ETV Bharat / state

बांसवाड़ा: ठंड में ठिठुर रहे बच्चे, स्वेटर तो दूर स्कूल ड्रेस तक नसीब नहीं

बांसवाड़ा के शासकीय डॉ. भीमराव अंबेडकर छात्रावास में बच्चों को स्कूल यूनिफार्म, स्वेटर और शूज नहीं मिल पाए हैं. बच्चों को ठंड में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हॉस्टल प्रबंधन जल्द ही स्वेटर और स्कूल ड्रेस देने की दलील दे रहा है.

author img

By

Published : Dec 13, 2019, 1:14 PM IST

hostel management not gave uniform to students,  छात्रावास मेम छात्रों को नही मिले कपड़े
छात्रावास प्रबंधन ने स्कूल ड्रेस, स्वेटर नहीं दिया

बांसवाड़ा. सरकारी स्तर पर गरीब बच्चों को लेकर योजनाएं किस तरह रेंगती हैं, इसका ताजा उदाहरण समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों में देखा जा सकता है. जिले के शासकीय डॉ. भीमराव अम्बेडर छात्रावास में शैक्षणिक सत्र अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन छात्र-छात्राओं को अब तक छात्रावास प्रबंधन स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध नहीं करा पाया है. अब सर्दी भी जोर पकड़ रही है. ऐसे में फटे- पुराने कपड़ों में ये बच्चे ठिठुर रहे हैं.

छात्रावास प्रबंधन ने स्कूल ड्रेस, स्वेटर नहीं दिया

नियम के मुताबिक छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही जूते, मोजे और 2 स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही सर्दी की शुरुआत में सरकार की ओर से हर बच्चे के लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था कराई जाती है. लेकिन बच्चों को अबतक गर्म कपड़े तो दूर की बात स्कूल यूनिफार्म तक नहीं मिल पाई है, जबकि शैक्षणिक सत्र खत्म होने में महज 4 महीने बाकी हैं.

ये पढ़ेंः डूंगरपुर: बाल संरक्षण आयोग सदस्य के निरीक्षण में एक मिशनरी आवासीय स्कूल में मिली अनियमितताएं, कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश

सर्दी की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में गर्म कपड़ों के अभाव में छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी आ रही है. इस संबंध में बच्चों ने वार्डन को भी बताया, लेकिन सरकारी स्तर से ही बजट नहीं मिल पाया है.

बांसवाड़ा जिले में समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रावास में करीब 3 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. छात्रावास अधीक्षक चंद्रप्रकाश जोशी ने बताया, कि आगे से ही बजट नहीं आ रहा है. लेकिन जल्द ही बच्चों को स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर उपलब्ध करा दिया जाएंगे.

बांसवाड़ा. सरकारी स्तर पर गरीब बच्चों को लेकर योजनाएं किस तरह रेंगती हैं, इसका ताजा उदाहरण समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों में देखा जा सकता है. जिले के शासकीय डॉ. भीमराव अम्बेडर छात्रावास में शैक्षणिक सत्र अंतिम पड़ाव पर है, लेकिन छात्र-छात्राओं को अब तक छात्रावास प्रबंधन स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध नहीं करा पाया है. अब सर्दी भी जोर पकड़ रही है. ऐसे में फटे- पुराने कपड़ों में ये बच्चे ठिठुर रहे हैं.

छात्रावास प्रबंधन ने स्कूल ड्रेस, स्वेटर नहीं दिया

नियम के मुताबिक छात्रावासों में रहने वाले छात्र-छात्राओं को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही जूते, मोजे और 2 स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही सर्दी की शुरुआत में सरकार की ओर से हर बच्चे के लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था कराई जाती है. लेकिन बच्चों को अबतक गर्म कपड़े तो दूर की बात स्कूल यूनिफार्म तक नहीं मिल पाई है, जबकि शैक्षणिक सत्र खत्म होने में महज 4 महीने बाकी हैं.

ये पढ़ेंः डूंगरपुर: बाल संरक्षण आयोग सदस्य के निरीक्षण में एक मिशनरी आवासीय स्कूल में मिली अनियमितताएं, कलेक्टर को दिए जांच के निर्देश

सर्दी की शुरुआत हो चुकी है, ऐसे में गर्म कपड़ों के अभाव में छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी आ रही है. इस संबंध में बच्चों ने वार्डन को भी बताया, लेकिन सरकारी स्तर से ही बजट नहीं मिल पाया है.

बांसवाड़ा जिले में समाज कल्याण विभाग की ओर से संचालित छात्रावास में करीब 3 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है. छात्रावास अधीक्षक चंद्रप्रकाश जोशी ने बताया, कि आगे से ही बजट नहीं आ रहा है. लेकिन जल्द ही बच्चों को स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर उपलब्ध करा दिया जाएंगे.

Intro:स्पेशल रिपोर्ट ....... बांसवाड़ा। सरकारी स्तर पर गरीब बच्चों को लेकर योजनाएं किस प्रकार रेंगती है इसका ताजा उदाहरण समाज कल्याण विभाग के छात्रावासों में दिखा जा सकता है जहां शैक्षणिक सत्र अंतिम पड़ाव पर है लेकिन छात्र छात्राओं को सरकार अब तक स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध नहीं करा पाई है। अब सर्दी भी जोर पकड़ रही है ऐसे में फटे पुराने कपड़ों में इन बच्चों को के टूटते हुए देखा जा सकता है।


Body:कमोबेश प्रदेश के सभी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों के यही हाल है। नियमानुसार इन छात्रावासों में रहने वाले छात्र छात्राओं को शैक्षणिक सत्र शुरू होने के साथ ही जूते मोजे तथा दो स्कूल यूनिफार्म उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही सर्दी की शुरुआत में सरकार द्वारा हर बच्चे के लिए गर्म कपड़ों की व्यवस्था कराई जाती है। सरकारी कारिंदे इन गरीब बच्चों को लेकर कितना संजीदा है इन छात्रावासों के बच्चों की हालत से बखूबी देखा जा सकता है जिनको अब तक गर्म कपड़े तो दूर की बात स्कूल यूनिफार्म तक नहीं मिल पाई है जबकि शैक्षणिक सत्र खत्म होने में महक 4 माह बाकी है।


Conclusion:बच्चों को पुराने फटे पुराने कपड़ों मैं स्कूल जाते देखा जा सकता है। सर्दी की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में गर्म कपड़ों के अभाव में छोटे बच्चों को ज्यादा परेशानी आ रही है। इस संबंध में बच्चों द्वारा वार्डन को भी अवगत कराया गया लेकिन सरकारी स्तर से ही बजट काउंटर नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि छात्रावासों में एससी एसटी और ओबीसी के करीब 35000 बच्चे अध्ययनरत है। अकेले बांसवाड़ा जिले में समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रावास संचालित है जिनमें करीब 3000 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत है। छात्र मणिलाल निनामा के अनुसार उन्हें हर साल 2 जोड़ी स्कूल ड्रेस दिखाई जाती है जो अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। लक्ष्मण निनामा का कहना है कि फटे पुराने कपड़ों में स्कूल जाना उनकी मजबूरी है। अंबालाल के अनुसार अब सर्दी भी जोर पकड़ रही है ऐसे में इन कपड़ों में ही स्कूल जाना पड़ता है। इस बारे में अंबेडकर छात्रावास के अधीक्षक चंद्रप्रकाश जोशी के अनुसार आगे से ही बजट नहीं आ रहा है लेकिन अब मोटा मोटा फैसला हो गया है और जल्द ही बच्चों को स्कूल यूनिफार्म और स्वेटर आदि उपलब्ध करा दिया जाएंगे। बाइट........1. मणिलाल निनामा 2. लक्ष्मण निनामा 3. अंबालाल सभी छात्र 4. चंद्र प्रकाश जोशी छात्रावास अधीक्षक डॉ अंबेडकर छात्रावास बांसवाड़ा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.