जयपुर : सफाई कर्मचारी भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र पर सक्षम अधिकारी के साइन की बाध्यता को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को राजस्थान के बेरोजगार और स्वच्छता सैनिक यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के आवास के बाहर जुटे. हालांकि, इस दौरान यूडीएच मंत्री आवास पर मौजूद नहीं थे. बावजूद इसके प्रदर्शनकारी यही डटे रहे. इस पर पहले तो पुलिस प्रशासन ने उनसे समझाइश की और बाद में हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें यहां से खदेड़ दिया. साथ ही कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया गया.
राजस्थान में 23 हजार 820 पदों पर सफाई कर्मचारियों की भर्ती होनी है. इस भर्ती में अभ्यर्थियों से 1 वर्ष का अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया है. ऐसे में 2018 से पहले बीट, मस्टररोल और संविदा पर कार्यरत कर्मचारी अपना अनुभव प्रमाण पत्र बनाने के लिए कांट्रेक्ट फर्म या ठेकेदार के पास पहुंच रहे हैं. इस पर सीएसआई के वेरिफिकेशन के बाद नगरीय निकायों के सक्षम स्तर के अधिकारी से भी साइन कराए जाने हैं. कर्मचारी नेता राकेश मीणा ने बताया कि अधिकारी सफाई कर्मचारियों का अनुभव प्रमाण पत्र प्रमाणित करने के लिए पीएफ और ईएसआई का रिकॉर्ड मांग रहे हैं, जबकि इस तरह का रिकॉर्ड कहीं उपलब्ध नहीं है. ऐसे में प्रदेश के बेरोजगार और स्वच्छता सैनिक अनुभव प्रमाण पत्र पर सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर की बाध्यता हटाने की मांग को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा के आवास पर पहुंचे और यहां आवास के बाहर ही धरने पर बैठे गए.
कर्मचारी नेता राकेश मीणा ने आरोप लगाया कि इस बाध्यता के चलते नगर निगम में भ्रष्टाचार पनपेगा और अभ्यर्थियों से हस्ताक्षर के एवज में रिश्वत मांगी जाएगी. ऐसे में सरकार भर्ती प्रक्रिया में लागू नियमों में संशोधन करे. धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने पहले प्रदर्शनकारियों से समझाइश की और फिर हल्का बल प्रयोग करते हुए उन्हें वहां से खदेड़ दिया. पुलिस ने करीब 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया. बता दें कि हाल ही में सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए आवेदन की आखिरी तारीख को बढ़ाकर 20 नवंबर किया गया था, लेकिन अभी भी अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बनने की वजह से भर्ती के लिए इच्छुक अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं.