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चंद रुपयों की खातिर बेटे को रखा गिरवी...बाल कल्याण समिति ने दिया आसरा

चंद रुपयों की खातिर गडरिया के गिरवी रखे गए मासूम कल्पेश के मामले में नया मोड़ आ गया है. अपने पिता को लेकर कल्पेश और उसकी मां के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है.

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Published : Jun 14, 2019, 1:26 PM IST

चंद रुपयों की खातिर बेटे को रखा गिरवी...बाल कल्याण समिति ने दिया आसरा

बांसवाड़ा. चंद रुपयों की खातिर गडरिया के गिरवी रखे गए मासूम कल्पेश के मामले में नया मोड़ आ गया है. अपने पिता को लेकर कल्पेश और उसकी मां के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है. इसे देखते हुए बाल कल्याण समिति ने मासूम को अस्थाई रूप से किशोर गृह में रखने का आदेश दिया है वही उसके परिवार के बारे में पुलिस और ग्राम पंचायत प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. इस रिपोर्ट के बाद समिति तय करेगी की कल्पेश का भविष्य किशोर गृह में रहेगा या फिर उसकी मां के हाथ सौंपा जाएगा. बाल कल्याण समिति के समक्ष अपने बयानों में 8 साल के कल्पेश ने कहा कि उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई है जबकि धार में चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान के दौरान उसकी मां ने ठीक विपरीत कहानी बयां की.

चंद रुपयों की खातिर बेटे को रखा गिरवी...बाल कल्याण समिति ने दिया आसरा

बांसवाड़ा बाल कल्याण समिति के समक्ष भी उसकी मां ने कल्पेश के बयानों के ठीक उलटा बयान दिए. दोनों के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए एकबारगी बाल कल्याण समिति भी असमंजस में घिर गई. वही मासूम कल्पेश ने अपने मां के साथ जाने से साफ मना कर दिया और किशोर ग्रह में रहकर पढ़ाई के प्रति इच्छा जताई. उसके भविष्य को देखते हुए समिति ने अस्थाई रूप से कल्पेश को किशोर गृह में भेज दिया. साथ ही कल्पेश के परिवार के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए संबंधित आबापुरा पुलिस थाना प्रभारी और ग्राम पंचायत अधिकारी को आदेशित किया गया. कल्पेश के बयानों में उसके दो भाई बहन और होना सामने आया. उसके बयानों के आधार पर उसकी दो अन्य भाई-बहनों के पालन पोषण की रिपोर्ट भी मांगी गई है ताकी उनका भविष्य भी सुरक्षित किया जा सके. समिति ने तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए दोनों ही एजेंसियों को पत्र भेजे गए हैं.


दूसरी बार रखा गया गिरवी
चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान में कल्पेश ने कहा कि उसके काका ने उसे 40000 रूपए में साल भर के लिए धार एक गडरिया के पास भेज दिया था. बाल कल्याण समिति के चेयरमैन हरीश त्रिवेदी के अनुसार 2 साल पहले भी मासूम को किसी गजरे के पास गिरवी रखा गया था. समिति ने उसके भविष्य को देखते हुए उसे किशोर गृह में रखने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त पिता को लेकर मां और बेटे के बयानों में जो विरोधाभासी बात सामने आई है. वही उसकी मां कल्पेश को लेकर कोई भी तथ्यात्मक दस्तावेज पेश नहीं कर पाई. उसके दृष्टिगत समिति ने ग्राम पंचायत प्रशासन और संबंधित पुलिस थाना प्रभारी को रिपोर्ट पेश करने को कहा है. उस रिपोर्ट के बाद ही कल्पेश के भविष्य को लेकर स्थाई आदेश जारी किया जा सकेगा.

बांसवाड़ा. चंद रुपयों की खातिर गडरिया के गिरवी रखे गए मासूम कल्पेश के मामले में नया मोड़ आ गया है. अपने पिता को लेकर कल्पेश और उसकी मां के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा है. इसे देखते हुए बाल कल्याण समिति ने मासूम को अस्थाई रूप से किशोर गृह में रखने का आदेश दिया है वही उसके परिवार के बारे में पुलिस और ग्राम पंचायत प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की है. इस रिपोर्ट के बाद समिति तय करेगी की कल्पेश का भविष्य किशोर गृह में रहेगा या फिर उसकी मां के हाथ सौंपा जाएगा. बाल कल्याण समिति के समक्ष अपने बयानों में 8 साल के कल्पेश ने कहा कि उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई है जबकि धार में चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान के दौरान उसकी मां ने ठीक विपरीत कहानी बयां की.

चंद रुपयों की खातिर बेटे को रखा गिरवी...बाल कल्याण समिति ने दिया आसरा

बांसवाड़ा बाल कल्याण समिति के समक्ष भी उसकी मां ने कल्पेश के बयानों के ठीक उलटा बयान दिए. दोनों के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए एकबारगी बाल कल्याण समिति भी असमंजस में घिर गई. वही मासूम कल्पेश ने अपने मां के साथ जाने से साफ मना कर दिया और किशोर ग्रह में रहकर पढ़ाई के प्रति इच्छा जताई. उसके भविष्य को देखते हुए समिति ने अस्थाई रूप से कल्पेश को किशोर गृह में भेज दिया. साथ ही कल्पेश के परिवार के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए संबंधित आबापुरा पुलिस थाना प्रभारी और ग्राम पंचायत अधिकारी को आदेशित किया गया. कल्पेश के बयानों में उसके दो भाई बहन और होना सामने आया. उसके बयानों के आधार पर उसकी दो अन्य भाई-बहनों के पालन पोषण की रिपोर्ट भी मांगी गई है ताकी उनका भविष्य भी सुरक्षित किया जा सके. समिति ने तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए दोनों ही एजेंसियों को पत्र भेजे गए हैं.


दूसरी बार रखा गया गिरवी
चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान में कल्पेश ने कहा कि उसके काका ने उसे 40000 रूपए में साल भर के लिए धार एक गडरिया के पास भेज दिया था. बाल कल्याण समिति के चेयरमैन हरीश त्रिवेदी के अनुसार 2 साल पहले भी मासूम को किसी गजरे के पास गिरवी रखा गया था. समिति ने उसके भविष्य को देखते हुए उसे किशोर गृह में रखने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त पिता को लेकर मां और बेटे के बयानों में जो विरोधाभासी बात सामने आई है. वही उसकी मां कल्पेश को लेकर कोई भी तथ्यात्मक दस्तावेज पेश नहीं कर पाई. उसके दृष्टिगत समिति ने ग्राम पंचायत प्रशासन और संबंधित पुलिस थाना प्रभारी को रिपोर्ट पेश करने को कहा है. उस रिपोर्ट के बाद ही कल्पेश के भविष्य को लेकर स्थाई आदेश जारी किया जा सकेगा.

Intro:बांसवाड़ाl चंद रुपयों की खातिर गडरिया के गिरवी रखे गए मासूम कल्पेश के मामले में नया मोड़ आ गया हैl अपने पिता को लेकर कल्पेश और उसकी मां के बयानों में विरोधाभास नजर आ रहा हैl इसे देखते हुए बाल कल्याण समिति ने मासूम को अस्थाई रूप से किशोर गृह मे रखने का आदेश दिया है वही उसके परिवार के बारे में पुलिस और ग्राम पंचायत प्रशासन से तथ्यात्मक रिपोर्ट तलब की हैl इस रिपोर्ट के बाद समिति तय करेगी की कल्पेश का भविष्य किशोर गृह तय करेगा या फिर उसकी मां के हाथ सौंपा जाएगाl बाल कल्याण समिति के समक्ष अपने बयानों में 8 साल


Body:के कल्पेश ने कहा कि उसके पिता की 3 साल पहले मौत हो गई है जबकि धार में चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान के दौरान उसकी मां ने ठीक विपरीत कहानी बयां कीl बांसवाड़ा बाल कल्याण समिति के समक्ष भी उसकी मां द्वारा कल्पेश के बयानों के ठीक उलट बयान दिएl दोनों के विरोधाभासी बयानों को देखते हुए एकबारगी बाल कल्याण समिति भी असमंजस में घिर गई। वही मासूम कल्पेश ने अपने मां के साथ जाने से साफ मना कर दिया और किशोर ग्रह में रहकर पढ़ाई के प्रति इच्छा जताई। उसके भविष्य को देखते हुए समिति ने अस्थाई रूप से


Conclusion:कल्पेश को किशोर गृह मैं भेज दिया। साथ ही कल्पेश के परिवार के बारे में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए संबंधित आबापुरा पुलिस थाना प्रभारी और ग्राम पंचायत अधिकारी को आदेशित किया गया। कल्पेश के बयानों में उसके दो भाई बहन और होना सामने आया। उसके बयानों के आधार पर उसकी दो अन्य भाई-बहनों के पालन पोषण की रिपोर्ट भी मानी गई है ताकि उनका भविष्य भी सुरक्षित किया जा सके। समिति द्वारा तथ्यात्मक रिपोर्ट के लिए दोनों ही एजेंसियों को पत्र भेजे गए हैं।
दूसरी बार रखा गया गिरवी
चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष अपने बयान मैं कल्पेश ने कहा कि उसके काका द्वारा उसे ₹40000 में साल भर के लिए धार एक गडरिया के पास भेज दिया था। बाल कल्याण समिति के चेयरमैन हरीश त्रिवेदी के अनुसार 2 साल पहले भी मासूम को किसी गजरे के पास गिरवी रखा गया था। समिति द्वारा उसके भविष्य को देखते हुए उसे किशोर गृह मैं रखने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त पिता को लेकर मां और बेटे के बयानों में जो विरोधाभासी बात सामने आई है । वही उसकी मां कल्पेश को लेकर कोई भी तथ्यात्मक दस्तावेज पेश नहीं कर पाई। उसके दृष्टिगत समिति द्वारा ग्राम पंचायत प्रशासन और संबंधित पुलिस थाना प्रभारी को रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। उस रिपोर्ट के बाद ही कल्पेश के भविष्य को लेकर स्थाई आदेश जारी किया जा सकेगा।

बाइट ...........?हरीश त्रिवेदी चेयरमैन बाल कल्याण समिति
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