी फायदे के लिए बांसवाड़ा वृत्त की एफआरसी और एमबीसी को निजी हाथों में दिया जा रहा है.
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कर्मचारी नेताओं का आरोप था कि एमबीसी और एफआरसी का काम निगम कर्मचारी कर रहे हैं. इसके बावजूद निजी कंपनी को 168 रुपए प्रति उपभोक्ता ठेका दे दिया गया. जबकि बांसवाड़ा जिले में करीब 50 हजार उपभोक्ता हैं. निजीकरण से कर्मचारियों के साथ-साथ जनता को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार नहीं करती, तब तक धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के तेज सिंह शेखावत, देवी लाल तेली, परीक्षित शाह, इंटक के तरुण जोन, महेश कल्ला, अब्बास खान पठान, तकनीकी एसोसिएशन के प्रकाश यादव, कृपाल सिंह, जाहिद मोहम्मद, कशन डिंडोर, राजेंद्र यादव और रिंकू प्रजापत सहित तमाम संगठनों के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद रहे.