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बांसवाड़ा : किसान ऋण माफी का भूत फिर मैदान में, एक ही मोहल्ले में 16 लाख का घोटाला...

लीमथान लैंप्स में किसानों के नाम से फर्जी तरीके से ऋण ले लिया गया और सरकार की स्कीम के तहत माफ भी हो गया. मामला लीमथान एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसायटी का है.

किसान ऋण माफी में 16 लाख का घोटाला
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Published : Jul 12, 2019, 8:19 PM IST

बांसवाड़ा. किसान कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. लीमथान लैंप्स में किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से ऋण ले लिया गया और सरकार की स्कीम के तहत माफ भी हो गया. इस मामले को लेकर किसान शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन दिया.

किसान ऋण माफी में 16 लाख का घोटाला

ग्रामीणों की मानें तो सोसायटी प्रबंधन द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए किसानों से आधार कार्ड और राशन कार्ड ले लिए गए और खाली कागजों पर साइन करवा दिए गए. किसानों से कहा गया कि इससे उनकी पुरानी बात माफ हो जाएगी और आर्थिक सहायता भी मिल सकेगी. जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में प्रभावित काश्तकारों ने आरोप लगाया कि छल-कपट कर उनके नाम से ऋण ले लिया गया और राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत माफ भी हो गया. सारी प्रक्रिया ऑफलाइन होने के कारण उन्हें पता नहीं चला. ऋण माफी में उनके नाम सामने आने के बाद ऑनलाइन चेक किया गया.

एक ही मोहल्ले के 28 लोगों के नाम करीब 16 लाख रुपये का ऋण माफ होना सामने आया है. इसके बाद प्रभावित काश्तकार शिकायत लेकर फरवरी में जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और मामले की जांच करवाने की गुहार लगाई. चौंकाने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन जांच नहीं करवा पाया और ग्रामीणों को फिर से कलेक्ट्रेट पहुंचना पड़ा. प्रभावित काश्तकारों में शामिल हीरा लाल निनामा के अनुसार एक ही मोहल्ले में करीब 16 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में यदि पूरी पंचायत के मामलों की जांच की जाए तो घोटाले का यह आंकड़ा और कई गुना बढ़ सकता है.

बांसवाड़ा. किसान कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. लीमथान लैंप्स में किसानों के नाम पर फर्जी तरीके से ऋण ले लिया गया और सरकार की स्कीम के तहत माफ भी हो गया. इस मामले को लेकर किसान शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन दिया.

किसान ऋण माफी में 16 लाख का घोटाला

ग्रामीणों की मानें तो सोसायटी प्रबंधन द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए किसानों से आधार कार्ड और राशन कार्ड ले लिए गए और खाली कागजों पर साइन करवा दिए गए. किसानों से कहा गया कि इससे उनकी पुरानी बात माफ हो जाएगी और आर्थिक सहायता भी मिल सकेगी. जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में प्रभावित काश्तकारों ने आरोप लगाया कि छल-कपट कर उनके नाम से ऋण ले लिया गया और राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत माफ भी हो गया. सारी प्रक्रिया ऑफलाइन होने के कारण उन्हें पता नहीं चला. ऋण माफी में उनके नाम सामने आने के बाद ऑनलाइन चेक किया गया.

एक ही मोहल्ले के 28 लोगों के नाम करीब 16 लाख रुपये का ऋण माफ होना सामने आया है. इसके बाद प्रभावित काश्तकार शिकायत लेकर फरवरी में जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और मामले की जांच करवाने की गुहार लगाई. चौंकाने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन जांच नहीं करवा पाया और ग्रामीणों को फिर से कलेक्ट्रेट पहुंचना पड़ा. प्रभावित काश्तकारों में शामिल हीरा लाल निनामा के अनुसार एक ही मोहल्ले में करीब 16 लाख रुपये का फर्जीवाड़ा हुआ है. ऐसे में यदि पूरी पंचायत के मामलों की जांच की जाए तो घोटाले का यह आंकड़ा और कई गुना बढ़ सकता है.

Intro:बांसवाड़ाl किसान कर्ज माफी योजना में गड़बड़ी की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैl लीमथान लैंप्स में किसानों के नाम से फर्जी तरीके से ऋण ले लिया गया और सरकार की स्कीम के तहत माफ भी हो गयाl इस मामले को लेकर किसान शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचेl


Body:मामला लीमथान लास्ट एग्रीकल्चर मल्टीपरपज सोसायटी का हैl ग्रामीणों की मानें तो सोसायटी प्रबंधन द्वारा सरकारी योजनाओं के लाभ के लिए किसानों से आधार कार्ड और राशन कार्ड ले लिए गए और खाली कागजों पर साइन करवा दिए गएl किसानों से कहा गया कि इससे उनकी पुरानी बात याद माफ हो जाएगी और आर्थिक सहायता भी मिल सकेगीl जिला कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन में प्रभावित काश्तकारों ने आरोप लगाया कि छल कपट कर उनके नाम से ऋण ले लिया गया और राज्य सरकार की योजना के अंतर्गत माफ़ भी हो गयाl सारी प्रक्रिया ऑफलाइन होने के कारण उन्हें पता नहीं चलाl ऋण माफी में उनके नाम सामने आने के बाद ऑनलाइन चेक किया गयाl


Conclusion:एक ही मोहल्ले के 28 लोगों के नाम करीब ₹1600000 का ऋण माफ होना सामने आयाl इसके बाद प्रभावित काश्तकार शिकायत लेकर फरवरी में जिला कलेक्टर के पास पहुंचे और मामले की जांच करवाने की गुहार लगाईl चौंकाने वाली बात यह है कि जिला प्रशासन जांच नहीं करवा पाया और ग्रामीणों को फिर से कलेक्ट्रेट पहुंचना पड़ गयाl प्रभावित काश्तकारों में शामिल हीरा लाल निनामा के अनुसार एक ही मोहल्ले में करीब 1600000 रुपए का फर्जीवाड़ा हुआ है ऐसे में यदि पूरी पंचायत के मामलों की जांच की जाए तो घोटाले का यह आंकड़ा और कई बढ़ सकता हैl हमने जिला कलेक्टर से लैंप्स के इस फर्जीवाड़े की जांच की गुहार लगाई हैl

बाइट..... हीरा लाल निनामा प्रभावित किसान
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