बांसवाड़ा. कोरोना जांच को लेकर अब तक बांसवाड़ा का चिकित्सा विभाग डूंगरपुर और उदयपुर लैब पर ही निर्भर था. क्योंकि इन दोनों ही स्थानों पर कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में बांसवाड़ा जिले से बहुत कम सैंपल लिए जा रहे थे, लेकिन अब यहां के लोगों की जांच रिपोर्ट महज कुछ घंटों में ही उनके हाथ में होगी.
राज्य सरकार के निर्देशानुसार बांसवाड़ा में भी कोरोना की जांच के लिए लैब स्थापना का काम पूरा हो चुका है. सोमवार से इसकी टेस्टिंग का दौर शुरू हो रहा है. अगले 1 सप्ताह में लैब शुरू होने के आसार है जिसकी चिकित्सा विभाग की ओर से तमाम तरह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है.
उदयपुर संभाग में जिला मुख्यालय पर स्थापित होने वाली ये पहली लैब है. हालांकि राज्य सरकार की ओर से बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ दोनों में ही लैब स्थापित करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन बांसवाड़ा में जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा की ओर से व्यक्तिगत तौर पर रूचि लिए जाने से तमाम प्रकार की मशीनें पहले ही आ गई और लैब समय रहते स्थापित हो गई. हालांकि ये लैब 7 जून तक शुरू करने की योजना थी, लेकिन विदेश से कुछ मशीनों के आने में देरी हो गई. वहीं, सबसे महत्वपूर्ण जांच रिपोर्ट को रीड करने वाली मशीन नहीं पहुंच पाई. आरएनटी मेडिकल कॉलेज से एडजस्टमेंट के तौर पर ये मशीन मंगा कर लैब का काम पूरा कर दिया गया है.
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ईटीवी भारत की टीम ने लैब का जायजा लिया और लैब प्रभारी नोडल ऑफिसर डॉक्टर गौरव सर्राफ से बातचीत की. डॉक्टर सर्राफ ने बताया कि सोमवार को आईसीएमआर के अप्रूवल पर क्वालिटी चैकिंग के तौर पर जांच रिपोर्ट जोधपुर एम्स भेजी जाएगी. हमारे पास क्वालिटी चैकिंग और बतौर ट्रेनिंग 50 किट्स भेजे गए हैं. हमनें उदयपुर आरएनटी मेडिकल कॉलेज को हमारी डिमांड भेज रखी है. उसके पूरा होते ही विधिवत रूप से लैब स्टार्ट हो जाएगी जिसमें 1 सप्ताह तक लग सकता है.
उन्होंने बताया कि 10 से 11 तरह की मशीनें आ चुकी है और पुनः स्थापित कर दिया गया है. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मशीनों का स्टेप टू स्टेप यूज है और उसी के अनुरूप सैंपल प्रोसेस में जाता है. रिजल्ट और ग्राफ के अनुसार पॉजिटिव/ नेगेटिव की रिपोर्ट तैयार होती है. एक सवाल के जवाब में डॉक्टर सर्राफ ने बताया कि हालांकि लैब की प्रतिदिन की क्षमता ढाई सौ सैंपल की है, लेकिन स्टाफ के अनुसार प्रतिदिन 100 सैंपल की जांच की जा सकेगी.