बांसवाड़ा. चोरी के लिए कुछ लोग अपनी जान को खतरे में डालने से भी नहीं चूकते. शहर पुलिस ने एक ऐसे ही युवक को गिरफ्तार किया है, जो चलती बस की डिग्गी में घुसकर लोगों को लूटता था. वारदात के तरीके को देखते हुए पुलिस के हाथ आखिरकार उसकी गर्दन तक पहुंच ही गए.
200 मोबाइल चोरी
दरअसल, यह मामला बांसवाड़ा से जयपुर जा रही एक ट्रैवल्स बस में 200 मोबाइल चोरी होने से जुड़ा है. बीते सप्ताह एक कुरियर एजेंट ने कोतवाली में चोरी की एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार जयपुर के लिए उसने 16 फरवरी को एक निजी ट्रैवेल्स के जरिए एक पार्सल बुक कराया था. उक्त पार्सल अज्ञात व्यक्ति ने चोरी कर लिया. उसमें लाखों रुपए की कीमत के करीब 200 मोबाइल पीस थे.
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पुलिस के अनुसार उन्होंने मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर प्रतापगढ़ क्षेत्र के केसुंदा गांव निवासी लाला नामक युवक को संदिग्ध मानकर उसकी गतिविधियों पर नजर रखी. इसके बाद पुलिस को सूचना मिली, कि लाला कुछ मोबाइल विक्रेताओं को चोरी के मोबाइल बेचने की फिराक में है. वेरीफिकेशन में सूचना सही पाई गई तो पुलिस ने लाल सिंह को उठा लिया और उससे गहनता से पूछताछ की, तो इस फिल्मी ड्रामा वाली चोरी का पर्दा फाश हो गया.
स्पीड ब्रेकर बने मददगार
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि छोटी सादड़ी में एक ऐसा स्पीड ब्रेकर बना हुआ है कि वहां कोई भी ट्रैवलर्स हो या वाहन उसकी स्पीड बहुत धीमी करनी पड़ती है. वारदात के दिन अपने साथी के साथ वह स्पीड ब्रेकर पर आया. इसके बाद जब बस की स्पीड कम हुई, तो धारदार हथियार के जरिए उसने डिग्गी की कुंडी को तोड़ दिया और खुद डिग्गी में घुस गया. गाड़ी के पीछे उसका साथी चल रहा था. इसके बाद उसने डिग्गी से मोबाइल का पार्सल नीचे गिरा दिया, जो उसके साथी ने उठा लिया.
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कोतवाली थाना प्रभारी भैया लाल आंजना के अनुसार आरोपी से चोरी के 180 मोबाइल बरामद कर लिए गए हैं और उसके साथी की तलाश की जा रही है. आरोपी लाल सिंह इससे पहले भी प्रतापगढ़ क्षेत्र में इसी प्रकार की वारदात को अंजाम दे चुका था. उस वारदात के आधार पर ही वह कोतवाली पुलिस की नजर में आया था.