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मां बाड़ी केंद्रों को बंद करने के विरोध में शिक्षा सहयोगी धरने पर

बांसवाड़ा में हाल ही में 10 मां बाड़ी केंद्रों को निरीक्षण के बाद बंद करने का मामला सामने आया है. साथ ही शिक्षा सहयोगियों को भी उनके पद से हटा दिया गया. जिसको लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है. वहीं, मंगलवार को शिक्षा सहयोगियों ने धरना दिया और अपना विरोध जताया.

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Published : Oct 13, 2020, 4:23 PM IST

rajasthan news, banswara news
बांसवाड़ा में शिक्षा सहयोगियों ने दिया धरना

बांसवाड़ा. जनजाति विभाग की ओर से जिले में मां बाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इनमें से 10 केंद्रों को आकस्मिक निरीक्षण के बाद अचानक बंद कर शिक्षा सहयोगियों को पद से हटा दिया गया. इस कार्रवाई को लेकर शिक्षा सहयोगी विभाग के विरुद्ध मैदान में आ गए और मंगलवार को स्वच्छ परियोजना के बाहर धरना देकर अपना विरोध जताया.

हटाए गए शिक्षा सहयोगी इस सिलसिले में जिला कलेक्टर से भी मिले और जनजाति विभाग के आयुक्त तक भी अपनी आवाज पहुंचाई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जनजाति परियोजना के अधिकारियों पर व्यवस्था पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए शिक्षा सहयोगी आज डूंगरपुर रोड स्थित स्वच्छ परियोजना कार्यालय पहुंचे और कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया.

अपने इस संकेतिक धरने के दौरान शिक्षा सहयोगियों का कहना था कि अपने ही कुछ लोगों को केंद्रों पर लगाने के लिए परियोजना के अधिकारियों ने अचानक केंद्रों का निरीक्षण किया. उनका आरोप था कि केंद्र खुलने का समय 7:30 बजे है, लेकिन अधिकारी 7 से 7:15 के बीच केंद्रों पर पहुंच गए.

पढ़ें- हेलो! पुलिस कंट्रोल रूम...नक्षत्र मॉल में बम विस्फोट हुआ है...

जबकि उस दौरान बारिश हो रही थी और आंधी तूफान से लोगों के छप्पर तक उड़ गए थे. निरीक्षण दल में शामिल अधिकारियों ने रजिस्टर तक में कोई एंट्री नहीं की और बिना नोटिस दिए केंद्रों को बंद करते हुए उन्हें पद से हटा दिया. इस आवेदन की कार्रवाई से उनके समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है और वो लोग पात्र होते हुए भी दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

धरने पर बैठी रतन देवी ने कहा कि रास्ते में और भी कई केंद्र हैं लेकिन उनका निरीक्षण नहीं किया गया और टारगेट बेस उनके केंद्रों का ही निरीक्षण किया गया. विभाग ने उन्हें बहाल नहीं किया तो आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा.

बांसवाड़ा. जनजाति विभाग की ओर से जिले में मां बाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इनमें से 10 केंद्रों को आकस्मिक निरीक्षण के बाद अचानक बंद कर शिक्षा सहयोगियों को पद से हटा दिया गया. इस कार्रवाई को लेकर शिक्षा सहयोगी विभाग के विरुद्ध मैदान में आ गए और मंगलवार को स्वच्छ परियोजना के बाहर धरना देकर अपना विरोध जताया.

हटाए गए शिक्षा सहयोगी इस सिलसिले में जिला कलेक्टर से भी मिले और जनजाति विभाग के आयुक्त तक भी अपनी आवाज पहुंचाई लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. जनजाति परियोजना के अधिकारियों पर व्यवस्था पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए शिक्षा सहयोगी आज डूंगरपुर रोड स्थित स्वच्छ परियोजना कार्यालय पहुंचे और कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया.

अपने इस संकेतिक धरने के दौरान शिक्षा सहयोगियों का कहना था कि अपने ही कुछ लोगों को केंद्रों पर लगाने के लिए परियोजना के अधिकारियों ने अचानक केंद्रों का निरीक्षण किया. उनका आरोप था कि केंद्र खुलने का समय 7:30 बजे है, लेकिन अधिकारी 7 से 7:15 के बीच केंद्रों पर पहुंच गए.

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जबकि उस दौरान बारिश हो रही थी और आंधी तूफान से लोगों के छप्पर तक उड़ गए थे. निरीक्षण दल में शामिल अधिकारियों ने रजिस्टर तक में कोई एंट्री नहीं की और बिना नोटिस दिए केंद्रों को बंद करते हुए उन्हें पद से हटा दिया. इस आवेदन की कार्रवाई से उनके समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है और वो लोग पात्र होते हुए भी दर-दर भटकने को मजबूर हैं.

धरने पर बैठी रतन देवी ने कहा कि रास्ते में और भी कई केंद्र हैं लेकिन उनका निरीक्षण नहीं किया गया और टारगेट बेस उनके केंद्रों का ही निरीक्षण किया गया. विभाग ने उन्हें बहाल नहीं किया तो आंदोलन को और भी उग्र किया जाएगा.

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