बांसवाड़ा. गहलोत सरकार की बेरोजगार भत्ते के लिए मुख्यमंत्री युवा संबल योजना बेरोजगारों को खूब रास आ रही है. स्नातक तक पढ़ा हर कोई शख्स योजना की मलाई खाने के प्रयास में है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 4 माह में ही बेरोजगारी भत्ता पाने वालों की संख्या दोगुना हो चुकी है और बड़ी संख्या में आवेदक रोजगार कार्यालय की दहलीज चढ़ रहे हैं.
हालांकि प्रोसेस लंबा है, लेकिन हर दिन 100 से लेकर ₹115 तक भत्ते की राशि को देखते हुए युवा ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं. स्थिति यह है कि प्रतिदिन 50 आवेदन सरकार के पास पहुंच रहे हैं. योजना को लेकर यदि बांसवाड़ा जिले पर नजर डालें तो यहां हर महीने भत्ता पाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है. अक्टूबर 2019 में 734 लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा था, जो नवंबर में 1228 तक पहुंच गया और दिसंबर 2019 तक 1563 का आंकड़ा पार कर गया. जनवरी 2020 के आंकड़े बताते हैं कि जिले में कुल 1672 बेरोजगारों को योजना का लाभ मिल रहा है.
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अब यदि मिलने वाली राशि पर जाए तो नवंबर में 25 लाख रुपए बांसवाड़ा जिले के बेरोजगारों को दिए जा रहे थे, जो दिसंबर में 40 लाख हो गए और जनवरी 2020 तक 50 लाख रुपए प्रतिमाह बेरोजगारों के बैंक खातों में जा रहे हैं.
मार्च तक संख्या दोगुनी होने के आसार
जिले में कुल 1672 लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिल रहा है. बेरोजगारी भत्ता पाने वालों की संख्या मार्च 2020 तक दोगुनी हो सकती है. विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इसके अलावा 1493 आवेदन पत्रों को स्वीकृति मिल चुकी है और करीब 100 आवेदन लंबित चल रहे हैं. प्रतिदिन 50 नए आवेदन विभाग के पास पहुंच रहे हैं. ऐसे में इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक भत्ता पाने वाले को संख्या 3000 पार होने की संभावना जताई गई है.
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बेरोजगारी भत्ता पाने वाले को संख्या में इजाफा
इस संख्या को देखते हुए धीरे धीरे योजना में नियम कायदों के बैरिकेट्स भी सामने आ रहे हैं. किसी को इनकम सर्टिफिकेट तो कोई आवेदन प्रक्रिया में उलझ रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने रोजगार कार्यालय पहुंचकर युवाओं से बातचीत की तो कई युवा छोटे-मोटे फाल्ट के चलते भत्ते से दूर नजर आए हालांकि उन्होंने आस नहीं छोड़ी. वहीं जिला रोजगार अधिकारी हरीश नैनवाल के अनुसार जिले में बेरोजगारी भत्ता पाने वाले को संख्या हर माह बढ़ रही है. इसके लिए ई-मित्र से ऑनलाइन आवेदन करवाना होता है. विभाग द्वारा वेरीफिकेशन के बाद सरकार से स्वीकृति जारी होती है और बाद में संबंधित के खाते में राशि सीधे ट्रांसफर की जाती है.