बांसवाड़ा. देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मचे बवाल के बीच केंद्र सरकार की ओर से एनपीआर (राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर) के फ्रेमवर्क को अंतिम रूप दे दिया है. एनपीआर जनगणना 2021 का ही एक हिस्सा होगा. ईटीवी भारत ने एनपीआर को लेकर जनगणना निदेशालय राजस्थान के उपनिदेशक अतुल वर्मा से बातचीत की और उनसे जाना कि आखिर जनगणना 2021 में क्या नवाचार रहेगा और इसकी तैयारियां कहां तक पहुंची है.
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इस दौरान उपनिदेशक वर्मा ने एक सवाल पर बताया कि नेशनल पापुलेशन रजिस्टर 2 चरणों में होने वाली जनगणना 2021 का एक हिस्सा होगा. जो कि 2010 में तैयार किया गया था और 2015 में उसका ऑपरेशन किया गया था. उसे ही फिर से अपडेट किया जा रहा है. पहला चरण 16 मई से 30 जून के मध्य होना प्रस्तावित है. जिसमें हाउस सेंसिंग होनी है और दूसरा चरण 9 फरवरी से 28 फरवरी 2021 के मध्य होगा जोकि इसका काफी महत्वपूर्ण पार्ट होगा.
उन्होंने बताया कि इस चरण में एनपीआर को भी अपडेट किया जाएगा. तैयारियों के सवाल पर कहा कि क्योंकि हमारे पास वक्त काफी कम है. ऐसे में राज्य और केंद्र सरकार की अलग अलग प्रशासनिक इकाइयों की बाउंड्री फ्रीज करने के नोटिफिकेशन जारी किए जा चुके हैं. यह इकाइयां मौके पर पहुंचकर जनगणना 2021 का प्रेम फाइनल कर रही है. जो डाटा हमारे पास है और जो मौके पर उपस्थित अधिकारियों के पास है. दोनों की मौके पर जांच कर इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है.
वहीं, नवाचार के मसले पर उन्होंने बताया कि यह जनगणना 2021 पहली बार मिक्स मोड पर होने जा रही है. इससे पहले ट्रेडिशनल पेपर कोर्ट में होती थी. जिसमें काफी समय लगता था और रिजल्ट फाइनलाइजेशन में भी काफी समय लगता था. साथ ही गुणवत्ता पर भी कभी-कभी प्रश्नचिन्ह लगता था. जनगणना निदेशालय ने इस बार दोनों ही इश्यूज को चिन्हित करते हुए मिक्स मोड का विकल्प अपनाया है. जिसमें मोबाइल ऐप के जरिए यह पूरा काम किया जाएगा लेकिन, जिन लोगों को असुविधा है उन्हें पेपर मोड का भी विकल्प दिया जाएगा. वे बाद में संबंधित डेटा उपलब्ध करा सकेंगे. इससे सेंसस 2021 का कार्य और भी तेज गति से हो सकेगा.
मोबाइल ऐप में ऐसे चेक और बैलेंस डाले गए हैं जिससे डेटा की गुणवत्ता और भी बेहतर होगी. उपनिदेशक ने बताया कि मोबाइल ऐप के सिस्टम को देखते हुए स्थानीय अधिकारियों के साथ फ्रेम फाइनल का काम किया जा रहा है ताकि उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं आए. जनगणना में क्या नया रहेगा इस सवाल पर वर्मा ने बताया कि जनगणना में आज देश काल और परिस्थितियों के तहत जिन जिन इश्यूज की सार्थकता है उन्हें सम्मिलित किया जाएगा.
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उन्होंने बताया कि जनगणना 2021 के तीन महत्वपूर्ण पहलू होंगे. पहला मिक्स स्ट्रेटजी के साथ मोबाइल ऐप और तीसरा मैनेजमेंट और मॉनिटरिंग सिस्टम. सेंसस मैनेजमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम के जरिए जिला मुख्यालय से लेकर भारत सरकार के रजिस्ट्रार तक इस कामकाज पर काफी पैनी नजर रहेगी. अगले साल होने वाले दूसरे चरण में लोगों को वोटर लिस्ट की तरह अपने स्तर पर अपडेशन का भी विकल्प दिया जाएगा. एनपीआर को लेकर व्याप्त ब्रांच के ऊपर कहा कि नागरिकता को लेकर इसमें कुछ भी होने वाला नहीं है. 2010 में जो एनपीआर हुआ था उसे 2015 में अपडेट किया गया और उसे इस जनगणना में फिर से अपडेट किया जा रहा है. ऐसे में किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.