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बांसवाड़ा: पुराने सदस्यों में बंट रही 'मलाई', नए काश्तकारों को फसली ऋण की जानकारी तक नहीं - special report

रबी सीजन में किसानों को खाद-बीज खरीदारी के लिए दिए जा रहे फसली ऋण का फायदा पुराने सदस्यों को ज्यादा मिल रहा है. जबकि नए सदस्यों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल रहा है. यही नहीं ऋण वितरण योजना की किसानों को जानकारी तक नहीं है. नतीजतन ऋण का अधिकांश कोटा पुराने काश्तकारों के नाम चढ़ गया है.

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नए काश्तकारों को फसली ऋण की जानकारी नहीं
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Published : Jan 4, 2020, 10:45 AM IST

बांसवाड़ा. रबी सीजन के लिए काश्तकारों को ऋण वितरण किया जा रहा है. जिसका काम नवंबर महीने से शुरू हो गया है. ऋण माफी योजना में बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से लोन उठाए जाने के मामले सामने आने के बाद इस बार ऋण वितरण का यह पूरा कार्य ऑनलाइन रखा गया है.

नए काश्तकारों को फसली ऋण की जानकारी नहीं

बता दें, कि बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अंतर्गत विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों में करीब 50 हजार किसान पंजीकृत हैं. नए लोन के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. किसानों ने अपने स्तर पर ही आधार और जरूरी दस्तावेज के साथ अपने-अपने क्षेत्रों से ही ई-मित्र के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए थे. करीब 90 प्रतिशत से अधिक किसानों ने ऋण के लिए आवेदन किया. जिन्हें 15 हजार से लेकर 20 हजार तक का कर्ज दिया गया.

28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए ऋण

दिसंबर के अंत तक कुल 28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत करते हुए सहकारी समितियों के जरिए उनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई. अब भी 21 हजार किसान ऋण के लिए आवेदन कर चुके हैं और ऋण स्वीकृत प्रक्रिया चल रही है.

किसानों को नहीं जानकारी

ईटीवी भारत ने कुछ किसानों से बातचीत की तो ऋण वितरण की अलग ही कहानी सामने आई. बस्सी गांव के किसान दयाराम का कहना है, कि हमें ऋण वितरण की जानकारी तक नहीं दी जाती. इस कारण इसका फायदा नहीं उठा पाते. समिति के लोग अपने ही परिचितों को ऋण बांटकर औपचारिकता पूरी कर देते हैं.

वहीं किसान बहादुर का कहना है, कि समय पर हमें भी जानकारी मिले तो हम भी इसका लाभ उठा सकते हैं, लेकिन हम तक जानकारी ही नहीं पहुंचती. बोर भातोड़ गांव के नाथूराम डोडियार का कहना है, कि अबतक उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ी है. जब भी आवश्यकता होगी तो आवेदन करेंगे.

यह भी पढ़ेंः Weather Strikes: 6 डिग्री उछला पारा, शीतलहर और गलन के चलते सर्दी जस की तस

झिरनिया गांव पंचायत के सरपंच बाबूलाल के अनुसार उनके ग्राम पंचायत कतर में एक बार काश्तकारों को लोन दिया जा चुका है. कई और किसान ऋण हासिल करने की कतार में हैं. तत्कालीन मैनेजर के कारण पहले काश्तकारों को ऋण नहीं मिल पाया था, लेकिन मैनेजर के ट्रांसफर के बाद काश्तकारों को ऋण मिलना शुरू हो गया.

बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रभारी आशीष कुमार के मुताबिक, इस सीजन के दौरान करीब 100 करोड़ रुपए का ऋण बांटने का लक्ष्य है. अबतक 67 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत कर किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं.

बांसवाड़ा. रबी सीजन के लिए काश्तकारों को ऋण वितरण किया जा रहा है. जिसका काम नवंबर महीने से शुरू हो गया है. ऋण माफी योजना में बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से लोन उठाए जाने के मामले सामने आने के बाद इस बार ऋण वितरण का यह पूरा कार्य ऑनलाइन रखा गया है.

नए काश्तकारों को फसली ऋण की जानकारी नहीं

बता दें, कि बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अंतर्गत विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों में करीब 50 हजार किसान पंजीकृत हैं. नए लोन के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. किसानों ने अपने स्तर पर ही आधार और जरूरी दस्तावेज के साथ अपने-अपने क्षेत्रों से ही ई-मित्र के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए थे. करीब 90 प्रतिशत से अधिक किसानों ने ऋण के लिए आवेदन किया. जिन्हें 15 हजार से लेकर 20 हजार तक का कर्ज दिया गया.

28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए ऋण

दिसंबर के अंत तक कुल 28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत करते हुए सहकारी समितियों के जरिए उनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई. अब भी 21 हजार किसान ऋण के लिए आवेदन कर चुके हैं और ऋण स्वीकृत प्रक्रिया चल रही है.

किसानों को नहीं जानकारी

ईटीवी भारत ने कुछ किसानों से बातचीत की तो ऋण वितरण की अलग ही कहानी सामने आई. बस्सी गांव के किसान दयाराम का कहना है, कि हमें ऋण वितरण की जानकारी तक नहीं दी जाती. इस कारण इसका फायदा नहीं उठा पाते. समिति के लोग अपने ही परिचितों को ऋण बांटकर औपचारिकता पूरी कर देते हैं.

वहीं किसान बहादुर का कहना है, कि समय पर हमें भी जानकारी मिले तो हम भी इसका लाभ उठा सकते हैं, लेकिन हम तक जानकारी ही नहीं पहुंचती. बोर भातोड़ गांव के नाथूराम डोडियार का कहना है, कि अबतक उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ी है. जब भी आवश्यकता होगी तो आवेदन करेंगे.

यह भी पढ़ेंः Weather Strikes: 6 डिग्री उछला पारा, शीतलहर और गलन के चलते सर्दी जस की तस

झिरनिया गांव पंचायत के सरपंच बाबूलाल के अनुसार उनके ग्राम पंचायत कतर में एक बार काश्तकारों को लोन दिया जा चुका है. कई और किसान ऋण हासिल करने की कतार में हैं. तत्कालीन मैनेजर के कारण पहले काश्तकारों को ऋण नहीं मिल पाया था, लेकिन मैनेजर के ट्रांसफर के बाद काश्तकारों को ऋण मिलना शुरू हो गया.

बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रभारी आशीष कुमार के मुताबिक, इस सीजन के दौरान करीब 100 करोड़ रुपए का ऋण बांटने का लक्ष्य है. अबतक 67 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत कर किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं.

Intro:बांसवाड़ा। रबी सीजन में किसानों को खाद बीज खरीदारी के लिए दिया जा रहा फसली ऋण की मलाई पुराने सदस्य काश्तकार ही चाट रहे हैं जबकि नए सदस्यों को इसका पूरा फायदा नहीं मिल रहा है । यहां तक कि ऋण वितरण योजना की किसानों को जानकारी तक नहीं मिलती और वे इसका लाभ नहीं उठा पाते । नतीजतन ऋण का अधिकांश कोटा पुराने काश्तकारों के नाम चढ़ जाता है तथा नए सदस्य हाथ मलते रह जाते हैं।


Body:रबी सीजन के लिए काश्तकारों को वितरण का यह कार्य नवंबर महीने से शुरू कर दिया गया था। ऋण माफी योजना में बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से लोन उठाए जाने के मामले सामने सामने आने के बाद इस बार ऋण वितरण का यह पूरा कार्य ऑनलाइन रखा गया। बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के अंतर्गत विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों में करीब 50000 किसान पंजीकृत है। नए लोन के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। किसानों ने अपने स्तर पर ही आधार आदि आवश्यक दस्तावेज संगम करते हुए अपने अपने क्षेत्रों से ही ईमित्र के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए थे। करीब 90% से अधिक किसानों ने ऋण के लिए आवेदन किया जिन्हें 15000 से लेकर ₹20000 तक का कर्ज दिया गया।


Conclusion:दिसंबर के अंत तक कुल 28972 किसानों को 63 करोड़ 7500000 रुपए का ऋण स्वीकृत करते हुए सहकारी समितियों के जरिए उनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई। अब भी 21000 किसान ऋण के लिए आवेदन कर चुके हैं और ऋण स्वीकृत प्रक्रिया चल रही है। ईटीवी भारत द्वारा कुछ किसानों से बातचीत की गई तो ऋण वितरण की अलग ही कहानी सामने आई । बस्सी गांव के किसान दयाराम का कहना था कि हमें ऋण वितरण की जानकारी तक नहीं दी जाती इस कारण इसका फायदा नहीं उठा पाते । समिति के लोग अपने ही जिन परिचितों को ऋण बांटकर औपचारिकता पूरी कर देते हैं । बहादुर का कहना था कि समय पर हमें भी जानकारी मिले तो हम भी इसका लाभ उठा सकते हैं लेकिन हम तक जानकारी ही नहीं पहुंचती । बोर भातोड़ गांव के नाथूराम डोडियार का कहना था कि वैसे मुझे इसकी जरूरत नहीं पड़ी है जब भी आवश्यकता होगी आवेदन करेंगे। अभी तक तो मुझे ऋण की जरूरत नहीं है। झिरनिया गांव पंचायत के सरपंच बाबूलाल के अनुसार हमारे ग्राम पंचायत कतर में एक बार काश्तकारों को लोन दिया जा चुका है और भी कई किसान ऋण हासिल करने की कतार में है। तत्कालीन मैनेजर के कारण पहले काश्तकारों को ऋण नहीं मिल पाया था लेकिन मैनेजर के ट्रांसफर के बाद काश्तकारों को रेन बनना शुरू हो गया। बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रभारी आशीष कुमार के अनुसार इस सीजन के दौरान करीब 10000000 रुपए का ऋण बांटने का लक्ष्य है और अब तक 67 करोड़ 7500000 का स्वीकृत करने के साथ किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिया गया है। बाइट........ दयाराम किसान ......... बहादुर किसान ......... खातू राम किसान .…... बापू लाल सरपंच ग्राम पंचायत झरनिया ,,,,,,,,,,,,,, आशीष कुमार प्रबंधक बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड बाइट...... आशीष कुमार शाखा प्रबंधक बांसवाड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
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