अलवर. शहर में सदर थाने के सामने जमीन पर अतिक्रमण (Farmers land encroachment in Alwar) के मामले में नया मोड़ आया है. प्रशासन ने जमीन पर बुलडोजर चलाते हुए उसकी पैमाइश की तो भूमि के काश्तकार सामने आए. उन्होंने कहा कि विधायक के दबाव में प्रशासन व पुलिस काम कर रही है. विधायक ने थाने की जमीन पर कब्जा (Farmers warned of self immolation in Alwar) किया है. उनसे कब्जा छुड़वाने की बजाए प्रशासन ने काश्तकारों की करोड़ों रुपए की जमीन पर कब्जा कर लिया है. प्रशासन ने अगर उनकी बात नहीं सुनी तो वो कलेक्टर ऑफिस के बाहर आत्मदाह कर लेंगे.
अलवर में जमीन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन नया मामला सामने आ रहा है. बीते दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नसरू खां ने मंत्री टीकाराम जूली, रामगढ़ विधायक साफिया खान व मेवात विकास बोर्ड के अध्यक्ष जुबेर खान पर जमीनों पर कब्जा करने सहित कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने दस्तावेज पेश करते हुए कहा कि सदर थाने की जमीन पर जुबेर खान ने कब्जा कर लिया. उस पर फिटनेस सेंटर बना लिया गया है. इसके बाद प्रशासन हरकत में आया.
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तहसीलदार व पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जमीन की पैमाइश की व जमीन थाने को सुपुर्द की गई. उसके अगले ही दिन कुछ लोग सामने आए और उन्होंने कहा कि वह जमीन के मालिक हैं. 100 सालों से उनका जमीन पर मालिकाना हक है. प्रशासन ने विधायक के दबाव में गलत कार्रवाई की है. थाने की जमीन पर जुबेर खान का कब्जा है. उस जमीन को छुड़वाने की बजाए प्रशासन ने काश्तकारों की जमीन पर कब्जा कर लिया है. उस जमीन पर न्यायालय का स्टे है. उसके बाद भी प्रशासन की तरफ से यह कार्रवाई की गई.
तूलेड़ा निवासी बाबूलाल, लखपतराम, सुखपाल, सुरेश चंद ने एक प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि राजस्व रिकॉर्ड में उनके नाम से शुरू से जमीन है। उन्होंने किसी को जमीन नही बेची है। इसके बावजूद उनके हक की कुछ जमीन पर बुधवार को सदर थाने ने कब्जा ले लिया। जबकि जमीन की दुरुस्तीकरण का दावा न्यायालय में विचाराधीन है। सदर थाने की जमीन का विधायक सफिया खान व जुबेर खान का है। उनसे कब्जा लेने की जगह प्रशासन ने खाली पड़ी किसानों की जमीन में तारबंदी कर दी। किसानों ने कहा कि उनकी जमीन से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया। तो वो कलक्टर के ऑफिस के बाहर आत्मदाह कर लेंगे.