कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). ओबीसी अधिकार मंच की ओर से मंगलवार को विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम कुशलगढ़ एसडीएम विजयेश कुमार पांड्या को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में बताया कि भारत की सभी केंद्रीय सेवाओं में और सभी राज्यों की राज्य सेवाओं/अधीनस्थ सेवाओं में ओबीसी आरक्षण देय है, लेकिन राजस्थान के टीएसपी क्षेत्र में ओबीसी को सरकारी सेवा में किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है जो पूर्ण रूप से गैर संवैधानिक है.
टीएसपी क्षेत्र की अधीनस्थ सेवाओं को 100 प्रतिशत स्थानीय क्षेत्र से भरे जाने का प्रावधान वर्तमान में है. जिसमें 45 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग, 5 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 10 प्रतिशत EWS सामान्य से और शेष अन्य 40 प्रतिशत सभी स्थानीय वर्गों के लिए मेरिट पर आधारित रखी गई है.
ओबीसी वर्ग को टीएसपी क्षेत्र की किसी भी सेवाओं/नौकरियों ने किसी भी प्रकार का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है. जिस पर ओबीसी अधिकार मंच की ओर से ओबीसी को संवैधानिक 21 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित कराने (40 प्रतिशत अनारक्षित में से) और शेष 19 प्रतिशत अनारक्षित रखे जाने की मांग की है. टीएसपी क्षेत्र में किसी भी प्रकार का राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी ओबीसी को नहीं दिया जा रहा है.
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बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की जिला परिषद सदस्यों की सीटों में ओबीसी हेतु एक भी सीट आरक्षित नहीं है, जबकि बांसवाड़ा में ओबीसी जनसंख्या 20 प्रतिशत और डूंगरपुर जिले में 22 प्रतिशत के आसपास है. बांसवाड़ा डूंगरपुर जिले की पंचायत समितियों के सदस्यों में भी किसी भी प्रकार का आरक्षण ओबीसी वर्ग को नहीं दिया जा रहा है. जिसको लेकर ओबीसी अधिकार मंच की ओर से सरकार से अनुरोध किया गया है कि ओबीसी वर्ग को टीएसपी क्षेत्र की अधीनस्थ सेवाओं में 21 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित करवाने (40 प्रतिशत अनारक्षित में से और शेष 19 प्रतिशत अनारक्षित रखा जाए) और जिला परिषद सदस्यों, पंचायत समिति सदस्यों और पंचायतों के वार्ड सदस्यों में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में संविधान सम्मत आरक्षण की व्यवस्था करवाने की मांग की.