कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). कुशलगढ़ नगर पालिका में अपनी भू-संपत्ति का नामांतरण कराने के लिए आवेदन करने वालों की पत्रावलियां एक साल से अधिक समय से लंबित होने से लोग परेशान हैं. समय पर नामांतरण नहीं होने से लोग पालिका के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. नई भू-संपत्ति खरीदने, वसीयत आदि के लिए नामांतरण कराना अनिवार्य होता है.
15 दिन पूर्व आयोजित बोर्ड की अंतिम बैठक में पालिका अध्यक्ष रेखा जोशी, उपाध्यक्ष लीला पड़ियार, नेता प्रतिपक्ष रजनीकांत खाब्या सहित पार्षदों ने नगर पालिका अधिशासी अधिकारी और मुख्य लिपिक के समक्ष जमकर रोष भी जताया था, इसके बावजूद लोगों को राहत नहीं मिली. इस संबंध में लोग रोजाना जनप्रतिनिधियों से शिकायतें भी कर रहे हैं. लोगों ने बताया कि नामांतरण के लिए आवेदन किए उन्हें डेढ़ साल से अधिक समय हो गया, लेकिन अब तक नामांतरण नहीं हुआ. नगर पालिका जाने पर कार्मिकों द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिया जाता.
सूत्रों के अनुसार नामांतरण से जुड़े मामलों में कुछ दलाल भी सक्रिय हैं. नगर पालिका के अंदर तक सांठगांठ होने से दलालों के माध्यम पहुंचने वाली फाइलें आसानी से निकल जाती हैं, जबकि आमजन की ओर से सीधे नियमानुसार दिए जाने वाले प्रकरण कमियां निकालकर अटका देते हैं. इसकी जानकारी जिम्मेदारों को कुछ लोग मौखिक भी दे चुके हैं.
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नगर पालिका अध्यक्ष रेखा जोशी ने बताया कि समय पर नामांतरण नहीं होने की शिकायतें मिल रही हैं. कई लोग भी समस्याएं लेकर आ रहे हैं, लेकिन मुख्य लिपिक द्वारा फाइल में कोई न कोई कमी निकाल कर डाल दिया जाता है. वहीं, जोशी ने ETV भारत के माध्यम से लोगों से अपील भी की है कि किसी भी दलाल के माध्यम से भू-संपत्ति का नामांतरण के लिए फाइल नहीं दें. सीधे ही नगर पालिका ईओ के समक्ष दें.