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राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की समीक्षा: महाजन ने अधिकारी-कार्मिकों को अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करने के दिए निर्देश

प्रदेश की 7 सीटों को लेकर होने वाले मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने अधिकारी-कार्मिकों को अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करने के निर्देश दिए.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

Review of Rajasthan Assembly by election
राजस्थान विधानसभा उपचुनाव की समीक्षा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: भारत निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख को की घोषणाओं के साथ ही राज्य निर्वाचन विभाग ने भी निष्पक्ष चुनाव को लेकर समीक्षा शुरू कर दी है. उपचुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भय रहित माहौल में करवाने के लिए निर्वाचन विभाग माइक्रो आब्जर्वर और सेक्टर ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त मानव संसाधन नियोजित किए जाएंगे. इस क्रम में निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करेंगे. साथ ही, जागरूकता गतिविधियां बढ़ाकर अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ), पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए.

संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान हो: उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने कहा कि सभी रिटर्निंग अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का गहनता से अध्ययन करें और तदनुसार अपने टीम सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण देकर निर्वाचन को निष्पक्ष और समावेशी प्रक्रिया के रूप में संपन्न करवाएं. महाजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त माइक्रो आब्जर्वर या सेक्टर ऑफिसर की तैनाती कर सकते हैं. धरातल पर नियोजित ये सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की पूरी जानकारी रखें तथा आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक कर सूचनाएं साझा करें.

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव-2024 की तारीखों का ऐलान, यहां देखें किस जिले के कितने क्षेत्र में लगी आचार सहिंता

भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता: बैठक में राज्य पुलिस नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) अनिल टांक ने जिला पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित किया. उन्होंने बताया कि चुनाव वाले 7 जिलों में से 4 की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी हैं, जहां विशेष निगरानी के लिए अंतरराज्यीय सीमा नाके लगाए गए हैं. सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था का समुचित प्रबंधन किया जा रहा है. साथ ही आवश्यकता होने पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने भी कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित, भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें: मंत्री बेढम बोले- कंट्रोल में कानून व्यवस्था, उपचुनाव को लेकर किया ये बड़ा दावा

होम वोटिंग के विकल्प का प्रचार-प्रसार: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 85 वर्ष से अधिक आयु और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए होम वोटिंग के विकल्प का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया, ताकि इन श्रेणियों के ज्यादा से ज्यादा मतदाता अधिक सुविधाजनक ढ़ंग से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें. वर्तमान में उपचुनाव वाले 7 विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के 19,674 और 22,834 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किए गए हैं, जो होम वोटिंग के पात्र हैं. उन्होंने बताया कि उपचुनाव के लिए 23 अक्टूबर तक बीएलओ द्वारा पात्र मतदाताओं से विकल्प-पत्र के रूप में फॉर्म 12डी प्राप्त किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक समावेशी हो सकेगी तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सभी लोगों की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकेगा. महाजन ने कहा कि उपचुनाव क्षेत्रों में जिला स्तर पर स्थापित एवं संचालित कंट्रोल रूम में फोन नंबर 1950 पर डायल कर शिकायत दर्ज करने और उनके निस्तारण की व्यवस्था पर औचक निरीक्षण करें. उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने तथा सभी मतदान केन्द्रों पर आयोग के निर्देशानुसार पेयजल, छाया, शौचालय, व्हीलचेयर आदि न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

पढ़ें: उपचुनाव तारीखों के ऐलान के बाद मदन राठौड़ बोले-पहली परीक्षा है, इसमें कांग्रेस से उनकी सीटें छीन लेंगे

7 क्षेत्रों में 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता: बैठक में बताया गया कि 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19,36,533 मतदाताओं में से 10,04,283 पुरुष कुल 9,32,243 महिला और 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इन मतदाताओं के लिए शहरी क्षेत्रों में 241 और ग्रामीण इलाकों में 1621 सहित कुल 1862 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. कुल 53 सहायक मतदान केन्द्र भी प्रस्तावित हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उपचुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में कम मतदान के अलग-अलग कारणों को चिन्हित करने और फिर उसके अनुरूप मतदाताओं को अधिक मतदान के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि बेहतर मतदान प्रतिशत के लिए सभी स्तर पर अधिकारियों को समाज-समुदाय के बीच पहुंचकर आम लोगों के साथ समन्वय करना होगा. उन्होंने मतदाता पहचान-पत्र नहीं होने की स्थिति में 12 वैकल्पिक दस्तावेजों की मदद से मतदान किए जा सकने के बारे में मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता जताई.

सोशल मीडिया पर संवेदनशील पोस्ट पर जीरो टॉलरेंस: महाजन ने चुनाव के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी संवेदनशील पोस्ट की जानकारी मिलने पर स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और समुचित कार्रवाई की जाए. इस विषय पर निर्वाचन विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा. उन्होंने जिला अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर टेलीकॉम कंपनियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि चुनावी विज्ञापन और प्रचार-प्रसार से सम्बंधित ऑडियो-वीडियो सन्देश, अपील आदि जिला अथवा राज्य स्तर पर अधिप्रमाणित होने पर ही प्रसारित की जाए.

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दौसा, नागौर, डूंगरपुर, टोंक, झुंझुनू, अलवर और सलूम्बर के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपचुनाव के तैयारियों, विभिन्न भौतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता, चुनाव प्रक्रिया के लिए अधिकारियों-कार्मिकों के नियोजन और प्रशिक्षण की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए. अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करवाई जा रही है और सार्वजनिक-निजी संपत्ति पर प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने संबंधी निर्देशों के लिए 24, 48 और 72 घंटे की समय-सीमा के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है. ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों की जांच और रैंडमाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही, चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध है. पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिए.

जयपुर: भारत निर्वाचन आयोग की ओर से प्रदेश की 7 सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख को की घोषणाओं के साथ ही राज्य निर्वाचन विभाग ने भी निष्पक्ष चुनाव को लेकर समीक्षा शुरू कर दी है. उपचुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और भय रहित माहौल में करवाने के लिए निर्वाचन विभाग माइक्रो आब्जर्वर और सेक्टर ऑफिसर के रूप में अतिरिक्त मानव संसाधन नियोजित किए जाएंगे. इस क्रम में निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी-कार्मिक अधिक संवेदनशील और सतर्क रहकर कार्य करेंगे. साथ ही, जागरूकता गतिविधियां बढ़ाकर अधिकाधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने उपचुनाव वाले क्षेत्रों के जिला निर्वाचन अधिकारियों, रिटर्निंग अधिकारियों (आरओ), पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस बैठक में इस सम्बन्ध में निर्देश दिए.

संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान हो: उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने कहा कि सभी रिटर्निंग अधिकारी भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का गहनता से अध्ययन करें और तदनुसार अपने टीम सदस्यों को समुचित प्रशिक्षण देकर निर्वाचन को निष्पक्ष और समावेशी प्रक्रिया के रूप में संपन्न करवाएं. महाजन ने जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील मतदान केन्द्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त माइक्रो आब्जर्वर या सेक्टर ऑफिसर की तैनाती कर सकते हैं. धरातल पर नियोजित ये सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी और अधिकारों की पूरी जानकारी रखें तथा आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों की बारे में राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ समय-समय पर बैठक कर सूचनाएं साझा करें.

पढ़ें: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव-2024 की तारीखों का ऐलान, यहां देखें किस जिले के कितने क्षेत्र में लगी आचार सहिंता

भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता: बैठक में राज्य पुलिस नोडल अधिकारी पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) अनिल टांक ने जिला पुलिस अधीक्षकों सहित अन्य पुलिस अधिकारियों से उपचुनाव वाले क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर विशेष निगरानी के लिए निर्देशित किया. उन्होंने बताया कि चुनाव वाले 7 जिलों में से 4 की सीमाएं पड़ोसी राज्यों से लगी हैं, जहां विशेष निगरानी के लिए अंतरराज्यीय सीमा नाके लगाए गए हैं. सभी 7 विधानसभा क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों की पहचान कर सुरक्षा व्यवस्था का समुचित प्रबंधन किया जा रहा है. साथ ही आवश्यकता होने पर केन्द्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी. मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने भी कहा कि सभी विधानसभा क्षेत्रों में सुरक्षित, भय रहित और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें: मंत्री बेढम बोले- कंट्रोल में कानून व्यवस्था, उपचुनाव को लेकर किया ये बड़ा दावा

होम वोटिंग के विकल्प का प्रचार-प्रसार: मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 85 वर्ष से अधिक आयु और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं के लिए होम वोटिंग के विकल्प का जमीनी स्तर पर प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया, ताकि इन श्रेणियों के ज्यादा से ज्यादा मतदाता अधिक सुविधाजनक ढ़ंग से अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें. वर्तमान में उपचुनाव वाले 7 विधानसभा क्षेत्रों में 85 वर्ष से अधिक आयु के 19,674 और 22,834 दिव्यांग मतदाता चिन्हित किए गए हैं, जो होम वोटिंग के पात्र हैं. उन्होंने बताया कि उपचुनाव के लिए 23 अक्टूबर तक बीएलओ द्वारा पात्र मतदाताओं से विकल्प-पत्र के रूप में फॉर्म 12डी प्राप्त किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि इससे चुनाव प्रक्रिया अधिक समावेशी हो सकेगी तथा लोकतान्त्रिक प्रक्रिया में सभी लोगों की भागीदारी बढ़ाने का उद्देश्य हासिल किया जा सकेगा. महाजन ने कहा कि उपचुनाव क्षेत्रों में जिला स्तर पर स्थापित एवं संचालित कंट्रोल रूम में फोन नंबर 1950 पर डायल कर शिकायत दर्ज करने और उनके निस्तारण की व्यवस्था पर औचक निरीक्षण करें. उन्होंने विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आदर्श मतदान केन्द्रों की संख्या बढ़ाने तथा सभी मतदान केन्द्रों पर आयोग के निर्देशानुसार पेयजल, छाया, शौचालय, व्हीलचेयर आदि न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

पढ़ें: उपचुनाव तारीखों के ऐलान के बाद मदन राठौड़ बोले-पहली परीक्षा है, इसमें कांग्रेस से उनकी सीटें छीन लेंगे

7 क्षेत्रों में 10 लाख पुरुष और 9.32 लाख महिला मतदाता: बैठक में बताया गया कि 7 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 19,36,533 मतदाताओं में से 10,04,283 पुरुष कुल 9,32,243 महिला और 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इन मतदाताओं के लिए शहरी क्षेत्रों में 241 और ग्रामीण इलाकों में 1621 सहित कुल 1862 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. कुल 53 सहायक मतदान केन्द्र भी प्रस्तावित हैं.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने उपचुनाव के दौरान मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में कम मतदान के अलग-अलग कारणों को चिन्हित करने और फिर उसके अनुरूप मतदाताओं को अधिक मतदान के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करें. उन्होंने कहा कि बेहतर मतदान प्रतिशत के लिए सभी स्तर पर अधिकारियों को समाज-समुदाय के बीच पहुंचकर आम लोगों के साथ समन्वय करना होगा. उन्होंने मतदाता पहचान-पत्र नहीं होने की स्थिति में 12 वैकल्पिक दस्तावेजों की मदद से मतदान किए जा सकने के बारे में मतदाताओं को जागरूक करने की आवश्यकता जताई.

सोशल मीडिया पर संवेदनशील पोस्ट पर जीरो टॉलरेंस: महाजन ने चुनाव के दौरान सम्बंधित क्षेत्र में सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर किसी संवेदनशील पोस्ट की जानकारी मिलने पर स्थानीय स्तर पर ही त्वरित और समुचित कार्रवाई की जाए. इस विषय पर निर्वाचन विभाग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा. उन्होंने जिला अधिकारियों को स्थानीय स्तर पर टेलीकॉम कंपनियों के साथ समन्वय कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि चुनावी विज्ञापन और प्रचार-प्रसार से सम्बंधित ऑडियो-वीडियो सन्देश, अपील आदि जिला अथवा राज्य स्तर पर अधिप्रमाणित होने पर ही प्रसारित की जाए.

वीडियो कांफ्रेंस के दौरान दौसा, नागौर, डूंगरपुर, टोंक, झुंझुनू, अलवर और सलूम्बर के जिला निर्वाचन अधिकारियों ने उपचुनाव के तैयारियों, विभिन्न भौतिक एवं मानवीय संसाधनों की उपलब्धता, चुनाव प्रक्रिया के लिए अधिकारियों-कार्मिकों के नियोजन और प्रशिक्षण की स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिए. अधिकारियों ने बताया कि सभी जिलों में आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करवाई जा रही है और सार्वजनिक-निजी संपत्ति पर प्रचार-प्रसार सामग्री हटाने संबंधी निर्देशों के लिए 24, 48 और 72 घंटे की समय-सीमा के अनुरूप कार्रवाई की जा रही है. ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों की जांच और रैंडमाइजेशन किया जा चुका है. साथ ही, चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी आवश्यक सामग्री भी पर्याप्त रूप से उपलब्ध है. पुलिस अधिकारियों ने कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिए.

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