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बांसवाड़ाः 500 रुपए की रिश्वत राशि लेते हेड कांस्टेबल गिरफ्तार

बांसवाड़ा में 500 रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को गिरफ्तार किया है. हेड कांस्टेबल ने एक फरियादी श्यामसुंदर ओझा से यह रिश्वत ली है.

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Published : Dec 24, 2019, 5:00 PM IST

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500 रुपए की रिश्वत राशि

बांसवाड़ा. जिले में मंगलवार को 500 की रिश्वत के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़े हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह के बारे में अधिकारियों को गुमराह करने का मामला सामने आया है. बता दें कि पुलिस ने राज्यपाल की ड्यूटी के बाद जब चाप नदी पर रेड डालने वाली टीम में पर्वत सिंह को शामिल किया तो हथियार पुलिस लाइन में जमा कराने का बहाना बनाकर बच गया और पुलिस लाइन पहुंचकर फरियादी से रिश्वत की राशि वसूली.

एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक हेड कांस्टेबल को किया गिरफ्तार

दरअसल, राज्यपाल कलराज मिश्र सोमवार को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए थे. उनकी सुरक्षा ड्यूटी में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को सज्जनगढ़ से बांसवाड़ा भेजा गया. उसकी सशस्त्र टीम में ड्यूटी लगाई गई थी. राज्यपाल के जयपुर प्रस्थान के बाद पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बजरी तस्करी करने वाले लोगों के ठिकानों पर छापा मारने की प्लानिंग तैयार करते हुए इसके लिए एक टीम गठित की.

पढ़ेंः डूंगरपुर एसीबी की कार्रवाईः मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को 5 हजार की रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

वहीं चाप नदी पर रेड डालने के लिए गठित टीम में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को भी शामिल किया गया. जब उसे सूचना दी गई तो रिश्वत की राशि हाथ से चले जाने की आशंका में उसने टीम प्रभारी को उसके पास राज्यपाल की सशस्त्र ड्यूटी का हवाला दिया और कहां की उसे पहले अपना हथियार पुलिस लाइन में जमा कराना होगा. इस बहाने से पर्वत सिंह रेड डालने वाली टीम से बच गया और फरियादी श्यामसुंदर ओझा को रिश्वत की राशि लेकर पुलिस लाइन बुला लिया. वहां फरियादी से जैसे ही उसने 500 लिए. इसके बाद प्रतापगढ़ एंटी करप्शन की टीम ने कांस्टेबल के रंगे हाथों पकड़ लिया. फिलहाल उसे स्पेशल कोर्ट में पेश करने के लिए टीम उदयपुर रवाना कर दी गई है.

बांसवाड़ा. जिले में मंगलवार को 500 की रिश्वत के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़े हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह के बारे में अधिकारियों को गुमराह करने का मामला सामने आया है. बता दें कि पुलिस ने राज्यपाल की ड्यूटी के बाद जब चाप नदी पर रेड डालने वाली टीम में पर्वत सिंह को शामिल किया तो हथियार पुलिस लाइन में जमा कराने का बहाना बनाकर बच गया और पुलिस लाइन पहुंचकर फरियादी से रिश्वत की राशि वसूली.

एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक हेड कांस्टेबल को किया गिरफ्तार

दरअसल, राज्यपाल कलराज मिश्र सोमवार को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए थे. उनकी सुरक्षा ड्यूटी में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को सज्जनगढ़ से बांसवाड़ा भेजा गया. उसकी सशस्त्र टीम में ड्यूटी लगाई गई थी. राज्यपाल के जयपुर प्रस्थान के बाद पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बजरी तस्करी करने वाले लोगों के ठिकानों पर छापा मारने की प्लानिंग तैयार करते हुए इसके लिए एक टीम गठित की.

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वहीं चाप नदी पर रेड डालने के लिए गठित टीम में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को भी शामिल किया गया. जब उसे सूचना दी गई तो रिश्वत की राशि हाथ से चले जाने की आशंका में उसने टीम प्रभारी को उसके पास राज्यपाल की सशस्त्र ड्यूटी का हवाला दिया और कहां की उसे पहले अपना हथियार पुलिस लाइन में जमा कराना होगा. इस बहाने से पर्वत सिंह रेड डालने वाली टीम से बच गया और फरियादी श्यामसुंदर ओझा को रिश्वत की राशि लेकर पुलिस लाइन बुला लिया. वहां फरियादी से जैसे ही उसने 500 लिए. इसके बाद प्रतापगढ़ एंटी करप्शन की टीम ने कांस्टेबल के रंगे हाथों पकड़ लिया. फिलहाल उसे स्पेशल कोर्ट में पेश करने के लिए टीम उदयपुर रवाना कर दी गई है.

Intro:बांसवाड़ा। ₹500 की रिश्वत के साथ एंटी करप्शन ब्यूरो प्रतापगढ़ के हत्थे चढ़े हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह के बारे में अधिकारियों को गुमराह करने का मामला सामने आया है। पुलिस ने राज्यपाल की ड्यूटी के बाद जब चाप नदी पर रेड डालने वाली टीम में शामिल किया तो हथियार पुलिस लाइन में जमा कराने का बहाना बनाकर बच गया और पुलिस पहुंचकर फरियादी से रिश्वत की राशि वसूली।


Body:राज्यपाल कलराज मिश्र सोमवार को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए थे। उनकी सुरक्षा ड्यूटी में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को सज्जनगढ़ से बांसवाड़ा भेजा गया। उसकी सशस्त्र टीम में ड्यूटी लगाई गई थी। राज्यपाल के जयपुर प्रस्थान के बाद पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत ने बजरी तस्करी करने वाले लोगों के ठिकानों पर छापा मारने की प्लानिंग तैयार करते हुए इसके लिए एक टीम गठित की। चाप नदी पर रेड डालने के लिए गठित टीम में हेड कांस्टेबल पर्वत सिंह को भी शामिल किया गया। जब उसे सूचना दी गई तो रिश्वत की राशि हाथ से चले जाने की आशंका में उसने टीम प्रभारी को उसके पास राज्यपाल की सशस्त्र ड्यूटी का हवाला दिया और कहां की उसे पहले अपना हथियार पुलिस लाइन में जमा कराना होगा।


Conclusion:इस बहाने से पर्वत सिंह रेड डालने वाली टीम से बच गया और फरियादी श्यामसुंदर ओझा को रिश्वत की राशि लेकर पुलिस लाइन बुला लिया। वहां फरियादी से जैसे ही उसने ₹500 लिए प्रतापगढ़ एंटी करप्शन की टीम के हत्थे चढ़ गया। पता चला है कि पर्वत सिंह राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर देने वाली टीम में भी शामिल था। एंटी करप्शन ब्यूरो प्रतापगढ़ के डीवाईएसपी हेरंब जोशी ने बताया कि हमने उसे पुलिस लाइन के पास से ही पकड़ लिया। दिन में उसकी ड्यूटी राज्यपाल की सुरक्षा में थी। सुरक्षा घंटे के बाद उसने फरियादी श्याम सुंदर को पुलिस लाइन बुला लिया और ब्यूरो के जाल में फंस गया। फिलहाल उसे स्पेशल कोर्ट में पेश करने के लिए टीम उदयपुर रवाना कर दी गई है।

बाइट....... हेरंब जोशी पुलिस उपाधीक्षक एसीबी चौकी प्रतापगढ़
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