बांसवाड़ा. जिले के निकट सिंह पुरा गांव में अप्रैल में रीना की लाश उसके घर के पास लाश मिली थी. परिजनों का कहना है, कि घटना की रात गांव के ही कुछ लोगों के साथ वो नौतरा कार्यक्रम में गई थी. अगली सुबह घर के पास लाश पाई गई थी, लेकिन पुलिस ने आत्महत्या का हवाला देकर केस की फाइल को बंद कर दिया था.
बता दें, कि 25 अप्रैल की शाम रीना गांव के ही कुछ लोगों के साथ रुलिया गांव गई थी, जहां नोतरा का कार्यक्रम था. अगली सुबह 5:30 बजे उसके साथ गए लोग तो घर पहुंच गए, लेकिन उसकी पुत्री नहीं पहुंची. घर के निकट स्थित राजू के मकान के पिछवाड़े उसकी पुत्री रीना मृत हालत में मिली. उसके गले में चुन्नी का आधा टुकड़ा लगा हुआ था, जबकि आधा टुकड़ा एक पेड़ पर बंधा मिला. रीना की माता भूलकी ने एसपी के नाम अपने परिवाद में कहा, कि रीना के शव पर चोटों के निशान थे. वहीं कुछ अंगों पर जलने के निशान भी पाए गए. उसके कपड़े भी फटे मिले. उन्होंने गांव के ही एक व्यक्ति पर हत्या का अंदेशा जताते हुए कहा, कि वो काफी समय से उसकी पुत्री पर बुरी नजर रखे हुए था.
पढ़ेंः बांसवाड़ा में रामायण पाठ का आयोजन, बाल संत ने किया भगवान राम का उद्घोष
बता दें, कि घटना से 10 दिन पहले उसने छेड़छाड़ की थी, जिसकी शिकायत परिजनों को की गई. परिवाद में कहा गया, कि पुलिस ने इस मामले में घटना की रात रीना के साथ गए लोगों से पूछताछ नहीं की और जिस व्यक्ति पर अंदेशा जताया गया, उससे भी पूछताछ नहीं की गई. इस कारण उसकी पुत्री की मौत का राज आज तक नहीं खुल पाया है और पुलिस महज आत्महत्या का मामला मानकर फाइल दफ्तर दाखिल करने में झूठी है. परिवाद में किसी अन्य अधिकारी से मामले की जांच करवाने का आग्रह किया गया. इसे लेकर परिजनों ने पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की और उन्हें घटना के बारे में बताया