बांसवाड़ा. जून का पहला दिन बांसवाड़ा वासियों के लिए सुकून की खबर लेकर आया है. मार्च में कुशलगढ़ के बाद मई के पहले सप्ताह में बांसवाड़ा शहर सहित जिले के कुछ गांव में भी लोग कोरोना की चपेट में आ गए. राहत की बात ये है कि पॉजिटिव रोगी स्वस्थ होने के बाद धीरे-धीरे डिस्चार्ज किए जाते रहे और सोमवार को अंतिम आठ रोगियों को स्वस्थ प्रमाण पत्र के साथ महात्मा गांधी चिकित्सालय से घर भेज दिया गया. जिसके बाद अब बांसवाड़ा में एक भी पॉजिटिव रोगी नहीं रहा और जिला कोरोना मुक्त हो गया है.
चिकित्सा विभाग के अनुसार जिले में अप्रैल के पहले सप्ताह में कोरोना ने कुशलगढ़ के रास्ते दस्तक दी और 4 अप्रैल को आई रिपोर्ट में पिता पुत्र पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद जिला प्रशासन के निर्देश पर रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात की गई और वहां सर्वे का कार्य शुरू हुआ, लेकिन महज चार-पांच दिन बाद ही यहां रोगियों का ग्राफ और भी बढ़ गया और एक पखवाड़े में रोगियों की संख्या बढ़कर 5 दर्जन तक जा पहुंची. यहां तीन किलोमीटर के परिधि क्षेत्र को कंटेनमेंट घोषित करते हुए घर-घर सर्वे किया गया. कुल मिलाकर कुशलगढ़ प्रदेश का प्रमुख हॉटस्पॉट बन गया. एक ही समुदाय के 68 लोग संक्रमण की चपेट में आ गए.
महीने के अंत में बांसवाड़ा हाउसिंग बोर्ड की महिला पॉजिटिव पाई गई और शहर में भी रोगियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ. कुल मिलाकर पिछले 1 सप्ताह से बांसवाड़ा जिले में कोई नया पॉजिटिव केस नहीं आया और रोगियों का ग्राफ 85 पर अटक गया. इनमें से 2 रोगियों की मौत हो गई. वहीं, दो अन्य का उदयपुर में उपचार चल रहा है.
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कुशलगढ़ सहित बांसवाड़ा और जिले के अन्य इलाकों से आए 81 रोगियों का महात्मा गांधी चिकित्सालय में उपचार चल रहा था. जिनमें से नेगेटिव होने के बाद जिन जिन का क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा हो गया उन्हें डिस्चार्ज किया जाता रहा और आज अंतिम 8 लोगों को डिस्चार्ज कर उनके घर भेज दिया गया.
बता दें कि आज की स्थिति में बांसवाड़ा में एक भी पॉजिटिव केस नहीं है. चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नंदलाल चरपोटा के अनुसार जिले में एक भी पॉजिटिव रोगी नहीं है और सारे स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर घर भेज दिए गए हैं. निश्चित ही ये हमारे लिए गर्व की बात है.