अलवर. धनतेरस के दिन स्टील और तांबे के बर्तन और सोने-चांदी के जेवरात खरीदने का खास चलन है. धातु के बर्तन और जेवरात खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसे में बीते सालों की तुलना में इस बार लोग दिलखोल कर जमकर खरीदारी कर रहे हैं. कई सालों बाद बाजार में भारी भीड़ नजर आई है. अचानक खरीदारी से बाजार में उछाल आया है औऱ व्यापारी खासे खुश नजर आ रहे हैं.
इस साल धनतेरस और दिवाली बाजार के लिए खुशियों की दिवाली पर कराई है. कोरोना के चलते 2 साल से कामकाज ठप रहा. लोग अपने घरों में बंद थे. इससे बाजार में खासी गिरावट आई थी. इस साल कोरोना का प्रभाव कम है. लोग बाजार में जमकर खरीदारी कर रहे हैं. ऐसे में बाजार में भीड़ नजर आ रही है. धनतेरस के मौके पर सोने चांदी के जेवरात, स्टील तांबा और अल्मुनियम के बर्तन खरीदे जाते हैं. सुबह से ही जेब रातों की दुकान पर लोगों की भीड़ दिखाई देने लगी. बर्तन खरीदने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग बाजार में पहुंचे.
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दुकानदारों ने कहा कि चांदी के लक्ष्मी गणेश जी, चांदी के सिक्के के अलावा चांदी के बर्तन और जेवरात की बिक्री भी पहले की तुलना में कई गुना अधिक हुई है. 2 साल तक लोगों ने खरीदारी नहीं की. इसके अलावा इस बार दिवाली महीने के शुरुआत में आई है. इसका असर भी बाजार पर दिख रहा है. लोगों के पास पैसा है. ऐसे में लोग दिल खोलकर खर्चा कर रहे हैं.
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स्टील के व्यापारियों ने कहा की लेजर मशीन से होने वाली प्रिंटिंग की ज्यादा डिमांड है. लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति भी जागरूक हुए हैं. तांबे के बर्तनों की डिमांड बढ़ी है. इसमें तांबे के गिलास तांबे की पानी की बोतल और अन्य सामान है. वैसे तो परंपरागत चम्मच गिलास, प्लेट कटोरी और अन्य सामान लोग खरीद रहे हैं. लेकिन इसके अलावा लेजर प्रिंटिंग के बर्तनों की डिमांड सामान्य बर्तनों की तुलना में ज्यादा है.
व्यापारियों ने बताया कि धनतेरस की तैयारी 2 महीने पहले ही शुरू हो गई थी. इस बार बेहतर व्यापार रहने की उम्मीद थी. इसलिए सभी बर्तन व्यापारियों ने बर्तनों के स्टॉक जमा कर लिए थे. इसका फायदा सभी को मिला है. लोगों ने दिल खोलकर खरीददारी की है.