बांसवाड़ा. पहले तो बारिश होने में देरी और फिर अतिवृष्टि जिले के किसानों के लिए मुसिबत बन गई. अतिवृष्टि से जिले में बड़े पैमाने पर फसलें खराब हुई हैं. जिसको लेकर जिले के किसाना शुक्रवार को बड़ी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से मुलाकात कर उन्हें अतिवृष्टि से हुए नुकसान के बारे में अवगत कराया. साथ ही किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर गिरदावरी करवाने का आग्रह किया है.
बता दें कि, जनजाति स्वराज संस्था के बैनर तले बड़ी संख्या में किसान जिला मुख्यालय पर पहुंचे और कलेक्टर से मुलाकात की. किसानों का कहना था कि, कोविड-19 के दुष्प्रभाव से वैसे भी किसानों की हालत खराब है. खरीफ फसल को लेकर एक आस बंधी थी, लेकिन शुरुआती दौर में बारिश देरी से हुई. जिस कारण कई किसानों को दुबारा बुवाई करनी पड़ी. इस बीच अगस्त में जिले भर में भारी बारिश के चलते फसलें खराब हो गईं हैं. मक्का, सोयाबीन, उड़द, मूंग और तिल आदि की फसलों में कीड़े लग गए हैं. पहले कम बारिश और फिर अतिवृष्टि के चलते किसानों के हालात खराब हो चुके हैं और उनके पास कमाई का कोई दूसरा साधन भी नहीं है.
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वहीं, कलेक्टर ने भी किसानों को आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है. संस्था के अध्यक्ष मोहनलाल पटेल ने बताया कि, कलेक्टर को ज्ञापन देकर नुकसान के वास्तविक आकलन के लिए गिरदावरी करवाने की मांग की गई है. ताकि, उस आधार पर किसानों को 'प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना' के अंतर्गत क्षतिपूर्ति समय पर मिल सके.