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बांसवाड़ा: वन भूमि पर फसल को विभाग ने किया नष्ट, प्रभावित लोगों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे सांसद कटारा

बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में वन भूमि पर की गई खेती को विभाग के कर्मचारियों ने वनाधिकार का उल्लंघन के तहत नष्ट कर दिया है. जिसके बाद क्षेत्र के आदिवासी लोगों ने पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई के साथ सांसद कनकमल कटारा को ज्ञापन दिया. मामले को देखते हुए सांसद ने तुरंत कलेक्ट्रेट पहुंच कर जिला कलेक्टर के सामने समस्या रखी.

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वन भूमि पर फसल नष्ट करने के मामले को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे सांसद
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Published : Jul 10, 2020, 10:24 PM IST

बांसवाड़ा. जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में आदिवासी लोगों की ओर से खरीफ फसलों की बुवाई के बाद अचानक वन विभाग की कार्रवाई से लोग सहम गए. विभाग के कर्मचारियों ने वनाधिकार का उल्लंघन मानते हुए बड़ी-बड़ी फसलों को रौंद दिया. मामला जब पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई के पास पहुंचा तो प्रभावित लोगों के साथ बांसवाड़ा पहुंचे. यहां सांसद कनकमल कटारा के समक्ष व्यथा रखी. जिसके बाद सांसद भी ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए और कलेक्टर के समक्ष उन लोगों की समस्या को रखा.

वन भूमि पर फसल नष्ट करने के मामले को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे सांसद

जानकारी के अनुसार वन विभाग की ओर से कुशलगढ़ इलाके में बड़े पैमाने पर इस प्रकार की कार्रवाई किए जाने की बात सामने आ रही है. वन अधिकार अधिनियम के तहत क्षेत्र में बड़े स्तर पर लोगों ने जंगलात की जमीन पर खेती कर रखी है. पता चला है कि इनमें से कई लोगों को विभाग की ओर से अधिकार पत्र नहीं दिया गया. इसके बावजूद बड़े भूभाग पर खेती की जा रही है. अधिकाधिक जमीन पर अधिकार की आस में लोगों ने बड़े-बड़े पेड़ तक साफ कर दिए. इसे देखते हुए वन विभाग की ओर से फसलों को हांक किया गया. इससे घबराए लोग पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई के पास पहुंचे और उनके समक्ष अपनी समस्या रखी.

ये पढ़ें: सांसद कनकमल कटारा का गहलोत सरकार पर निशाना, कहा- डीजल पेट्रोल में सबसे ज्यादा वसूला जा रहा वैट

इस पर भीमा भाई प्रभावित लोगों के साथ शुक्रवार को भाजपा कार्यालय पहुंचे. यहां सांसद कनकमल कटारा को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कटारा भी उन लोगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए. उसी समय जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह भी पहुंचे. पोर्च में ही सांसद ने कलेक्टर को प्रभावित लोगों की समस्या से अवगत कराया और उन्हें राहत दिलाने का आग्रह किया.

पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई ने बताया कि खेतों में दो दो फिट की फसल हो चुकी थी. विभाग को कोई समस्या थी तो फसल देने के बाद भी कार्रवाई की जा सकती थी. इस लापरवाही के कारण लोगों को न केवल खाद बीज बल्कि मेहनत का भी नुकसान हुआ है. उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. इस समस्या का समाधान कर प्रभावित लोगों को राहत दी जानी चाहिए.

बांसवाड़ा. जिले के कुशलगढ़ क्षेत्र में आदिवासी लोगों की ओर से खरीफ फसलों की बुवाई के बाद अचानक वन विभाग की कार्रवाई से लोग सहम गए. विभाग के कर्मचारियों ने वनाधिकार का उल्लंघन मानते हुए बड़ी-बड़ी फसलों को रौंद दिया. मामला जब पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई के पास पहुंचा तो प्रभावित लोगों के साथ बांसवाड़ा पहुंचे. यहां सांसद कनकमल कटारा के समक्ष व्यथा रखी. जिसके बाद सांसद भी ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंच गए और कलेक्टर के समक्ष उन लोगों की समस्या को रखा.

वन भूमि पर फसल नष्ट करने के मामले को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे सांसद

जानकारी के अनुसार वन विभाग की ओर से कुशलगढ़ इलाके में बड़े पैमाने पर इस प्रकार की कार्रवाई किए जाने की बात सामने आ रही है. वन अधिकार अधिनियम के तहत क्षेत्र में बड़े स्तर पर लोगों ने जंगलात की जमीन पर खेती कर रखी है. पता चला है कि इनमें से कई लोगों को विभाग की ओर से अधिकार पत्र नहीं दिया गया. इसके बावजूद बड़े भूभाग पर खेती की जा रही है. अधिकाधिक जमीन पर अधिकार की आस में लोगों ने बड़े-बड़े पेड़ तक साफ कर दिए. इसे देखते हुए वन विभाग की ओर से फसलों को हांक किया गया. इससे घबराए लोग पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई के पास पहुंचे और उनके समक्ष अपनी समस्या रखी.

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इस पर भीमा भाई प्रभावित लोगों के साथ शुक्रवार को भाजपा कार्यालय पहुंचे. यहां सांसद कनकमल कटारा को इस संबंध में ज्ञापन दिया गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए कटारा भी उन लोगों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंच गए. उसी समय जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह भी पहुंचे. पोर्च में ही सांसद ने कलेक्टर को प्रभावित लोगों की समस्या से अवगत कराया और उन्हें राहत दिलाने का आग्रह किया.

पूर्व संसदीय सचिव भीमा भाई ने बताया कि खेतों में दो दो फिट की फसल हो चुकी थी. विभाग को कोई समस्या थी तो फसल देने के बाद भी कार्रवाई की जा सकती थी. इस लापरवाही के कारण लोगों को न केवल खाद बीज बल्कि मेहनत का भी नुकसान हुआ है. उनके सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. इस समस्या का समाधान कर प्रभावित लोगों को राहत दी जानी चाहिए.

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