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साहब घर पहुंचा दो...अब तो 18 दिन का क्वॉरेंटाइन भी पूरा हो गया...बोले यूपी के लोग

राजकोट से 500 किलोमीटर का सफर तय यूपी के 18 लोग 31 मार्च को राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचे. जहां पुलिस ने उन्हें क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया. इस बीच लॉकडाउन की अविध बढ़ने के कारण वे अपने घर नहीं पहुंच पा रहे हैं. जबकि उनका क्वॉरेंटाइन भी पूरा हो चुका है.

बांसवाड़ा खबर, Banswara news
घर वापसी का इंतजार
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Published : Apr 19, 2020, 9:00 PM IST

बांसवाड़ा. इस संकट के समय में कई लोग अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही चल दिए. जिनमें कई लोग अपनों के पास पहुंच गए. लेकिन कुछ लोग आधा सफर तय करने बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. जिसके चलते वे अपने परिवार के पास नहीं पहुंच पाए. ऐसी ही स्थिति यूपी के 18 लोगों की है, जो गुजरात के राजकोट से 500 किलोमीटर का रास्ता तयकर 31 मार्च को राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचे. जहां तैनात पुलिस ने इन 18 लोगों को क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया गया. जिन्होंने अपना क्वॉरेंटाइन भी पूराकर लिया है, लॉकडाउन पार्ट टू ने इन लोगों का मनोबल कमजोर कर दिया. उनका कहना है कि इस तेज गर्मी में उनके लिए सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल पार करना मुश्किल है. ऐसी स्थिति में जब भी कोई व्यक्ति उनके पास जाता है तो,वे हाथ जोड़कर बस यही कहते है कि साहब हमें बस घर पहुंचा दो.

घर वापसी का इंतजार

500 किलोमीटर की दूरी पार पहुंचे बांसवाड़ा

बता दें कि प्रशासन ने यूपी के 18 लोगों को राणा पूंजा बालक आश्रम छात्रावास के ग्राउंड फ्लोर पर क्वॉरेंटाइन किया है. जब ईटीवी भारत की टीम ने क्वॉरेंटाइन लोगों से बातचीत तो उन्होंने कहा कि राजकोट से 500 किलोमीटर की दूरी पार करते हुए पैदल बांसवाड़ा पहुंचे.जिन्हें 31 पुलिस उन्हें क्वॉरेंटाइन कर उनकी मेडिकल जांच कराई गई. जिसमें लोग कोरोना नेगेटिव निकले. साथ ही इन लोगों का कहना है कि सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल कर घर पहुंचना अब मुमकिन नहीं है.

पढ़ेंः बांसवाड़ाः चिकित्सा विभाग भी हैरान, संक्रमित महिला के परिजनों और पड़ोसियों की रिपोर्ट निगेटिव

यूपी जाने की कराई जाए व्यवस्था

अमित कुमार ने बताया कि क्वॉरेंटाइन में रहते हुए 14 की बजाए हमें 18 दिन हो गए हैं. अब हमें घर पहुंचा दे. वहीं अपने 8 साल के बच्चे के साथ अनीता की आंखें आगे के सफर को लेकर डबडबा गई. उसने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम याचना लगाते हुए कहा कि कोटा की तरह हमें भी यहां से यूपी जाने की व्यवस्था कराई जाए.

सरकार करेगी निर्णय

छात्रावास अधीक्षक नंदकिशोर ने बताया कि जबसे इन लोगों को क्वॉरेंटाइन गया है, तब से रोजाना इन लोगों की स्कैनिंग की जा रही है और अब तक इनमें कोरोना जैसे कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं. अब इन्हें इनके घर किस प्रकार पहुंचाया जाएगा. इसका निर्णय सरकार करेगी और उसी के अनुसार हम इन्हें यहां से जाने देंगे.

बांसवाड़ा. इस संकट के समय में कई लोग अपने घर पहुंचने के लिए पैदल ही चल दिए. जिनमें कई लोग अपनों के पास पहुंच गए. लेकिन कुछ लोग आधा सफर तय करने बाद उन्हें क्वॉरेंटाइन कर दिया गया. जिसके चलते वे अपने परिवार के पास नहीं पहुंच पाए. ऐसी ही स्थिति यूपी के 18 लोगों की है, जो गुजरात के राजकोट से 500 किलोमीटर का रास्ता तयकर 31 मार्च को राजस्थान के बांसवाड़ा पहुंचे. जहां तैनात पुलिस ने इन 18 लोगों को क्वॉरेंटाइन के लिए भेज दिया गया. जिन्होंने अपना क्वॉरेंटाइन भी पूराकर लिया है, लॉकडाउन पार्ट टू ने इन लोगों का मनोबल कमजोर कर दिया. उनका कहना है कि इस तेज गर्मी में उनके लिए सैकड़ों किलोमीटर की दूरी पैदल पार करना मुश्किल है. ऐसी स्थिति में जब भी कोई व्यक्ति उनके पास जाता है तो,वे हाथ जोड़कर बस यही कहते है कि साहब हमें बस घर पहुंचा दो.

घर वापसी का इंतजार

500 किलोमीटर की दूरी पार पहुंचे बांसवाड़ा

बता दें कि प्रशासन ने यूपी के 18 लोगों को राणा पूंजा बालक आश्रम छात्रावास के ग्राउंड फ्लोर पर क्वॉरेंटाइन किया है. जब ईटीवी भारत की टीम ने क्वॉरेंटाइन लोगों से बातचीत तो उन्होंने कहा कि राजकोट से 500 किलोमीटर की दूरी पार करते हुए पैदल बांसवाड़ा पहुंचे.जिन्हें 31 पुलिस उन्हें क्वॉरेंटाइन कर उनकी मेडिकल जांच कराई गई. जिसमें लोग कोरोना नेगेटिव निकले. साथ ही इन लोगों का कहना है कि सैकड़ों किलोमीटर दूर पैदल कर घर पहुंचना अब मुमकिन नहीं है.

पढ़ेंः बांसवाड़ाः चिकित्सा विभाग भी हैरान, संक्रमित महिला के परिजनों और पड़ोसियों की रिपोर्ट निगेटिव

यूपी जाने की कराई जाए व्यवस्था

अमित कुमार ने बताया कि क्वॉरेंटाइन में रहते हुए 14 की बजाए हमें 18 दिन हो गए हैं. अब हमें घर पहुंचा दे. वहीं अपने 8 साल के बच्चे के साथ अनीता की आंखें आगे के सफर को लेकर डबडबा गई. उसने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम याचना लगाते हुए कहा कि कोटा की तरह हमें भी यहां से यूपी जाने की व्यवस्था कराई जाए.

सरकार करेगी निर्णय

छात्रावास अधीक्षक नंदकिशोर ने बताया कि जबसे इन लोगों को क्वॉरेंटाइन गया है, तब से रोजाना इन लोगों की स्कैनिंग की जा रही है और अब तक इनमें कोरोना जैसे कोई भी लक्षण सामने नहीं आए हैं. अब इन्हें इनके घर किस प्रकार पहुंचाया जाएगा. इसका निर्णय सरकार करेगी और उसी के अनुसार हम इन्हें यहां से जाने देंगे.

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