ETV Bharat / state

हरा-भरा राजस्थान : बांसवाड़ा में भी मुहिम लाई रंग...30 गांवों के लोगों ने मिलकर किया पौधारोपण

ईटीवी भारत द्वारा चलाई जा रही अनूठी मुहिम हरा-भरा राजस्थान बांसवाड़ा जिले में भी रंग लाई. शहर से करीब 24 किलोमीटर दूर मंगलवार सुबह 30 गांवों के लोगों ने पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई.

author img

By

Published : Jul 30, 2019, 6:34 PM IST

planting-in-banswara-also

बांसवाड़ा. मंगलवार सुबह कलियारी गांव में इतिहास रचता दिखा. ईटीवी भारत, रिलायंस फाउंडेशन और वन विभाग के पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के प्रयासों को बड़ी सफलता हाथ लगी जब गांव के पास स्थित एक पहाड़ी पर सैकड़ों लोग गेथी और फावड़े लेकर पहुंच गए और गड्ढे खोदने में जुट गए.

क्या महिलाएं और क्या पुरुष और क्या बुजुर्ग और बच्चे गांव के आसपास के 30 गांव से विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि हलमा परंपरा( श्रमदान) मे जुटे दिखाई दिए. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह भाटी, रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र चौधरी, उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट, मयूर मिल के सीएसआर प्रबंधक गोपाल पांड्या, पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन, शिक्षाविद शैलेंद्र सराफ और प्रगति संस्थान के प्रतिनिधि कोदर लाल बुनकर उनमें जोश भरते दिखाई दिए. देखते ही देखते ग्रामीणों ने न केवल गड्ढे खोद दिए बल्कि वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए पौधे भी रोप दिए.

पढ़ें: हरा-भरा राजस्थान : अलवर में ईटीवी भारत की मुहिम ला रही रंग...युवाओं ने प्रेरित होकर किया पौधारोपण

50 बीघा पहाड़ी पर लौटेगी हरीतिमा

कुशलगढ़ सड़क मार्ग पर स्थित इस पहाड़ी पर करीब 50 बीघा में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार आज 1000 पौधे लगाए गए. इस अभियान में 30 गांव से विभिन्न सामाजिक संगठनों के 400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लेकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. उप वन संरक्षक जाट के अनुसार हमारा लक्ष्य 50 बीघा में फैली इस पूरी पहाड़ी पर फिर से हरियाली लाना है. ग्रामीणों ने जिस प्रकार से श्रमदान किया है उससे लक्ष्य और भी आसान नजर आ रहा है. ग्रामीणों द्वारा दोपहर 2 बजे तक श्रमदान किया गया. इस दौरान नीम से लेकर फलदार और छायादार पौधे भी लगाए गए.

बांसवाड़ा में भी मुहिम लाई रंग...30 गांवों के लोगों ने मिलकर किया पौधारोपण

पढ़ें: हरा भरा राजस्थान: अलवर में 50 हजार पौधे लगाने के लिए शुरू हुआ अभियान

श्रमदान का अलग ही महत्व

झरनिया ग्राम पंचायत में आने वाले इस गांव में पौधारोपण के दौरान आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि श्रमदान जिसे स्थानीय भाषा में हलमा कहा जाता है यह यहां की परंपरा रही है. इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि पौधारोपण के साथ पौधा लगाने वाले में जिम्मेदारी का भाव आए. इसके जरिए ग्रामीण खुद जिम्मेदारी का अहसास करते हुए पौधों का संरक्षण करेंगे.

पढ़ें: हरा-भरा राजस्थान : राजसमंद में कौशल विकास केंद्र पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यक्रम...सभी ने ईटीवी की मुहिम को सराहा

मुहिम की सराहना

अतिथियों ने रिलायंस फाउंडेशन ईटीवी भारत और वन विभाग के संग प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि इसे आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश भाटी के अनुसार यह मुहिम अच्छा कदम है जिसमें गांव के लोगों को जोड़ा गया है इससे पर्यावरण के प्रति उनमें एक अलग ही फिलिंग उत्पन्न होगी और वह इनके संरक्षण के प्रति आगे आएंगे. ईटीवी भारत का बहुत-बहुत आभार.

उप वन संरक्षक चार्ट के अनुसार श्रमदान की तर्ज पर 30 गांव के लोगों को मुहिम से जोड़ा गया है. निश्चित ही इसके अच्छे परिणाम आएंगे. हमें उम्मीद है कि ईटीवी भारत जन जागरूकता की दिशा में इसी प्रकार मुहिम को आगे बढ़ाता रहेगा. रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर चौधरी के अनुसार गांव के लोगों ने इसके जरिए यह दिखा दिया है कि पर्यावरण को किस प्रकार संरक्षित रख सकते हैं. इन से प्रेरणा लेने की जरूरत है. हम आगे भी ईटीवी भारत के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते रहेंगे.

पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन के अनुसार पर्यावरण संरक्षण प्रदूषण नियंत्रण और रोजगार देने के लिए प्रदेश में हरियाली होना जरूरी है. निश्चित ही रिलायंस फाउंडेशन और ईटीवी भारत का प्रयास सराहनीय है. मयूर मिलकर सीएसआर मैनेजर पंड्या के अनुसार पर्यावरण असंतुलन का कारण पेड़ों की निरंतर कटाई है. हमें अभी से आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने होंगे. पर्यावरण प्रेमी कुंदन और पांड्या ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पर्यावरण असंतुलन से भविष्य में उत्पन्न होने वाली प्रकृति की तस्वीर को सामने रखा.

बांसवाड़ा. मंगलवार सुबह कलियारी गांव में इतिहास रचता दिखा. ईटीवी भारत, रिलायंस फाउंडेशन और वन विभाग के पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के प्रयासों को बड़ी सफलता हाथ लगी जब गांव के पास स्थित एक पहाड़ी पर सैकड़ों लोग गेथी और फावड़े लेकर पहुंच गए और गड्ढे खोदने में जुट गए.

क्या महिलाएं और क्या पुरुष और क्या बुजुर्ग और बच्चे गांव के आसपास के 30 गांव से विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि हलमा परंपरा( श्रमदान) मे जुटे दिखाई दिए. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह भाटी, रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र चौधरी, उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट, मयूर मिल के सीएसआर प्रबंधक गोपाल पांड्या, पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन, शिक्षाविद शैलेंद्र सराफ और प्रगति संस्थान के प्रतिनिधि कोदर लाल बुनकर उनमें जोश भरते दिखाई दिए. देखते ही देखते ग्रामीणों ने न केवल गड्ढे खोद दिए बल्कि वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए पौधे भी रोप दिए.

पढ़ें: हरा-भरा राजस्थान : अलवर में ईटीवी भारत की मुहिम ला रही रंग...युवाओं ने प्रेरित होकर किया पौधारोपण

50 बीघा पहाड़ी पर लौटेगी हरीतिमा

कुशलगढ़ सड़क मार्ग पर स्थित इस पहाड़ी पर करीब 50 बीघा में पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है. रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार आज 1000 पौधे लगाए गए. इस अभियान में 30 गांव से विभिन्न सामाजिक संगठनों के 400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लेकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई. उप वन संरक्षक जाट के अनुसार हमारा लक्ष्य 50 बीघा में फैली इस पूरी पहाड़ी पर फिर से हरियाली लाना है. ग्रामीणों ने जिस प्रकार से श्रमदान किया है उससे लक्ष्य और भी आसान नजर आ रहा है. ग्रामीणों द्वारा दोपहर 2 बजे तक श्रमदान किया गया. इस दौरान नीम से लेकर फलदार और छायादार पौधे भी लगाए गए.

बांसवाड़ा में भी मुहिम लाई रंग...30 गांवों के लोगों ने मिलकर किया पौधारोपण

पढ़ें: हरा भरा राजस्थान: अलवर में 50 हजार पौधे लगाने के लिए शुरू हुआ अभियान

श्रमदान का अलग ही महत्व

झरनिया ग्राम पंचायत में आने वाले इस गांव में पौधारोपण के दौरान आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि श्रमदान जिसे स्थानीय भाषा में हलमा कहा जाता है यह यहां की परंपरा रही है. इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि पौधारोपण के साथ पौधा लगाने वाले में जिम्मेदारी का भाव आए. इसके जरिए ग्रामीण खुद जिम्मेदारी का अहसास करते हुए पौधों का संरक्षण करेंगे.

पढ़ें: हरा-भरा राजस्थान : राजसमंद में कौशल विकास केंद्र पर पर्यावरण संरक्षण को लेकर कार्यक्रम...सभी ने ईटीवी की मुहिम को सराहा

मुहिम की सराहना

अतिथियों ने रिलायंस फाउंडेशन ईटीवी भारत और वन विभाग के संग प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि इसे आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है. अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश भाटी के अनुसार यह मुहिम अच्छा कदम है जिसमें गांव के लोगों को जोड़ा गया है इससे पर्यावरण के प्रति उनमें एक अलग ही फिलिंग उत्पन्न होगी और वह इनके संरक्षण के प्रति आगे आएंगे. ईटीवी भारत का बहुत-बहुत आभार.

उप वन संरक्षक चार्ट के अनुसार श्रमदान की तर्ज पर 30 गांव के लोगों को मुहिम से जोड़ा गया है. निश्चित ही इसके अच्छे परिणाम आएंगे. हमें उम्मीद है कि ईटीवी भारत जन जागरूकता की दिशा में इसी प्रकार मुहिम को आगे बढ़ाता रहेगा. रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर चौधरी के अनुसार गांव के लोगों ने इसके जरिए यह दिखा दिया है कि पर्यावरण को किस प्रकार संरक्षित रख सकते हैं. इन से प्रेरणा लेने की जरूरत है. हम आगे भी ईटीवी भारत के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते रहेंगे.

पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन के अनुसार पर्यावरण संरक्षण प्रदूषण नियंत्रण और रोजगार देने के लिए प्रदेश में हरियाली होना जरूरी है. निश्चित ही रिलायंस फाउंडेशन और ईटीवी भारत का प्रयास सराहनीय है. मयूर मिलकर सीएसआर मैनेजर पंड्या के अनुसार पर्यावरण असंतुलन का कारण पेड़ों की निरंतर कटाई है. हमें अभी से आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने होंगे. पर्यावरण प्रेमी कुंदन और पांड्या ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पर्यावरण असंतुलन से भविष्य में उत्पन्न होने वाली प्रकृति की तस्वीर को सामने रखा.

Intro:बांसवाड़ाl ईटीवी भारत द्वारा चलाई जा रही अनूठी मुहिम हरा भरा राजस्थान बांसवाड़ा जिले में भी रंग लाईl शहर से करीब 24 किलोमीटर दूर मंगलवार सुबह 30 गांवों के लोगों ने पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई l लगभग 400 लोगों ने महज 3 घंटे में 1000 पौधे लगाकर जनमानस को यह संदेश देने का प्रयास किया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें एकजुटता से आगे आना होगाl


Body:मंगलवार सुबह कलियारी गांव में इतिहास रचता दिखा। ईटीवी भारत, रिलायंस फाउंडेशन और वन विभाग के पर्यावरण और जल संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के प्रयासों को बड़ी सफलता हाथ लगी जब गांव के पास स्थित एक पहाड़ी पर सैकड़ों लोग गेथी और फावड़े लेकर पहुंच गए और गड्ढे खोदने में जुट गए। क्या महिलाएं और क्या पुरुष और क्या बुजुर्ग और बच्चे गांव के आसपास के 30 गांव से विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि हलमा परंपरा( श्रमदान) मे जुटे दिखाई दिए। अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश देवेंद्र सिंह भाटी, रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर जितेंद्र चौधरी, उप वन संरक्षक सुगनाराम जाट, मयूर मिल के सीएसआर प्रबंधक गोपाल पांड्या, पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन, शिक्षाविद शैलेंद्र सराफ और प्रगति संस्थान के प्रतिनिधि कोदर लाल बुनकर उनमें जोश भरते दिखाई दिए। देखते ही देखते ग्रामीणों ने न केवल गड्ढे खोद दिए बल्कि वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए पौधे भी रोप दिए।


Conclusion:50 बीघा पहाड़ी पर लौटेगी हरीतिमा

कुशलगढ़ सड़क मार्ग पर स्थित इस पहाड़ी पर करीब 50 बीघा मैं पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर के अनुसार आज 1000 पौधे लगाए गए। इस अभियान में 30 गांव से विभिन्न सामाजिक संगठनों के 400 से अधिक लोगों ने हिस्सा लेकर पर्यावरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। उप वन संरक्षक जाट के अनुसार हमारा लक्ष्य 50 बीघा में फैली इस पूरी पहाड़ी पर फिर से हरियाली लाना है । ग्रामीणों ने जिस प्रकार से श्रमदान किया है उससे लक्ष्य और भी आसान नजर आ रहा है। ग्रामीणों द्वारा दोपहर 2:00 बजे तक श्रमदान किया गया। इस दौरान नीम से लेकर फलदार और छायादार पौधे भी लगाए गए।

श्रमदान का अलग ही महत्व

झरनिया ग्राम पंचायत में आने वाले इस गांव में पौधारोपण के दौरान आयोजित समारोह में वक्ताओं ने कहा कि श्रमदान जिसे स्थानीय भाषा में हलमा कहा जाता है यह यहां की परंपरा रही हैl इसके पीछे एक ही उद्देश्य है कि पौधारोपण के साथ पौधा लगाने वाले में जिम्मेदारी का भाव आएl इसके जरिए ग्रामीण खुद जिम्मेदारी का अहसास करते हुए पौधों का संरक्षण करेंगेl

मुहिम की सराहना
अतिथियों ने रिलायंस फाउंडेशन ईटीवी भारत और वन विभाग के संग प्रयास की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और कहा कि इसे आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश भाटी के अनुसार यह मुहिम अच्छा कदम है जिसमें गांव के लोगों को जोड़ा गया है इससे पर्यावरण के प्रति उनमें एक अलग ही फिलिंग उत्पन्न होगी और वह इनके संरक्षण के प्रति आगे आएंगे। ईटीवी भारत का बहुत-बहुत आभार।
उप वन संरक्षक चार्ट के अनुसार श्रमदान की तर्ज पर 30 गांव के लोगों को मुहिम से जोड़ा गया है। निश्चित ही इसके अच्छे परिणाम आएंगे। हमें उम्मीद है कि ईटीवी भारत जन जागरूकता की दिशा में इसी प्रकार मुहिम को आगे बढ़ाता रहेगा। रिलायंस फाउंडेशन के प्रोजेक्ट मैनेजर चौधरी के अनुसार गांव के लोगों ने इसके जरिए यह दिखा दिया है कि पर्यावरण को किस प्रकार संरक्षित रख सकते हैं। इन से प्रेरणा लेने की जरूरत है। हम आगे भी ईटीवी भारत के साथ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करते रहेंगे। पर्यावरण प्रेमी भागवत कुंदन के अनुसार पर्यावरण संरक्षण प्रदूषण नियंत्रण और रोजगार देने के लिए प्रदेश में हरियाली होना जरूरी है। निश्चित ही रिलायंस फाउंडेशन और ईटीवी भारत का प्रयास सराहनीय है। मयूर मिलकर सीएसआर मैनेजर पंड्या के अनुसार पर्यावरण असंतुलन का कारण पेड़ों की निरंतर कटाई है। हमें अभी से आने वाली पीढ़ी के लिए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम उठाने होंगे। पर्यावरण प्रेमी कुंदन और पांड्या ने अपनी रचनाओं के माध्यम से पर्यावरण असंतुलन से भविष्य में उत्पन्न होने वाली प्रकृति की तस्वीर को सामने रखा।

बाइट......1. देवेंद्र सिंह भाटी एडीजे
2. सुगनाराम जाट उप वन संरक्षक
3. जितेंद्र चौधरी प्रोजेक्ट मैनेजर रिलायंस फाउंडेशन
4. भगवत कुंदन पर्यावरण प्रेमी
5. गोपाल पांड्या मैनेजर सीएसआर मयूर मिल
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.