बांसवाड़ा. जिले में देवस्थान जाने के दौरान नहर में गिरे स्कूल अध्यापक और उनके दोनों बच्चों के शव दूसरे दिन रविवार को नहर के करीब 3 किलोमीटर के रेंज में मिले. पुलिस की काफी तलाश के बाद पहले अध्यापक और बाद में बच्चों के शव नहर में अलग-अलग स्थानों पर मिले. दोपहर में तीनों के शव को पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनको सौंप दिए गए. वहीं इस हृदय विदारक घटना के बाद मृतक के गांव में मातम पसरा हुआ है.
बिगड़ा बैलेंस और बाइक समेत नहर में
पुलिस के अनुसार यह हादसा केवल पूरा इंदिरा कॉलोनी के पास से निकल रही माही डैम की नई मुख्य नहर के पास घटित हुआ. पीपलवा निवासी 40 वर्षीय देवी सिंह अपनी पत्नी दीपिका,13 वर्षीय पुत्र ललित और 3 वर्षीय पुत्री निधि को बाइक पर लेकर भंडारिया हनुमान दर्शन के लिए जा रहा था. केवल पुरा के पास कच्ची रोड पर देवी सिंह बाइक से नियंत्रण खो बैठा और नहर में जा गिरा. बताया जा रहा है कि नहर में करीब 15 फीट तक पानी था. पत्नी दीपिका ने तैर कर अपनी जान बचाई और ग्रामीणों की मदद से बाहर निकली.
गोताखोर और ग्रामीण नहर में कूदे
लोगों की सूचना पर पीपलवा गांव से परिजनों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे. साथ ही सूचना मिलने पर कोतवाली पुलिस के अलावा गोताखोर भी आए. गोताखोरों ने कुछ ग्रामीणों के साथ नहर में देवी सिंह की तलाश की, लेकिन करीब 15 फीट पानी के बहाव के कारण सफलता नहीं मिली.
नहर के गेट बंद करवाए
वहीं भाजपा नेता और पीपलवा निवासी हकरु मईडा की ओर से इस संबंध में जिला कलेक्टर अंतर सिंह को बताया गया. तो उन्होंने माही के गेट बंद करवाएं. हालांकि शाम को पानी का बहाव कम हो गया, लेकिन गोताखोरों की तलाश के बाद भी उनका पता नहीं चल पाया.
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अंततः रविवार सुबह को पुलिस की ओर से फिर तलाशी अभियान चलाया गया. जिसमें दुर्घटना स्थल के आस-पास देवी सिंह का शव बाइक समेत मिल गया. उसके बाद करीब ढाई किलोमीटर दूर पुत्र ललित और करीब साढ़े तीन किलोमीटर दूर पुत्री निधि का शव मिला. इसके बाद तीनों शव को मोर्चरी लाया गया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजन को सौंप दिया गया.
वहीं मृतक के भाई राम सिंह के अनुसार देवी सिंह सुरपुर गांव में बतौर प्राध्यापक पदस्थ था और साल भर से बीमार चल रहा था. उसका उपचार भी चल रहा था, लेकिन कोई राहत नहीं मिली थी. इसी कारण वह देवस्थान पर जा रहा था, हालांकि सुबह उसने हॉस्पिटल जाने की बात कही थी.