बांसवाड़ा. जिले की पुलिया जो बांसवाड़ा से जयपुर राजमार्ग को जोड़ने का काम करती है, काफी समय से टूटी हुई है. इस टूटी हुई पुलिया के कारण दो दिन पहले एक बाइक सवार बच्चे की मौत हो गई थी. टूटी हुई पुलिया को लेकर शहर के लोगों ने कई बार प्रशासन को अवगत कराया, लेकिन प्रशासन पर लोगों की शिकायतों का कोई असर नहीं दिख रहा है. लोग लगातार परेशान हो रहे हैं और प्रशासन सो रहा है. आज भी ये पुलिया पहले की तरह टूटी पड़ी है और लोगों को इसे पार करके आगे का रास्ता तय करना पड़ रहा है.
बता दें कि बांसवाड़ा-जयपुर लिंक रोड की एक पुलिया 4 दिन पहले क्षतिग्रस्त हो गई थी. इसके बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों की नींद नहीं खुली. दोनों ओर मिट्टी के ढेर लगाकर पुलिया को आवागमन के लिहाज से बंद कर दिया गया, लेकिन मरम्मत शुरू नहीं हो पाई और लोगों को अपनी जान जोखिम में डाल कर रास्ता पार करने के लिए छोड़ दिया गया. नतीजतन लोग शॉर्टकट के चक्कर में अपनी जान जोखिम में डालकर यहां से गुजर रहे हैं.
बता दें कि शहर से जयपुर राजमार्ग को जोड़ने वाला ये प्रमुख मार्ग है. रात-दिन हजारों लोग इस रास्ते से गुजरते हैं. खासकर रात को जोखिम और बढ़ जाता है, क्योंकि पुलिया के स्थान पर लोग अब दुर्गम नाले के रास्ते का उपयोग कर रहे हैं, जिसमें ना केवल पानी बह रहा है, बल्कि फिसलन का खतरा भी बना रहता है. इसके चलते 2 दिन पहले बाइक सवार एक बच्चे की मौत तक हो चुकी है, जबकि उसके पिता गंभीर रूप से घायल हो गए. बीते 4 दिन में यहां पर करीब 6 लोग दुर्घटना का शिकार हो चुके हैं, लेकिन संबंधित महकमे के लोगों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी.
इसके अलावा भी लोगों के पास दो विकल्प है, लेकिन दोनों की दूरी 5 से 7 किलोमीटर तक पड़ रही है. ऐसे में लोग वैकल्पिक मार्ग के बजाय दुर्गम रास्ते को अपनाने को मजबूर है. हैरत की बात ये है कि संबंधित महकमे ने भी पुलिया के दोनों ओर मिट्टी के ढेर लगाकर आवागमन बंद कर दिया, लेकिन इसकी मरम्मत का काम हाथ में नहीं लिया है. जबकि पुलिया के क्षतिग्रस्त होने को 4 दिन बीत चुके हैं.
इसे लेकर यहां से आने जाने वाले लोगों में गुस्सा साफ नजर आ रहा है. इसके बावजूद भी अब तक प्रशासन आंखें मूंदे नजर आ रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो लोगों को पथरीले और उबड़ खाबड़ नाले से गुजरते देखकर सन्न रह गई, क्योंकि यहां से गुजरना जान को जोखिम में डालने से कम नहीं है. इसके बावजूद सैकड़ों लोग अपनी जान की परवाह किए बिना दुपहिया वाहनों से निकल रहे हैं. इस प्रयास में कई लोग चोटिल भी हो चुके हैं.
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पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से पुलिया के दोनों ओर मिट्टी के ढेर लगा दिए गए. इसके स्थान पर लोग जो रास्ता इस्तेमाल कर रहे हैं बहुत ही जोखिम भरा है. उबड़-खाबड़ और पथरीले हिस्से को पार करते हुए लोगों को बहते हुए नाले को पार करना होता है. एक तो गहरा नाला दूसरा उसमें गोल गोल पत्थरों के चलते दुपहिया वाहन को निकालना बहुत ही मुश्किल है. यहां से निकलते ही चढ़ाई आ जाती है जहां लगातार वाहनों के निकलने से फिसलन पैदा हो गई है. ऐसे में कई लोग दुर्घटना का शिकार तक हो रहे हैं.
लोगों का कहना है कि ये पुलिया कोई एक दिन में या अचानक क्षतिग्रस्त नहीं हुई है बल्कि लंबे समय से जर्जर हो रही थी, लेकिन विभाग की ओर से कभी भी इसकी सुध नहीं ली गई. यदि समय पर इसकी मरम्मत करवा दी जाती तो आज ये नौबत नहीं आती. विभाग की लापरवाही का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है.