बांसवाड़ा. पिछले कुछ दिनों से जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कुछ कम पड़ी है, लेकिन ऑक्सीजन सैचुरेशन की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन महात्मा गांधी चिकित्सालय में कोरोना रोगियों के लिए एक गहन चिकित्सा इकाई बनाने की तैयारी कर रहा है. इसकी आवश्यक तैयारियां करीब-करीब अंतिम चरण में हैं. प्रभारी सचिव नारायण लाल मीणा ने की जा रही तैयारियों का जायजा लिया और संतोष जताया.
पिछले एक पखवाड़े से कोरोना रोगियों की संख्या लगातार कम हो रही है. परंतु इसके साथ साथ ऑक्सीजन सैचुरेशन की शिकायत बढ़ गई है. एक सामान्य व्यक्ति का ऑक्सीजन सैचुरेशन 90 पार होना चाहिए, जबकि नए रोगियों में अधिकांश 65 से लेकर 85 तक के ही आ रहे हैं. इस प्रकार की कंडीशन में जी घबराना, कमजोरी तथा सांस लेने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. विशेषकर फेफड़ों में संक्रमण वाले रोगियों की कंडीशन बिगड़ने की आशंका रहती है. इस प्रकार के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए महात्मा गांधी चिकित्सालय प्रशासन कोरोना रोगियों के लिए गहन चिकित्सा इकाई स्थापित करने जा रहा है.
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हालांकि कोरोना रोगियों के लिए महिला और पुरुष दो अलग-अलग वार्ड चलाए जा रहे हैं. अब गंभीर रोगियों के लिए 35 बेड का आईसीयू तैयार किया जा रहा है. डॉ. देवेश गुप्ता के नेतृत्व में डॉ. मयंक शर्मा, जिमेश पांड्या और डॉ. अश्विन पाटीदार चिकित्सकों की टीम संक्रमित लोगों के उपचार में जुटी है. यहां की रिकवरी रेट को देखते हुए सागवाड़ा सहित आसपास के इलाकों से भी मरीज यहां पहुंच रहे हैं.
कोरोना आईसीयू की तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिला प्रभारी सचिव नारायण लाल मीणा हॉस्पिटल पहुंचे. जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह भी उनके साथ थे. पीएमओ डॉ. अनिल भाटी ने उन्हें आईसीयू की अब तक की तैयारियों के बारे में अवगत कराया. प्रभारी सचिव को बताया गया कि शीघ्र ही गहन चिकित्सा इकाई अपना काम करना शुरू कर देगी. प्रभारी सचिव ने बताया कि संक्रमित लोगों के उपचार की यहां अच्छी व्यवस्था है और आईसीयू का काम भी लगभग अंतिम चरण में है. उपलब्ध संसाधनों के मुकाबले संक्रमित लोगों के उपचार की व्यवस्थाएं बेहतर कही जा सकती है.