बांसवाड़ा. जिले में पंचायती राज चुनाव के पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है. पहले दौर में करीब 72 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है. हालांकि ग्राम पंचायत संस्थाओं के चुनाव पहले ही हो चुके थे. ऐसे में पंचायत राज की अन्य संस्थाओं के मतदान के प्रतिशत में गिरावट की आशंका जताई जा रही थी, लेकिन पहले फेज में भारी मतदान के सामने दोनों ही दलों के समीकरण लड़खड़ाते नजर आ रहे हैं.
पहले चरण में घाटोल, गढ़ी और अरथुना पंचायत समिति के 69 और जिला परिषद के 10 वार्ड के लिए मतदान हुआ था. घाटोल में 76.47, गढ़ी 67.85 और अरथुना पंचायत समिति क्षेत्र में 73.54 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया. कुल मिलाकर पहले फेज में लगभग 72 फीसदी से अधिक मतदान को लेकर भाजपा कांग्रेस और बीटीपी के नेता भी हैरत में हैं.
इसका कारण यह है कि अब तक पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ होते आए हैं और मतदान को बढ़ाने में ग्राम पंचायत सरपंच और वार्ड पंच की बड़ी भूमिका रहती आई है. वहीं, इस बार ग्राम पंचायत संस्था के चुनाव नहीं होने के बावजूद मतदाता अपने घरों से निकले और पंचायत समिति व जिला परिषद के लिए मतदान किया. मतदान प्रतिशत को लेकर भाजपा और कांग्रेस के समीकरण बदलते दिखाई दे रहे हैं.
भाजपा का कहना है कि राज्य सरकार के खिलाफ हवा के अलावा कांग्रेस में टिकट वितरण में भी भारी गड़बड़ी हुई है. इसके साथ ही कांग्रेस का कहना है कि जनता जान चुकी है कि स्थानीय विकास में राज्य सरकार की भूमिका अहम होती है. ऐसे में कड़ी तोड़कर विकास को बाधित नहीं करना चाहेगी. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान सचिव और नगर परिषद सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी का मानना है कि अब जनता धीरे-धीरे समझदार होती जा रही है.
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स्थानीय विकास में राज्य सरकार की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. ऐसे में मतदाता गांव की सरकार से लेकर राज्य सरकार तक एक कड़ी बनाने को महत्व दे रही है. निश्चित ही पहले चरण में 3 पंचायत समितियां और जिला परिषद के वार्ड हमारे पक्ष में होंगे और हम फिर से जिला प्रमुख और प्रधान बनाने में कामयाब रहेंगे.
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष गोविंद सिंह राव का दावा है कि तीनों ही पंचायत समितियों और जिला परिषद के 10 वार्डों में भारी बहुमत से जीत रहे हैं. कांग्रेस के टिकट वितरण में भारी गड़बड़ी हुई और कार्यकर्ताओं में असंतोष देखा जा रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी किसी से छुपी नहीं है. वहीं, हमारा बूथ मैनेजमेंट कांग्रेस से कहीं बेहतर है. निश्चित ही यह हमारे लिए सकारात्मक कदम होगा.