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बांसवाड़ा में कुमार विश्वास ने काव्य रचनाओं की प्रस्तुति से जीत लिया सभी का मन

बांसवाड़ा में भगवान आदिनाथ पंचकल्याणक महोत्सव के चौथे दिन आयोजित कवि सम्मेलन रंग खूब जमा. विख्यात कवि कुमार विश्वास को सुनने के लिए बांसवाड़ा ही नहीं बल्कि आसपास के शहरों से भी लोग पहुंचे और तेज सर्दी के बावजूद मध्य रात्रि तक कार्यक्रम में ही डटे रहे.

बांसवाड़ा की खबर, Vishwas in banswara after 10 years,
काव्य रचनाओं की प्रस्तुति देते कुमार विश्वास
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Published : Dec 8, 2019, 8:38 AM IST

बांसवाड़ा. विख्यात कवि कुमार विश्वास करीब 10 साल बाद एक बार फिर बांसवाड़ा पहुंचे. जहां उन्हें लोगों का खूब प्यार मिला. जैसे ही वो यहां मंच पर पहुंचे तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से उनके स्वागत में गुंजायमान हो उठा. इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष अशोक जैन सहित पदाधिकारियों की ओर से अतिथियों, नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, बागीदौरा के विधायक महेंद्र जीतसिंह और कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन ने कवियों का मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया.

काव्य रचनाओं की प्रस्तुति देते कुमार विश्वास

दिल्ली की कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति देकर सम्मेलन की शुरुआत की. प्रारंभ में बिहार के शंभू शिखर मंच पर पहुंचे. उन्होंने छोटे-छोटे चुटकुलों की प्रस्तुतियों से लोगों को खूब गुदगुदाया. इसके अलावा अलवर से आए विनीत चौहान ने देशभक्ति पर आधारित अपनी रचनाओं को पेश कर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया. अंत में कवि और शायर कुमार विश्वास मंच पर पहुंचे.

पढ़ें: बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 23 दिसंबर को, कुलाधिपति मिश्र होंगे शामिल

यहां उन्होंने हैदराबाद एनकाउंटर पर लोगों के आक्रोश के साथ उन्नाव पर चुप्पी साधने को आड़े-हाथ लेते हुए महिलाओं से ऐसे मसलों पर राजनीति से परे होकर एक होने का आह्वान किया. करीब डेढ़ घंटे तक अपनी रचनाओं में हैदराबाद और उन्नाव घटनाओं के साथ राजनीति पर जमकर व्यंग बाण चलाए. कवि सम्मेलन मध्य रात्रि बाद तक चला और हजारों लोगों ने काव्य रचनाओं का आनंद उठाया. मंच संचालन बुंदेलखंड के कमलेश बसंती और स्थानीय कवि बृजमोहन तूफान ने किया.

बांसवाड़ा. विख्यात कवि कुमार विश्वास करीब 10 साल बाद एक बार फिर बांसवाड़ा पहुंचे. जहां उन्हें लोगों का खूब प्यार मिला. जैसे ही वो यहां मंच पर पहुंचे तो पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से उनके स्वागत में गुंजायमान हो उठा. इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष अशोक जैन सहित पदाधिकारियों की ओर से अतिथियों, नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, बागीदौरा के विधायक महेंद्र जीतसिंह और कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन ने कवियों का मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया.

काव्य रचनाओं की प्रस्तुति देते कुमार विश्वास

दिल्ली की कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति देकर सम्मेलन की शुरुआत की. प्रारंभ में बिहार के शंभू शिखर मंच पर पहुंचे. उन्होंने छोटे-छोटे चुटकुलों की प्रस्तुतियों से लोगों को खूब गुदगुदाया. इसके अलावा अलवर से आए विनीत चौहान ने देशभक्ति पर आधारित अपनी रचनाओं को पेश कर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया. अंत में कवि और शायर कुमार विश्वास मंच पर पहुंचे.

पढ़ें: बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह 23 दिसंबर को, कुलाधिपति मिश्र होंगे शामिल

यहां उन्होंने हैदराबाद एनकाउंटर पर लोगों के आक्रोश के साथ उन्नाव पर चुप्पी साधने को आड़े-हाथ लेते हुए महिलाओं से ऐसे मसलों पर राजनीति से परे होकर एक होने का आह्वान किया. करीब डेढ़ घंटे तक अपनी रचनाओं में हैदराबाद और उन्नाव घटनाओं के साथ राजनीति पर जमकर व्यंग बाण चलाए. कवि सम्मेलन मध्य रात्रि बाद तक चला और हजारों लोगों ने काव्य रचनाओं का आनंद उठाया. मंच संचालन बुंदेलखंड के कमलेश बसंती और स्थानीय कवि बृजमोहन तूफान ने किया.

Intro:बांसवाड़ा। भगवान आदिनाथ पंचकल्याणक महोत्सव के चौथे दिन आयोजित कवि सम्मेलन खूब जमा। ख्यात शायर और कवि कुमार विश्वास को सुनने के लिए बांसवाड़ा ही नहीं आसपास के शहरों से भी लोग पहुंचे और भयंकर सर्दी के बावजूद मध्य रात्रि तक जमे रहे।


Body:कुमार विश्वास 10 साल बाद बांसवाड़ा पहुंचे जहां उन्हें लोगों का खूब प्यार मिला। जैसे ही वे मंच पर पहुंचे पूरा पांडाल तालियों की गड़गड़ाहट से उनके स्वागत में गुंजायमान हो उठा। प्रारंभ में आयोजन समिति के अध्यक्ष अशोक जैन सहित पदाधिकारियों द्वारा अतिथियों नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी बागीदौरा के विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय कांग्रेस जिलाध्यक्ष चांदमल जैन और कवियों का मेवाड़ी पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। दिल्ली की कवियत्री अनामिका जैन अंबर ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति देकर सम्मेलन की शुरुआत की। प्रारंभ में बिहार के शंभू शिखर मंच पर पहुंचे। उन्होंने छोटे-छोटे चुटकुलों से लोगों को खूब गुदगुदाया वही यूपी की योगी सरकार द्वारा एंटी रोमियो एक्ट लाए जाने के बाद की स्थिति को बखूबी बयान कर युवाओं की दाद लूटी। शंभू शिखर में राजनेताओं पर भी खूब कटाक्ष किए। कवियत्री अंबर ने शृंगार रस पर आधारित अपनी रचना कभी दरिया के भीतर भी समंदर जाग उठता है मिले सम्मान ही तो पत्थर भी जाग उठता है की प्रस्तुति देकर महिला वर्ग की तालियां बटोरी तो वीर रस से ओतप्रोत मोदी तेरा कर्म क्या निभाया धर्म 370 हटाया मजा आ गया पेश कर वहां मौजूद उम्र के हर वर्ग के व्यक्ति की वाहवाही लूटी।


Conclusion:अलवर से आए विनीत चौहान ने देशभक्ति पर आधारित अपनी रचनाओं को पेश कर लोगों को सोचने पर विवश कर दिया। काश कर धारा 370 हटाए जाने के साथ सर्जिकल स्ट्राइक पर अपनी रचनाएं पेश की वहीं हवस के दरिंदों को सजा दिलाने में देरी पर न्यायिक सिस्टम पर कटाक्ष किया। सबसे अंत में कवि और शायर के बाद अब राम कथाकार के रूप में तेजी से देश और दुनिया में अपनी छवि बना रहे कुमार विश्वास मंच पर पहुंचे। यहां उन्होंने हैदराबाद एनकाउंटर पर लोगों के आक्रोश के साथ उन्नाव पर चुप्पी साधने को आड़े हाथ देते हुए महिलाओं से ऐसे मसलों पर राजनीति से परे होकर एक होने का आह्वान किया। साथी अपने शृंगार रस से ओतप्रोत मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं। इसके साथ ही कोई दीवाना कहता है तो कोई पागल समझता है। रचनाओं से पंडाल में मौजूद हर व्यक्ति तो ताली बजाने पर मजबूर कर दिया वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर इस अधूरी कहानी का क्या फायदा बिन कथानक कहानी का क्या फायदा जिसमें पूर्व कर नजर ना पावन बनी आंखों में से पानी का क्या फायदा। को भी लोगों ने खूब पसंद किया। उन्होंने अपने करीब डेढ़ घंटे तक अपनी रचनाओं में हैदराबाद और उन्नाव घटनाओं के साथ राजनीति पर जमकर व्यंग बाण चलाए। कवि सम्मेलन मध्य रात्रि बाद तक चला और हजारों लोगों ने काव्य रचनाओं का आनंद उठाया। मंच संचालन बुंदेलखंड के कमलेश बसंती और स्थानीय कवि बृजमोहन तूफान ने किया।
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