बांसवाड़ा. चिकित्सा विभाग की ओर से आयोजित जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा के तहत शनिवार को जिला कार्यक्रम में कांग्रेस नेत्री और पूर्व विधायक कांता भील ने चिकित्सकों की दुखती रग पर हाथ रख दिया. उनके मुंह से समारोह में यह कड़वी सच्चाई सुनकर विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी हतप्रभ रह गए.
मौका सीएमएचओ द्वारा जनजाति विश्वविद्यालय में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के तहत आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम का था. जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया के मुख्य आतिथ्य में बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व विधायक कांता भील को उद्बोधन के लिए बुलाया गया. उनके मुंह से विभाग के कामकाज की कड़वी सच्चाई सुनकर अधिकारी और नर्सिंग स्टाफ भी स्तब्ध रह गया.
पूर्व विधायक ने कहा कि डॉक्टर और नर्स स्टाफ को भगवान माना जाता है लेकिन अब सिर्फ अपने कमीशन के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में भेज दिया जाता है. यहां तक कि हॉस्पिटल में इलाज के लिए गरीब मरीजों से जेवर तक खुलवा लिए जाते हैं. उन्होंने चिकित्सकों से गरीब मरीजों के प्रति मानवता का धर्म निभाने का आग्रह किया.
जनजाति मंत्री बामनिया ने अपने उद्बोधन के दौरान नि:शुल्क दवा वितरण को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की देन बताया. साथ ही देश के विकास के लिए आबादी पर नियंत्रण की जरूरत बताई. समाजसेवी विकेश मेहता, अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेश वर्मा तथा पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने भी विचार रखे. समारोह के दौरान बेहतर कामकाज के लिहाज से 6 ग्राम पंचायत, एक पंचायत समिति और एक सीएचसी को एक एक लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एएनएम और आशा सहयोगिनियों को को भी सम्मानित किया गया. सीएमएचओ डॉक्टर एच एल तबियार के अनुसार जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़ा के तहत जिला स्तरीय कार्यक्रम में बेहतर कामकाज के लिए 40 जनों को सम्मानित किया गया.