ETV Bharat / state

घाटोल में बाल संरक्षण समिति गठित...बाल श्रम मुक्ति के लिए बनी कार्य योजना - Meeting in ghatol

घाटोल में बाल संरक्षण समिति ने अपनी वार्षिक कार्य योजना तैयार की. इस दौरान सेव द चिल्ड्रेन एवं वागधारा संस्था की ओर से बच्चों के अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.

Rajasthan latest hindi new,  Banswara latest Hindi news
बाल संरक्षण समिति ने अपनी वार्षिक कार्य योजना तैयार की
author img

By

Published : Feb 1, 2021, 9:25 PM IST

घाटोल(बांसवाड़ा). सेव द चिल्ड्रेन एवं वागधारा संस्था की ओर से बाल संरक्षण सेवाओं के लिए ग्राम पंचायत सेनवासा में सोमवार को मासिक बैठक आयोजित की गई. जिसमें समिति को प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए प्रथम चरण बाल संरक्षण वार्षिक कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा कर कार्य योजना को अंतिम रूप प्रदान किया गया. सेव द चिल्ड्रन एवं वागधारा संस्था की ओर से संचालित चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के तहत बाल संरक्षण ढांचों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है.

ग्राम पंचायत सेनावासा के सरपंच श्री गणपत कटारा ने बताया कि समिति की ओर से यह तय किया गया कि पंचायत की बाल संरक्षण कार्ययोजना का निर्माण होना अति आवश्यक है. जिससे यह स्पष्ट हो पाये कि हमारी समिति की ओर से पंचायत में बच्चों को किस तरह की सेवाओं और सुविधाओं से जोड़ा जाना है. ताकि हम ग्राम पंचायत को बाल संरक्षण युक्त एवं बाल मैत्री पंचायत का दर्जा प्रदान करा पाए.

सेव द चिल्ड्रेन के दिनेश कुमार ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से क्रियान्वित बाल संरक्षण सेवाओं (CPS) योजना के तहत उक्त बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है. साथ ही उक्त योजना के अनुसार प्रत्येक पंचायत स्तर पर उक्त समिति की सहायता से वंचितता आंकलन किया गया है. जिसमे ग्राम पंचायत में जोखिमता में जीवनयापन करने वाले बच्चों तथा अनाथ बच्चे, एकल अभिभावक बच्चे, विशेष योग्यजन बच्चे, शिक्षा से वंचित बच्चे, विभिन्न प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार सहने वाले बच्चें आदि को चिन्हित किया गया है. जिन्हे उपलब्ध सेवाओं से जोड़ने तथा सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए बाल संरक्षण कार्य योजना का निर्माण होना अति आवश्यक है.

पढ़ें- कौन थे राजा बांसिया भील, जंगल के बीच कैसे बसाया गया बांसवाड़ा ? जानें रोचक इतिहास

बैठक मे मोहन लाल एवं नरेश बुनकर ने वंचितता आंकलन उपरांत पाई गई वस्तुस्थिति से उपस्थित समस्त सदस्यों को अवगत करवाया. जोखिमता की श्रेणीवार स्थिति तथा उस हेतु किए जाने वाले प्रयास तथा संबन्धित सदस्यों की ज़िम्मेदारी तय की गई, जिसे एक निश्चित समय सीमा में पूर्ण किया जाना है. बैठक में समिति के अन्य सदस्य वार्डपंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, अध्यापक और समुदाय के सक्रिय सदस्य शामिल हुए.

बाल संरक्षण की समिति में बाल प्रतिनिधि के तौर पर 5 बच्चों ने भाग लिया. जिन्होने समिति को बताया कि हमारे जो साथी शिक्षा से वंचित हो गए है या नियमित विद्यालय नहीं आ पाते है उनकी सूचना हम इस समिति की आगामी बैठक मे देंगे तथा सभी बच्चों को विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करेंगे.

ग्राम पंचायत सेनवासा की ओर से अपने ग्राम पंचायत में बच्चो की वस्तु स्थिति तथा विभिन्न जोखिमताओं की वार्डवार स्थिति प्राप्त करने के लिए समस्त संबंधितों को ज़िम्मेदारी प्रदान की गई. दौरान यह तय किया गया कि आगामी 2 माह में इस समिति की ओर से ग्राम पंचायत को बाल श्रम मुक्त पंचायत घोषित करने का लक्ष्य है.

घाटोल(बांसवाड़ा). सेव द चिल्ड्रेन एवं वागधारा संस्था की ओर से बाल संरक्षण सेवाओं के लिए ग्राम पंचायत सेनवासा में सोमवार को मासिक बैठक आयोजित की गई. जिसमें समिति को प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए प्रथम चरण बाल संरक्षण वार्षिक कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा कर कार्य योजना को अंतिम रूप प्रदान किया गया. सेव द चिल्ड्रन एवं वागधारा संस्था की ओर से संचालित चाइल्ड राइट्स फॉर चेंज परियोजना के तहत बाल संरक्षण ढांचों को मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है.

ग्राम पंचायत सेनावासा के सरपंच श्री गणपत कटारा ने बताया कि समिति की ओर से यह तय किया गया कि पंचायत की बाल संरक्षण कार्ययोजना का निर्माण होना अति आवश्यक है. जिससे यह स्पष्ट हो पाये कि हमारी समिति की ओर से पंचायत में बच्चों को किस तरह की सेवाओं और सुविधाओं से जोड़ा जाना है. ताकि हम ग्राम पंचायत को बाल संरक्षण युक्त एवं बाल मैत्री पंचायत का दर्जा प्रदान करा पाए.

सेव द चिल्ड्रेन के दिनेश कुमार ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से क्रियान्वित बाल संरक्षण सेवाओं (CPS) योजना के तहत उक्त बाल संरक्षण समितियों का गठन किया गया है. साथ ही उक्त योजना के अनुसार प्रत्येक पंचायत स्तर पर उक्त समिति की सहायता से वंचितता आंकलन किया गया है. जिसमे ग्राम पंचायत में जोखिमता में जीवनयापन करने वाले बच्चों तथा अनाथ बच्चे, एकल अभिभावक बच्चे, विशेष योग्यजन बच्चे, शिक्षा से वंचित बच्चे, विभिन्न प्रकार की हिंसा और दुर्व्यवहार सहने वाले बच्चें आदि को चिन्हित किया गया है. जिन्हे उपलब्ध सेवाओं से जोड़ने तथा सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए बाल संरक्षण कार्य योजना का निर्माण होना अति आवश्यक है.

पढ़ें- कौन थे राजा बांसिया भील, जंगल के बीच कैसे बसाया गया बांसवाड़ा ? जानें रोचक इतिहास

बैठक मे मोहन लाल एवं नरेश बुनकर ने वंचितता आंकलन उपरांत पाई गई वस्तुस्थिति से उपस्थित समस्त सदस्यों को अवगत करवाया. जोखिमता की श्रेणीवार स्थिति तथा उस हेतु किए जाने वाले प्रयास तथा संबन्धित सदस्यों की ज़िम्मेदारी तय की गई, जिसे एक निश्चित समय सीमा में पूर्ण किया जाना है. बैठक में समिति के अन्य सदस्य वार्डपंच, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, अध्यापक और समुदाय के सक्रिय सदस्य शामिल हुए.

बाल संरक्षण की समिति में बाल प्रतिनिधि के तौर पर 5 बच्चों ने भाग लिया. जिन्होने समिति को बताया कि हमारे जो साथी शिक्षा से वंचित हो गए है या नियमित विद्यालय नहीं आ पाते है उनकी सूचना हम इस समिति की आगामी बैठक मे देंगे तथा सभी बच्चों को विद्यालय जाने के लिए प्रेरित करेंगे.

ग्राम पंचायत सेनवासा की ओर से अपने ग्राम पंचायत में बच्चो की वस्तु स्थिति तथा विभिन्न जोखिमताओं की वार्डवार स्थिति प्राप्त करने के लिए समस्त संबंधितों को ज़िम्मेदारी प्रदान की गई. दौरान यह तय किया गया कि आगामी 2 माह में इस समिति की ओर से ग्राम पंचायत को बाल श्रम मुक्त पंचायत घोषित करने का लक्ष्य है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.