बांसवाड़ा. भाजपा के सभी 21 नव-निर्वाचित पार्षद बाड़ाबंदी से निकलकर कल ही बांसवाड़ा पहुंच गए थे. पार्टी अब भी सभापति पद को लेकर आशान्वित है. इसके साथ ही सभापति पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है. चुनाव के दौरान सभापति पद का चेहरा घोषित करने से बच रही पार्टी ने अब ओम पालीवाल को चुनाव बनाने का ऐलान किया है.
पार्टी के इस ऐलान से शहर के लोग भी हतप्रभ है, क्योंकि भाजपा को अब भी 10 पार्षदों की जरूरत है, जबकि चार निर्दलीय पार्षद चुनाव मैदान मार कर आए थे. उनमें से भी केवल 2 पार्षद ही पार्टी के बागी होकर चुनावी मैदान में कूदे थे. भाजपा के इस निर्णय से फिलहाल कांग्रेस के कान खड़े हो गए हैं. कांग्रेस को 36 सीटें मिली हैं और बहुमत से 5 सीटें उसके पास अधिक हैं. इसके अलावा भी तीन निर्दलीय पार्षदों का भी उसे समर्थन मानकर चला जा रहा है.
यह भी पढ़ें- सभापति चुनाव: महज 17 वार्डों में जीतने वाली बीजेपी के सपने बुलंद, कांग्रेस ने नाम तय नहीं किए
इसके बावजूद भाजपा द्वारा सभापति पद का चुनाव लड़ने की घोषणा ने कांग्रेस को सतर्क कर दिया है. कांग्रेस अब किसी भी प्रकार की जोखिम उठाने के मूड में नहीं हैं. पार्टी अब अपने पार्षदों को 26 नवंबर सुबह मतदान प्रक्रिया से पहले तक बांसवाड़ा लाने के मूड में नहीं है. वहीं भाजपा आखिरकार 10 अन्य पार्षदों का जुगाड़ कैसे करेगी. पार्टी नेता फिलहाल अपनी रणनीति को गोपनीय बनाए हुए हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम पालीवाल ने कहा कि पार्टी सभापति का चुनाव लड़ रही हैं. पार्टी ने उन्हें नामांकन पत्र भरने को कहा है.