बांसवाड़ा. दूसरे राज्य में फंसे मजदूरों की घर वापसी के साथ केंद्र सरकार विदेश में कार्यरत अप्रवासी भारतीयों को देश लाने की तैयारी कर रही है. इनमें कुवैत सिटी से अप्रवासी भारतीयों को लाना भी शामिल है. लेकिन इस प्रक्रिया में राजस्थान के लोगों की उपेक्षा किए जाने की बात सामने आ रही है.
कुवैत सरकार की ओर से आउट पास तैयार करवाने के लिए समय दिया गया था. लेकिन भारतीय दूतावास की कथित ढिलाई के कारण राजस्थान के लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. वहीं, एयरलिफ्टिंग के लिए तैयार की गई वरीयता सूची में भी गड़बड़ी का अंदेशा जताया जा रहा है.
कुवैत में कार्यरत वागड़ के धनपाल पंचाल वहां राजस्थान दर्पण एसोसिएशन कुवैत सिटी संगठन की कमान संभाल रहे हैं. पंचाल ने एक वीडियो जारी कर अप्रवासी भारतीयों को देश पहुंचाने की प्रक्रिया में भारतीय दूतावास की ओर से बरती जा रही खामियों को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि कुवैत में कोविड-19 को लेकर स्थिति नाजुक है और जो भी अप्रवासी वहां रह रहे हैं, खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
पढ़ें- राजस्थान में यहां लड्डू गोपाल भी हुए 'क्वॉरेंटाइन'
ऐसे में भारत सरकार को अप्रवासी भारतीयों को वहां से निकालने की प्रक्रिया को और तेज करना होगा. कुवैत से जारी किए गए इस वीडियो में उन्होंने कहा कि भारत सरकार अप्रवासी भारतीयों को एयरलिफ्ट करने की प्लानिंग पर काम कर रही है और हैदराबाद के लिए दो से तीन फ्लाइट ऑपरेट किए हैं. इसके लिए भारत सरकार की ओर से प्राथमिकता तय की गई.
जिसमें गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, बच्चों और बीमार को वरीयता दी गई. उन्होंने दुख व्यक्त किया कि संगठन की ओर से ऐसे 10 लोगों की सूची भारतीय दूतावास को दी गई. लेकिन एक महिला के अलावा किसी के भी आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया.
पढ़ें- हजारीबाग में फंसे राजस्थान के मजदूर, ईटीवी भारत के जरिए लगाई प्रशासन से घर भेजने की गुहार
धनपाल पंचाल ने आरोप लगाया है कि एयरलिफ्टिंग में भी राज्य विशेष को वरीयता दी जा रही है. आउट पास जारी करने के लिए कुवैत सरकार की ओर से अवधि बढ़ाई गई थी और यह देखते हुए राजस्थान के लोगों के 260 आवेदन दूतावास को भेजे गए. लेकिन इसमें भी कथित तौर पर लेनदेन के कारण प्रोसेस को धीमा कर दिया गया.
जिस कारण बड़ी संख्या में लोग आउट पास से वंचित हो गए. संगठन के अध्यक्ष ने दावा किया कि हमारे पास गड़बड़ी किए जाने के सबूत हैं. उन्होंने कहा कि अगर दूतावास ने अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं किया तो संगठन इन्हें एक्सपोज करने से भी पीछे नहीं हटेगा.