ETV Bharat / state

अब कॉन्वेंट को मात दे रहा सागवाड़िया का माध्यमिक विद्यालय, मोटिवेशनल और ई-क्लास के साथ 8 महीने में बदली सूरत - higher secondary school news

गांव में स्थित सरकारी स्कूलों की कल्पना के साथ ही हमारे मन में खंडहर भवन, इधर-उधर घूमते बच्चे, बारिश में छतों से टपकता पानी, परिसर में झाड़-झंकार आदि की तस्वीर उभर कर आती है. लेकिन कहावत है कि कोई भी काम मुश्किल नहीं होता. इंसान ठान ले तो पत्थर से भी पानी निकाल सकता है. बस जरूरत इस बात की है कि एक अच्छी प्लानिंग के साथ-साथ लोगों से बेहतर तालमेल. इसके जीते जागते उदाहरण के तौर पर उदयपुर रोड स्थित सागवाड़िया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय का.

बांसवाड़ा की खबर  banswara news  goverment school in banswara
8 महीने में बदली स्कूल की फिजा
author img

By

Published : Apr 26, 2020, 3:26 PM IST

Updated : Apr 26, 2020, 5:57 PM IST

बांसवाड़ा. उदयपुर रोड स्थित सागवाड़िया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की दिशा और दशा ही बदल गई. यहां एक प्रिंसिपल ने मात्र 8 महीने में स्कूल भवन की फिजा ही बदल दी. भामाशाह के सहयोग से न केवल स्कूल भवन को कन्वेंट स्कूल की तर्ज पर उभार दिया. बल्कि मोटिवेशनल क्लास का सहारा लेकर लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान भी बदलने का प्रयास किया. उनकी इस मेहनत को इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन ने सराहा और आईएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट प्रदान किया. यह प्रमाण पत्र लेने वाला यह स्कूल राजस्थान का पहला सरकारी स्कूल है, जिसे खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर बधाई दी है.

8 महीने में बदली स्कूल की फिजा

गढ़ी पंचायत समिति में आने वाले सागवाड़िया के उच्च माध्यमिक विद्यालय का चार्ज महिपाल सिंह चारण ने जून 2019 में संभाला. स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर चारण का मन काफी व्यथित था. लेकिन उन्होंने इसे एक मिशन के रूप में लिया और गांव के लोगों से स्कूल की बेहतरी के लिए सहयोग मांगा.

सबसे पहले ड्रेस कोड...

सबसे पहले उन्होंने बच्चों में अनुशासन की भावना विकसित करने के लिए ड्रेस कोड लागू किया. हालांकि कई गरीब बच्चे भी थे, जिनके लिए जूते टाई सहित पूरी ड्रेस जुटाना मुश्किल था. लेकिन उन्होंने इसके लिए गांव के भामाशाह की मदद ली. जब इसमें सफलता मिली तो चरण का हौसला बढ़ा.

और बढ़ता गया हौसला...

उन्होंने कक्षाओं को मोटिवेशनल क्लास में बदलने का बीढ़ा उठाया. यूपीएससी टॉपर्स के अलावा प्रतिष्ठित लोगों की डॉक्यूमेंट्री तैयार करने के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के अलावा न्यायिक सेवा के अधिकारियों को मोटिवेशनल स्पीच के लिए बुलाए जाने लगा. इससे बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा और उनकी उपस्थिति बढ़ गई.

यह भी पढ़ेंः बांसवाड़ा हो रहा कोरोना मुक्त, 1 सप्ताह से कोई नया रोगी नहीं

जिले की दानदाताओं के अलावा आसपास के इलाकों के कुवैत में काम करने वाले लोगों की समिति से भी सहयोग राशि उठाते हुए स्कूल में ई-क्लास स्टार्ट की गई. इसके अलावा स्कूल कंपाउंड को 16 सीसीटीवी कैमरे के जरिए तीसरी आंख के दायरे में लाया गया. ताकि बच्चों के साथ-साथ स्कूल स्टॉफ की गतिविधियों पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सके.

फैसिलिटी के साथ बच्चों का बढ़ा रुझान...

इसके साथ ही शौचालय के साथ-साथ बच्चों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए आरओ की व्यवस्था की गई. वहीं स्कूल की मुख्य प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाया गया और लैब की भी व्यवस्था की गई. जैसे-जैसे स्कूल के प्रति बच्चों में रुझान बढ़ता गया, वैसे-वैसे फैसिलिटी बढ़ती गई. ऑटोमेटिक रिंग बेल डिस्पेंसर मशीन फायर सेफ्टी एबीएल कक्ष इनवर्टर आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. इसके बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा आईएसओ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया गया. इसे देखते हुए ऑर्गनाइजेशन की टीम फरवरी में स्कूल विजिट पर आई. टीम के निर्देशों के अनुसार जो भी कमी पेशी देखी गई उन्हें तत्काल सुधार आ गया. अंततः ऑर्गेनाइजेशन द्वारा सरकारी स्कूल के इन प्रयासों पर आईएसओ सर्टिफिकेट के तौर पर अपनी मुहर लगा दी गई.

स्कूल की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विद्यालय प्रबंधन को बधाई दी है. प्रिंसिपल चारण ने इस उपलब्धि के लिए भामाशाह और स्कूल स्टाफ को श्रेय देते हुए कहा कि वाकई जब जून में कार्यभार संभाला तो मन व्यथित था. लेकिन मैंने योजनाबद्ध तरीके से सुधार का मिशन हाथ में लिया और सफल रहा. निश्चित ही इसका प्रतिफल हमें अगले शैक्षणिक सत्र में बच्चों की उपस्थिति और प्रवेश के तौर पर मिलेगा. साथ ही देश-विदेश से फंडिंग मिलने का भी रास्ता खुलेगा.

बांसवाड़ा. उदयपुर रोड स्थित सागवाड़िया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की दिशा और दशा ही बदल गई. यहां एक प्रिंसिपल ने मात्र 8 महीने में स्कूल भवन की फिजा ही बदल दी. भामाशाह के सहयोग से न केवल स्कूल भवन को कन्वेंट स्कूल की तर्ज पर उभार दिया. बल्कि मोटिवेशनल क्लास का सहारा लेकर लोगों का सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान भी बदलने का प्रयास किया. उनकी इस मेहनत को इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर स्टैंडर्डाइजेशन ने सराहा और आईएसओ 9001:2015 सर्टिफिकेट प्रदान किया. यह प्रमाण पत्र लेने वाला यह स्कूल राजस्थान का पहला सरकारी स्कूल है, जिसे खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर बधाई दी है.

8 महीने में बदली स्कूल की फिजा

गढ़ी पंचायत समिति में आने वाले सागवाड़िया के उच्च माध्यमिक विद्यालय का चार्ज महिपाल सिंह चारण ने जून 2019 में संभाला. स्कूल की अव्यवस्थाओं को लेकर चारण का मन काफी व्यथित था. लेकिन उन्होंने इसे एक मिशन के रूप में लिया और गांव के लोगों से स्कूल की बेहतरी के लिए सहयोग मांगा.

सबसे पहले ड्रेस कोड...

सबसे पहले उन्होंने बच्चों में अनुशासन की भावना विकसित करने के लिए ड्रेस कोड लागू किया. हालांकि कई गरीब बच्चे भी थे, जिनके लिए जूते टाई सहित पूरी ड्रेस जुटाना मुश्किल था. लेकिन उन्होंने इसके लिए गांव के भामाशाह की मदद ली. जब इसमें सफलता मिली तो चरण का हौसला बढ़ा.

और बढ़ता गया हौसला...

उन्होंने कक्षाओं को मोटिवेशनल क्लास में बदलने का बीढ़ा उठाया. यूपीएससी टॉपर्स के अलावा प्रतिष्ठित लोगों की डॉक्यूमेंट्री तैयार करने के साथ भारतीय प्रशासनिक सेवा और राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के अलावा न्यायिक सेवा के अधिकारियों को मोटिवेशनल स्पीच के लिए बुलाए जाने लगा. इससे बच्चों का पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ा और उनकी उपस्थिति बढ़ गई.

यह भी पढ़ेंः बांसवाड़ा हो रहा कोरोना मुक्त, 1 सप्ताह से कोई नया रोगी नहीं

जिले की दानदाताओं के अलावा आसपास के इलाकों के कुवैत में काम करने वाले लोगों की समिति से भी सहयोग राशि उठाते हुए स्कूल में ई-क्लास स्टार्ट की गई. इसके अलावा स्कूल कंपाउंड को 16 सीसीटीवी कैमरे के जरिए तीसरी आंख के दायरे में लाया गया. ताकि बच्चों के साथ-साथ स्कूल स्टॉफ की गतिविधियों पर बेहतर तरीके से नजर रखी जा सके.

फैसिलिटी के साथ बच्चों का बढ़ा रुझान...

इसके साथ ही शौचालय के साथ-साथ बच्चों को शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए आरओ की व्यवस्था की गई. वहीं स्कूल की मुख्य प्रवेश द्वार को आकर्षक बनाया गया और लैब की भी व्यवस्था की गई. जैसे-जैसे स्कूल के प्रति बच्चों में रुझान बढ़ता गया, वैसे-वैसे फैसिलिटी बढ़ती गई. ऑटोमेटिक रिंग बेल डिस्पेंसर मशीन फायर सेफ्टी एबीएल कक्ष इनवर्टर आदि की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई. इसके बाद स्कूल प्रबंधन द्वारा आईएसओ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया गया. इसे देखते हुए ऑर्गनाइजेशन की टीम फरवरी में स्कूल विजिट पर आई. टीम के निर्देशों के अनुसार जो भी कमी पेशी देखी गई उन्हें तत्काल सुधार आ गया. अंततः ऑर्गेनाइजेशन द्वारा सरकारी स्कूल के इन प्रयासों पर आईएसओ सर्टिफिकेट के तौर पर अपनी मुहर लगा दी गई.

स्कूल की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने भी विद्यालय प्रबंधन को बधाई दी है. प्रिंसिपल चारण ने इस उपलब्धि के लिए भामाशाह और स्कूल स्टाफ को श्रेय देते हुए कहा कि वाकई जब जून में कार्यभार संभाला तो मन व्यथित था. लेकिन मैंने योजनाबद्ध तरीके से सुधार का मिशन हाथ में लिया और सफल रहा. निश्चित ही इसका प्रतिफल हमें अगले शैक्षणिक सत्र में बच्चों की उपस्थिति और प्रवेश के तौर पर मिलेगा. साथ ही देश-विदेश से फंडिंग मिलने का भी रास्ता खुलेगा.

Last Updated : Apr 26, 2020, 5:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.