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बांसवाड़ा : सड़क पर पिता का शव लिए 6 घंटे बैठी रही बेटी, पुलिस ने नहीं बढ़ाया मदद का हाथ - बेटी

पिता के शव को लेकर एक बेटी अंतिम संस्कार के इंतजार में खमेरा माता जी के मंदिर के पास 6 घंटे शव रोड़ पर रखे बैठी विलाप करती रही. लेकिन, पुलिस ने उसकी कोई मदद नहीं की.

पुलिस थाना, खमेरा
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Published : Jun 25, 2019, 11:20 AM IST

घाटोल(बांसवाडा ). घाटोल-खमेरा थान क्षेत्र के कुंडा गांव में एक बुजुर्ग की उदयपुर में सड़क हादसे में घायल होने के बाद रविवार सुबह मौत हो गई. उसकी बेटी जब पिता के शव को अंतिम संस्कार कराने गांव गई तो पुराने विवाद को लेकर परिजनों ने शव का गांव में अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया. पुलिस से मदद मांगने पर पुलिस ने भी उनके विभाग का मामला नहीं होना बताकर टालमटोल करती रही.

अन्तिम संस्कार के लिए लगाई पुलिस से मदद की आस में शव के साथ 6 घण्टे तक सड़क पर बैठी रही बेटी
जानकारी के अनुसार 55 वर्षीय मृतक कालू पर उसके छोटे भाई रावजी की पुत्रवधू के हत्या का आरोप लगा था. जिसके चलते हत्या के आरोप में कालू जेल में सजा भी काट चुका था. उसके बाद से कालू को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया था. कालू उदयपुर मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहा था. मृतक पांच दिन पहले बुधवार को उदयपुर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. इसके बाद कालू के कोई बेटा नहीं होने से उसकी बेटी रूपा कालू को बुआ की लड़की के घर रामली ले आई. जहां पर कालू ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया. उसके बाद बेटी रूपा और दामाद ने अपने पिता के शव के अंतिम संस्कार के लिए काका एवं परिजनों से सम्पर्क किया तो परिजनों ने गांव में अन्तिम संस्कार कराने से मना कर दिया.

जब बेटी रुपा और खेरवा सरपंच सुरमा पारगी ने खमेरा थाना पुलिस से हस्तक्षेप मांगा तो पुलिस ने अपने स्तर पर अन्तिम संस्कार कराने का कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया. बेटी और दामाद ने पुलिस थाने के कई चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की. जिसके चलते एक बेटी अपने पिता के शव का अंतिम संस्कार कराने के इंतजार में खमेरा माता जी के मंदिर के पास 6 घण्टे शव रोड़ पर रखे बैठी विलाप करती रही. जब देर शाम मामले की जानकारी घाटोल डिप्टी ताराराम बेरवा के पास पहुंची तो डिप्टी ने मामले को गंभीरता से लिया और मौके पर पहुंच परिजनों से समझाइश कर शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी करवाया. इसके बाद रविवार देर शाम शव का अंतिम संस्कार हो पाया.

घाटोल(बांसवाडा ). घाटोल-खमेरा थान क्षेत्र के कुंडा गांव में एक बुजुर्ग की उदयपुर में सड़क हादसे में घायल होने के बाद रविवार सुबह मौत हो गई. उसकी बेटी जब पिता के शव को अंतिम संस्कार कराने गांव गई तो पुराने विवाद को लेकर परिजनों ने शव का गांव में अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया. पुलिस से मदद मांगने पर पुलिस ने भी उनके विभाग का मामला नहीं होना बताकर टालमटोल करती रही.

अन्तिम संस्कार के लिए लगाई पुलिस से मदद की आस में शव के साथ 6 घण्टे तक सड़क पर बैठी रही बेटी
जानकारी के अनुसार 55 वर्षीय मृतक कालू पर उसके छोटे भाई रावजी की पुत्रवधू के हत्या का आरोप लगा था. जिसके चलते हत्या के आरोप में कालू जेल में सजा भी काट चुका था. उसके बाद से कालू को गांव से बहिष्कृत कर दिया गया था. कालू उदयपुर मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहा था. मृतक पांच दिन पहले बुधवार को उदयपुर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था. इसके बाद कालू के कोई बेटा नहीं होने से उसकी बेटी रूपा कालू को बुआ की लड़की के घर रामली ले आई. जहां पर कालू ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया. उसके बाद बेटी रूपा और दामाद ने अपने पिता के शव के अंतिम संस्कार के लिए काका एवं परिजनों से सम्पर्क किया तो परिजनों ने गांव में अन्तिम संस्कार कराने से मना कर दिया.

जब बेटी रुपा और खेरवा सरपंच सुरमा पारगी ने खमेरा थाना पुलिस से हस्तक्षेप मांगा तो पुलिस ने अपने स्तर पर अन्तिम संस्कार कराने का कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया. बेटी और दामाद ने पुलिस थाने के कई चक्कर काटे लेकिन पुलिस ने कोई मदद नहीं की. जिसके चलते एक बेटी अपने पिता के शव का अंतिम संस्कार कराने के इंतजार में खमेरा माता जी के मंदिर के पास 6 घण्टे शव रोड़ पर रखे बैठी विलाप करती रही. जब देर शाम मामले की जानकारी घाटोल डिप्टी ताराराम बेरवा के पास पहुंची तो डिप्टी ने मामले को गंभीरता से लिया और मौके पर पहुंच परिजनों से समझाइश कर शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी करवाया. इसके बाद रविवार देर शाम शव का अंतिम संस्कार हो पाया.

Intro:घाटोल(बांसवाडा) - घाटोल-खमेरा थान क्षेत्र के कुंडा गांव में बुजुर्ग की उदयपुर में सड़क हादसे में घायल होने के बाद खमेरा मैं रविवार सुबह दम तोड़ दिया इससे आहत बेटी जब पिता के शव को अंतिम संस्कार कराने बेटा गांव गई तो पुराने विवाद को लेकर परिजनों ने शव का गांव में अंतिम संस्कार कराने से मना कर दिया रिलीज बेटी जब शव के अंतिम संस्कार मैं पुलिस से मदद के लिए है वह लगाई तो पुलिस ने भी उनके विभाग का मामला नहीं होना बताकर टालमटोल करती रही। Body:गौरतलब है कि 55 वर्षीय कालू पर उसके छोटे भाई रावजी की पुत्रवधू के हत्या का आरोप लगा था। जिसके चलते क्या के आरोप में कालू जेल में सजा भी काट चुका था। जिसके बाद से कालू को गांव से बहिष्कृत कर दिया था और कालो उदयपुर मजदूरी कर अपना गुजारा चला रहा था।मृतक कालू का पांच दिन पहले बुधवार को उदयपुर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था इसके बाद कालू के कोई कोई बेटा नही होने से उसकी बेटी रूपा कालू को बुआ की लड़की के घर रामली ले आई। जहां पर कालू ने सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। उसके बाद बेटी रूपा ओर ओर दामाद ने अपने पिता के शव के अंतिम संस्कार के लिये काका व परिजनों से सम्पर्क किया तो परिजनों ने गांव में अन्तिमसँस्कार कराने से मना कर दिया। जब बेटी रुपावा खेरवा सरपंच सुरमा पारगी ने खमेरा थाना पुलिस से हस्तक्षेप मांगा तो पुलिस ने अपने स्तर पर अन्तिमसँस्कार करना कहते हुए मदद करने से इनकार कर दिया। बेटी और दामाद ने पुलिस थाने के कई चक्कर काटे लेकिन पुलिस का इंसानियत के नाते भी दिल नही पसीजा।जिसके चलते एक बेटी अपने पिता के शव कराने के इंतजार में खमेरा माता जी के मंदिर के पास 6 घण्टे शव रोड़ पर रखें बैठी विलाप करती रही। जब देर शाम मामले की जानकारी घाटोल डिप्टी ताराराम बेरवा के पास पहुंची तो डिप्टी ने मामले को गंभीरता से लिया और मौके पर पहुंच परिजनों से समझाइश कर शव के अंतिम संस्कार के लिए राजी करवाया इसके बाद रविवार देर शाम शव का अंतिम संस्कार हो पाया।

बाईट 1- मृतक कालू का दामाद।
2- बेटी रूपा।Conclusion:
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