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COVID-19 Reality check: संदिग्ध दंपति मिलने के बाद लोग हुए सचेत, आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी से कतरा रहे गार्ड - आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी

बांसवाड़ा में कोरोना का संदिग्ध दंपति पाए जाने के बाद एक तरफ जहां शहर निवासी सजग नजर आ रहे हैं. वहीं राजकीय चिकित्सालय के आईसोलेशन वार्ड में लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड संक्रमण के डर के चलते अपनी ड्यूटी करने से कतराते नजर आ रहे हैं.

महात्मा गांधी चिकित्सालय, Mahatma Gandhi Hospital
आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी से कतरा रहे हैं गार्ड
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Published : Mar 20, 2020, 2:30 PM IST

बांसवाड़ा. शहर में पार्क हो या फिर कोई सार्वजनिक स्थान बीते 2 दिन से सन्नाटे के घेरे में हैं. जब से बांसवाड़ा में विदेश से लौटे दंपति को कोरोना का संदिग्ध रोगी मानते हुए आइसोलेट किया गया है. शहर में तरह-तरह की अफवाह का दौर चल पड़ा है. इसका नतीजा यह निकला कि लोग खुद-ब-खुद भीड़ से दूरी बनाकर चल रहे हैं.

आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी से कतरा रहे हैं गार्ड

लोग इतने सजग हो चुके हैं कि अपने बचाव के लिए सर्दी-जुखाम मात्र से ही हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. राहत की बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग खुद मास्क आदि पहनकर बाहर निकल रहे हैं. हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ हो या फिर चिकित्सक, मास्क लगाए नजर आते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने संदिग्ध मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का भी जायजा लिया. जहां पर सिक्योरिटी की पोल खुलकर सामने आ गई.

सबसे बड़े चौंकाने वाली बात यह है कि गार्ड इस वार्ड में ड्यूटी देने से ही कतरा रहे हैं. हालांकि आइसोलेशन वार्ड में संदिग्ध दंपति के आने से पहले नर्सिंग स्टाफ को सिक्योरिटी की ज्यादा जरूरत नहीं थी. लेकिन उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने के साथ ही लोग बेधड़क वार्ड में घुस जाते हैं. ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सालय प्रशासन की ओर से गार्ड लगाए गए. लेकिन गार्ड संक्रामक रोग को लेकर इतने डरे हुए हैं कि यहां ड्यूटी देने से ही बच रहे हैं.

पढ़ें: कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाएगा ई-रिक्शा

ईटीवी भारत ने पाया कि एक गार्ड प्रवेश द्वार के बाहर ही बैठा था. लेकिन वह केवल अपनी ड्यूटी के अलावा कोई भी दूसरा काम करने से कतरा रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक गार्ड तो इतने खौफ में नजर आया की आइसोलेशन वार्ड के बाहर करीब 15 फीट दूर खड़ा रहकर अपने किसी अन्य गार्ड के रिप्लेस होने की इंतजार कर रहा था. हालांकि उसकी ड्यूटी का टाइम खत्म हो चुका था. वह वार्ड में जाने की बजाए बाहर ही आने वाले गार्ड की राह ताकता दिखा. कैमरे के सामने आने से बचते हुए गार्ड ने कहा कि जिंदा रहे तो किसी और जगह काम कर लेंगे. कुल मिलाकर सबसे अधिक परेशानी सिक्योरिटी को लेकर ही नजर आई.

फिलहाल युगल को वार्ड में शिफ्ट करने के साथ ही यहां नर्सिंग कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 6 कर दी गई है. अर्थात हर बेड के लिए एक-एक कर्मचारी तैनात किया गया है. नर्सिंग कर्मी ने बताया कि सर्दी जुकाम से पीड़ित लोगों की अलग करने के साथ उपचार के लिए भी अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. फिलहाल लोकल लेवल पर किसी भी व्यक्ति में कोई भी सिम्टम्स देखने को नहीं मिले हैं.

पढ़ें: पचपदरा रिफायनरी प्रोजेक्ट में CORONA संक्रमण का खतरा, मजदूरों की नहीं हो रही स्क्रीनिंग

जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा ने अब तक के सहयोग के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक प्रकार का संकट है और इससे निपटने के लिए प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी आगे आना होगा. इसमें अब तक लोगों का सहयोग बेहतर रहा है. महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ नंदलाल चरपोटा के अनुसार संदिग्ध मरीजों के आइसोलेशन के लिए 5 बेड का वार्ड तैयार कर दिया गया है. साथ ही अगर कोई और जरूरत पड़ी तो खांडू कॉलोनी सिटी डिस्पेंसरी को नए आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया जाएगा.

बांसवाड़ा. शहर में पार्क हो या फिर कोई सार्वजनिक स्थान बीते 2 दिन से सन्नाटे के घेरे में हैं. जब से बांसवाड़ा में विदेश से लौटे दंपति को कोरोना का संदिग्ध रोगी मानते हुए आइसोलेट किया गया है. शहर में तरह-तरह की अफवाह का दौर चल पड़ा है. इसका नतीजा यह निकला कि लोग खुद-ब-खुद भीड़ से दूरी बनाकर चल रहे हैं.

आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी से कतरा रहे हैं गार्ड

लोग इतने सजग हो चुके हैं कि अपने बचाव के लिए सर्दी-जुखाम मात्र से ही हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं. राहत की बात यह है कि बड़ी संख्या में लोग खुद मास्क आदि पहनकर बाहर निकल रहे हैं. हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ हो या फिर चिकित्सक, मास्क लगाए नजर आते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने संदिग्ध मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का भी जायजा लिया. जहां पर सिक्योरिटी की पोल खुलकर सामने आ गई.

सबसे बड़े चौंकाने वाली बात यह है कि गार्ड इस वार्ड में ड्यूटी देने से ही कतरा रहे हैं. हालांकि आइसोलेशन वार्ड में संदिग्ध दंपति के आने से पहले नर्सिंग स्टाफ को सिक्योरिटी की ज्यादा जरूरत नहीं थी. लेकिन उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखने के साथ ही लोग बेधड़क वार्ड में घुस जाते हैं. ऐसे में लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए चिकित्सालय प्रशासन की ओर से गार्ड लगाए गए. लेकिन गार्ड संक्रामक रोग को लेकर इतने डरे हुए हैं कि यहां ड्यूटी देने से ही बच रहे हैं.

पढ़ें: कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता फैलाएगा ई-रिक्शा

ईटीवी भारत ने पाया कि एक गार्ड प्रवेश द्वार के बाहर ही बैठा था. लेकिन वह केवल अपनी ड्यूटी के अलावा कोई भी दूसरा काम करने से कतरा रहा है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि एक गार्ड तो इतने खौफ में नजर आया की आइसोलेशन वार्ड के बाहर करीब 15 फीट दूर खड़ा रहकर अपने किसी अन्य गार्ड के रिप्लेस होने की इंतजार कर रहा था. हालांकि उसकी ड्यूटी का टाइम खत्म हो चुका था. वह वार्ड में जाने की बजाए बाहर ही आने वाले गार्ड की राह ताकता दिखा. कैमरे के सामने आने से बचते हुए गार्ड ने कहा कि जिंदा रहे तो किसी और जगह काम कर लेंगे. कुल मिलाकर सबसे अधिक परेशानी सिक्योरिटी को लेकर ही नजर आई.

फिलहाल युगल को वार्ड में शिफ्ट करने के साथ ही यहां नर्सिंग कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर 6 कर दी गई है. अर्थात हर बेड के लिए एक-एक कर्मचारी तैनात किया गया है. नर्सिंग कर्मी ने बताया कि सर्दी जुकाम से पीड़ित लोगों की अलग करने के साथ उपचार के लिए भी अलग-अलग टीमें बनाई गई हैं. फिलहाल लोकल लेवल पर किसी भी व्यक्ति में कोई भी सिम्टम्स देखने को नहीं मिले हैं.

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जिला कलेक्टर कैलाश बेरवा ने अब तक के सहयोग के लिए लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह एक प्रकार का संकट है और इससे निपटने के लिए प्रशासन के साथ-साथ लोगों को भी आगे आना होगा. इसमें अब तक लोगों का सहयोग बेहतर रहा है. महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ नंदलाल चरपोटा के अनुसार संदिग्ध मरीजों के आइसोलेशन के लिए 5 बेड का वार्ड तैयार कर दिया गया है. साथ ही अगर कोई और जरूरत पड़ी तो खांडू कॉलोनी सिटी डिस्पेंसरी को नए आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया जाएगा.

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