बांसवाड़ा. जिले में कृषि एवं जनजातीय स्वराज संप्रभुता अभियान के दो दिवसीय कार्यक्रम के पहले दिन प्रसिद्ध गांधी विचारक कुमार प्रशांत पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश को गांधी के मूल्यों से अलग रास्ते पर ले जा रही है जो देश के लिए खतरनाक साबित होगा. कुमार प्रशांत ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में गांधी को लेकर केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल भी उठाए.
केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर देश भर में चलाए जा रहे अभियान पर प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक और गांधी शांति प्रतिष्ठान, नई दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत ने कहा कि इसका सवाल ही नहीं उठता. जिस सरकार को गांधी के दो अक्षरों वाले शब्द का पता नहीं है उनसे यह कतई उम्मीद नहीं की जा सकती. उन्होंने कहा कि जरूरत इस बात की है कि समाज खुद गांधी के विचारधारा को समझे और आगे बढ़े.
पढ़ें- श्रीगंगानगरः 'भारत बचाओ रैली' को लेकर ब्लॉक स्तरीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक
सरकार की ओर से गैर सरकारी संगठनों पर तलवार चलाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उन एनजीओ को खत्म किया जा रहा है जो उनकी विचारधारा से सहमत नहीं है और अपने लोगों के एनजीओ को खड़ा किया जा रहा है. कानून से किसी एनजीओ को खत्म नहीं किया जा सकता, समाज मजबूत होगा तो स्वतः ही एनजीओ महत्वहीन हो जाएगा.
गांधीवादी दर्शन की प्रासंगिकता पर कुमार प्रशांत ने कहा कि गांधीवादी दर्शन अभी भी वही खड़ा है केवल हमने देखना बंद कर दिया है. हमारी नजर आखिर गांधी दर्शन पर कैसे पड़े यह भी एक अध्ययन का विषय हो गया है. मेरा मानना है कि अंततः हमें गांधी दर्शन की ओर ही लौटना होगा. उन्होंने चिंता जताई कि देश और दुनिया में मानव के अधिकार रहे ही कहा है. जो जो चीज खत्म हो रही है उसे हम एक स्पेशल डे के रूप में घोषित कर मना रहे हैं अर्थात वह चीज अब खत्म होने के कगार पर है.