बांसवाड़ा. जिले में रबी सीजन के दौरान होने वाली मक्का की पैदावारी की समर्थन मूल्य पर खरीद का मामला केंद्र सरकार तक पहुंच गया है. सांसद कनक मल कटारा ने इस मामले में केंद्रीय मंत्रियों तक अपनी बात पहुंचाई और उम्मीद जताई कि अगले सीजन से यहां मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीद संभव हो सकेगी.
बांसवाड़ा जिले में माही बांध की बदौलत बड़े पैमाने पर रबी सीजन के दौरान मक्का की खेती की जाती है. कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस दरमियान करीब 1500 से लेकर 20 हजार हेक्टेयर में मक्का की बुवाई की जाती है. प्रदेश में इस सीजन में मक्का की बांसवाड़ा में सबसे अधिक पैदावार होती है, लेकिन किसानों को इसका वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है.
किसान ओने पौने दाम पर अपनी मक्का व्यापारियों को बेचने को मजबूर है. यहां तक की 11 00 से 12 00 रुपए प्रति क्विंटल भाव लगाए जा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार द्वारा 1760 रुपए समर्थन मूल्य घोषित किया गया है. किसानों की इस व्यथा को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखा. 29 मई को 'मक्का प्रॉसेस इकाइयों पर कोरोना की मार व्यापारियों के भरोसे काश्तकार' शीर्षक से किसानों के दर्द को प्रमुखता से उठाया. जिसके बाद शासन के अलावा जनप्रतिनिधि भी आगे आ रहे हैं.
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सांसद कनक मल कटारा ने बताया कि बांसवाड़ा बागीदौरा और घाटोल में बड़े पैमाने पर रबी सीजन में मक्का की फसल की जाती है. इसके समर्थन मूल्य पर खरीद होना आवश्यक है और मैंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और कृषि मंत्री तक अपनी बात पहुंचाई है. जरूरत पड़ी तो केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर एक-दो केंद्र खुलवाने का आग्रह किया जाएगा. मुझे लगता है कि अगले साल तक हमें निश्चित ही खरीद केंद्र के रूप में सौगात मिल सकेगी.