बांसवाड़ा. राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर का जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन शुक्रवार को गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के सभागार में शुरू हुआ. बता दें कि सम्मेलन में वक्ताओं की ओर से शिक्षकों की समस्या के साथ शिक्षण व्यवस्था को और कैसे बेहतर बनाया जा सकता है इस पर मंथन किया गया. वहीं, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जनजाति मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया थे.
संगठन के पदाधिकारियों ने सम्मेलन के पहले दिन शिक्षकों के साथ शैक्षणिक व्यवस्था पर चर्चा की. क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या बच्चों के स्कूल में एडमिशन के बाद 2 से 3 महीने बाद उनका ड्रॉपआउट होना है. इसे रोकने के लिए संगठन की ओर से बाल सभा का सहारा ले जाने की आवश्यकता जताई है. अभिभावकों को बाल सभा के जरिए बच्चों के स्कूल ठहराव के लिए प्रेरित किया जाएगा.
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वक्ताओं ने 6 डी पर अधिकारियों के रवैया को कोसते हुए कहा कि 5 साल बाद शिक्षकों का माध्यमिक शिक्षा में सेट अप करना होता है लेकिन शिक्षा अधिकारी अपने खास लोगों को इसका लाभ दे रहे हैं. यह शिक्षकों के साथ कुठाराघात है. साथ ही न्यू पेंशन स्कीम के प्रति विरोध जताते हुए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग की गई. अतिथियों से उनकी यह मांग सरकार के समक्ष रखे जाने का आग्रह किया गया.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री बामणिया ने सरकार की ओर से शैक्षणिक व्यवस्था को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. विशिष्ट अतिथि मालवीय ने उनकी मांगों के प्रति समर्थन जताते हुए कहा कि वह मामले को सरकार के सामने ले जाएंगे. संगठन के जिला अध्यक्ष वालजी के अनुसार पहले दिन समस्याओं पर चर्चा के साथ शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में भी सोच विचार किया गया.