बांसवाड़ा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विश्वास मत हासिल करने के लिए विधानसभा सत्र बुलाया गया था. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा के चार विधायक सदन से गायब दिखे, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा.
मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बाद नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी मामले को गंभीर माना और संबंधित विधायकों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने के संकेत दिए. इन 4 विधायकों में बांसवाड़ा जिले के भी 2 विधायक कैलाश मीणा और हरेंद्र निनामा शामिल थे.
विधानसभा नहीं पहुंचने का कोई कारण नहीं थाः मीणा
गढ़ी विधायक कैलाश मीणा ने बताया कि उनके विधानसभा नहीं पहुंचने का कोई कारण नहीं था. सुबह पार्टी विधायक दल की बैठक में तय हो गया था कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद विश्वास मत पेश कर रहे हैं तो हमें किसी प्रकार का अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाना है. सदन में जो भी बिल पेश किए जाएंगे, पार्टी के 5 से 7 लोग बहस में भाग लेंगे. विधायक मीणा ने बताया कि उनकी गाड़ी झोटवाड़ा में रिपेयरिंग के लिए गई थी. चालक का फोन आने पर वे झोटवाड़ा के लिए निकल गए. उन्होंने बताया कि लेकिन इसको लेकर मावली विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्म नारायण जोशी को अवगत करा दिया था.
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प्रदेश अध्यक्ष को कर दिया था मैसेजः मीणा
कैलाश मीणा ने कहा कि इस दौरान विधानसभा सत्र 21 जुलाई तक स्थगित किए जाने की भी सूचना मिल गई. उन्होंने बताया कि झोटवाड़ा से गाड़ी लेकर निकले तो जाम में फंस गए, लेकिन इस दौरान भी उन्होंने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उनके पीए और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को मैसेज कर दिया और शाम 4:30 बजे विधानसभा पहुंचकर प्रदेश अध्यक्ष पूनिया से मिले. उन्होंने कहा कि जबरदस्ती यह मामला उछाला गया कि उनका फोन बंद था, जबकि मेरा कोई भी फोन बंद नहीं था. मैं लगातार नेताओं के संपर्क में था.
हाईकमान के समक्ष अपना पक्ष रखने के साथ ही मामला ही खत्म हो गया हैः निनामा
मामले को लेकर घाटोल विधायक हरेंद्र निनामा ने कहा कि जो भी बातें मीडिया में आ रही है, वैसा कुछ भी नहीं था. उन्होंने बताया कि प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने अविश्वास प्रस्ताव लाने से इंकार कर दिया. 15 अगस्त को अपने क्षेत्र में कई कार्यक्रम निर्धारित थे, ऐसे में मैं वहां से निकल गया. कांग्रेस के किसी नेता के संपर्क में होने की बात को सिरे से खारिज करते हुए निनामा ने कहा कि जब से हमने भाजपा ज्वाइन की है, तब से हमारी रगों में पार्टी का खून दौड़ रहा है. हाईकमान के समक्ष अपना पक्ष रखने के साथ ही मामला ही खत्म हो गया है.