ETV Bharat / state

बांसवाड़ा: ईद-उल-अजहा के मौके पर मस्जिदों में सांकेतिक तौर पर अता की गई नमाज - corona guideline

बांसवाड़ा में ईद उल अजहा का पर्व सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मनाया गया. मस्जिदों और ईदगाहों में सांकेतिक तौर पर नमाज अता की गई. कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार की तरफ से धार्मिक स्थानों पर लोगों के जुटने पर रोक है. जिसके बाद समुदाय के लोगों ने अपने घरों पर ही नमाज अता की और देश में अमन और चैन की दुआ मांगी.

eid ul azha festival,  eid ul azha
ईद उल अजहा के पर्व पर मस्जिदों में सांकेतिक तौर पर अता की गई नमाज
author img

By

Published : Aug 1, 2020, 3:42 PM IST

बांसवाड़ा. देशभर में 1 अगस्त को ईद उल अजहा का पर्व मनाया गया. यह पर्व त्याग और बलिदान का पर्व है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए धार्मिक स्थलों पर लोगों के जुटने की मनाही है. जिसके बाद कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ईदगाह और मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोगों ने सांकेतिक तौर पर नमाज अता की. लोगों ने देश में अमन और चैन की दुआ मांगी. समुदाय के बाकी लोगों ने अपने घरों से ही नमाज अता की.

सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ पालन

इस्लाम में मान्यता है कि अल्लाह ने सपने में हजरत इब्राहिम से अपनी सबसे प्रिय वस्तु कुर्बानी में मांगी तो उन्होंने अपने इकलौते बेटे इस्माइल की कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी. उसके बाद से ही हजरत इब्राहिम के त्याग और कुर्बानी की याद में बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा. शनिवार सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने-अपने परिवार के लोगों के साथ पाक साफ होकर नए-नए कपड़ों में घर में ही नमाज अता की.

eid ul azha festival,  eid ul azha
लोगों ने गले मिलकर दी एक दूसरे को बधाई

पढ़ें: राम मंदिर निर्माणः झालावाड़ के प्राचीन मंदिर से भेजी गई पवित्र मिट्टी

बांसवाड़ा ईदगाह में कारी मुजफ्फर खान ने नमाज अदा करवाई. नमाज अता करने के बाद में सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी. इसके बाद लोगों ने अपने-अपने घरों पर हजरत इब्राहिम के पुत्र इस्माइल की याद में बकरों की कुर्बानियां दी. अंजुमन इस्लामिया के सदर शोएब खान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हमने पहले ही ईदगाह और मस्जिदों में पांच-पांच लोगों द्वारा सांकेतिक तौर पर नमाज अता करवाने का निर्णय कर लिया था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी पालना की गई.

बांसवाड़ा. देशभर में 1 अगस्त को ईद उल अजहा का पर्व मनाया गया. यह पर्व त्याग और बलिदान का पर्व है. इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए धार्मिक स्थलों पर लोगों के जुटने की मनाही है. जिसके बाद कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक ईदगाह और मस्जिदों में मुस्लिम समाज के लोगों ने सांकेतिक तौर पर नमाज अता की. लोगों ने देश में अमन और चैन की दुआ मांगी. समुदाय के बाकी लोगों ने अपने घरों से ही नमाज अता की.

सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ पालन

इस्लाम में मान्यता है कि अल्लाह ने सपने में हजरत इब्राहिम से अपनी सबसे प्रिय वस्तु कुर्बानी में मांगी तो उन्होंने अपने इकलौते बेटे इस्माइल की कुर्बानी देनी चाही तो अल्लाह ने एक बकरे की कुर्बानी दिलवा दी. उसके बाद से ही हजरत इब्राहिम के त्याग और कुर्बानी की याद में बकरीद का त्योहार मनाया जाने लगा. शनिवार सुबह से ही मुस्लिम समुदाय के लोगों ने अपने-अपने परिवार के लोगों के साथ पाक साफ होकर नए-नए कपड़ों में घर में ही नमाज अता की.

eid ul azha festival,  eid ul azha
लोगों ने गले मिलकर दी एक दूसरे को बधाई

पढ़ें: राम मंदिर निर्माणः झालावाड़ के प्राचीन मंदिर से भेजी गई पवित्र मिट्टी

बांसवाड़ा ईदगाह में कारी मुजफ्फर खान ने नमाज अदा करवाई. नमाज अता करने के बाद में सभी ने एक-दूसरे को गले मिलकर ईद उल अजहा की मुबारकबाद दी. इसके बाद लोगों ने अपने-अपने घरों पर हजरत इब्राहिम के पुत्र इस्माइल की याद में बकरों की कुर्बानियां दी. अंजुमन इस्लामिया के सदर शोएब खान ने बताया कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हमने पहले ही ईदगाह और मस्जिदों में पांच-पांच लोगों द्वारा सांकेतिक तौर पर नमाज अता करवाने का निर्णय कर लिया था. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी पालना की गई.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.